लखनऊ : एक तरफा प्यार में विवाहित महिला व उसके पति के दोस्त की हत्या करने के आरोपी गब्बर उर्फ सोहराब अली को सत्र अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 5500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अपर सत्र न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने अपने फैसले में अभियुक्त के अपराध को विरल से विरलतम करार दिया है. कोर्ट ने अभियुक्त को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाने का आदेश दिया है, जब तक कि उसकी मौत न हो जाए, वहीं फांसी की सजा की पुष्टि के लिए इस मामले की समस्त पत्रावली अविलंब हाईकोर्ट को भेजने का भी आदेश दिया है. कोर्ट ने चार सितंबर को गब्बर उर्फ सोहराब को दोषी करार दिया था. गुरुवार को सजा की बिंदू पर सुनवाई के दौरान इसे जेल से जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पेश किया गया था.
अभियोजन ने की थी मृत्यु दण्ड की मांग : सरकारी वकील कृष्ण कुमार साहू व दुष्यंत मिश्र ने सजा के बिंदू पर सुनवाई के दौरान आरोपी को अधिकतम दंड देने की मांग की थी. उनका कहना था कि यह सामान्य हत्या का मामला नहीं है. अभियुक्त ने सोची समझी योजना के तहत चाकू से गोदकर वीभत्स व नृशंस तरीके से हत्या की है.
यह है मामला : नौ अक्टूबर 2012 को रात्रि में करीब आठ बजे उर्वशी तिवारी अपने पति के दोस्त ओम प्रकाश के साथ अपने तीन वर्षीय बच्चे की दवा लेने जा रही थी कि तभी रास्ते में रामकृष्ण मठ के पास आरोपी ने चाकू से गोदकर दोनों को गंभीर रूप से घायल कर दिया. इस घटना की सूचना मिलने पर उर्वशी के पति हरिप्रकाश तिवारी तुरंत मौके पर पहुंचे. दोनों घायलों को ट्रामा सेंटर ले गए. जहां उर्वशी को मृत घोषित कर दिया गया जबकि 17 अक्टूबर को इलाज के दौरान ओम प्रकाश की भी मौत हो गई. इस वारदात की एफआईआर उर्वशी के पति ने थाना हसनगंज में दर्ज कराई थी.
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