लखनऊ: उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक सहरानीय कदम उठाया है. समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लाभार्थी तक समाज कल्याण विभाग की योजनाओं का लाभ पारदर्शी से मिले, इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर नागरिकों से सुझाव मांगे हैं. इसे लेकर पिछले 24 घंटे में हजारों नागरिकों ने अपने सुझाव भी भेजे हैं.
सुझावों के आधार पर तैयार होगी कार्य योजना : नई सरकार के गठन के बाद से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागों से 100 दिन, 6 माह और एक वर्ष की कार्ययोजना तैयार कर योजनाओं का लाभ नागरिकों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में समाज कल्याण विभाग के मंत्री असीम अरुण ने सोशल मीडिया के माध्यम से नागरिकों से सुझाव मांग है. कहा जा रहा है कि इन सुझावों के आधार पर ही एक वर्ष तक की कार्य योजना तैयार की जाएगी.
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कई महत्वपूर्ण योजनाएं विभाग के पास : समाज कल्याण विभाग में समाज के सभी वर्ग के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसमें राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन, छात्रवृत्ति वितरण, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना, आश्रम पद्धति विद्यालय, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह आदि प्रमुख योजनाएं शामिल हैं. इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों के विवाह के लिए विभाग द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है.
24 घंटे में मिले हजारों सुझाव : गौरतलब है कि समाज कल्याण मंत्री की इस पहल से प्रदेश के हजारों की संख्या में लोग जुड़े हैं. लोगों का कहना है कि विभाग ऐसी व्यवस्था बनाए जिसमें योजनाओं की जानकारी समाज के हर वर्ग को मिले और इनका लाभ लेने के लिए किसी को विभागों के चक्कर न लगाने पड़ें. अन्य लोगों का कहना है कि विभाग की सभी योजनाओं को पारदर्शी, जन सहयोगी और सुगम बनाने के लिए आवेदन से लेकर सत्यापन और निर्गतीकरण सभी कार्य कंप्यूटरीकृत कर समयावधि की बाध्यता के साथ पारदर्शी और सरल करने चाहिए.
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