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Scholarship से वंचित रह गए हजारों छात्र, अब अगले सत्र में मिलेगा मौका

प्रदेश में विभिन्न विश्वविद्यालयों शिक्षण संस्थाओं में स्कॉलरशिप से वंचित रह गए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के पूर्व दशम व दशमोत्तर छात्रों की स्कॉलरशिप अब अगले वित्तीय वर्ष में मिलेगी. हालांकि स्कॉलरशिप से वंचित विद्यार्थी 15 अप्रैल से दोबारा से आवेदन कर सकते हैं.

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Published : Apr 4, 2023, 1:54 PM IST

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग को वित्तीय वर्ष 2022-23 के जितने आवेदन प्राप्त हुए थे उनमें से कुल 21.66 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान कर दी गई है. इसके बावजूद करीब 2 लाख 75 हजार से अधिक छात्र ऐसे हैं जिनकी छात्रवृत्ति अभी तक नहीं मिली है. अब ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए अगले वित्तीय वर्ष का इंतजार करना होगा. विभाग का कहना है कि जिन छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है, उनके आवेदन फॉर्म को उनके संस्थानों द्वारा समय पर फॉरवर्ड नहीं करने के कारण छात्रवृत्ति खाते में नहीं भेजी जा सकी. ऐसे में छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें अगले वर्ष की छात्रवृत्ति में मौका दिया जाएगा.

पौने तीन लाख से अधिक आवेदन निरस्त : समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी डाटा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में पिछड़ा वर्ग छात्रों को बड़ा झटका लगा है. विश्वविद्यालय द्वारा 12 मार्च को निर्धारित किए गए अंतिम तिथि तक इन छात्रों के स्कॉलरशिप आवेदन फॉर्म को वेरीफाई कर फॉरवर्ड नहीं किया गया. इस कारण विभिन्न विश्वविद्यालयों के अन्य पिछड़ा वर्ग के करीब 2 लाख 75 हजार से अधिक विद्यार्थियों के फॉर्म रिजेक्ट हो गए हैं. विभाग का कहना है कि ऐसे विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप के लिए कोई निर्णय नहीं हुआ है. ऐसे में यह विद्यार्थी छात्रवृत्ति पाने से वंचित रह गए. समाज कल्याण विभाग का कहना है कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों ने समय रहते छात्रों के डाटा को विभाग की वेबसाइट पर ब्लॉक नहीं किया था. जिसके कारण आवेदन फॉर्म को अलग कर दिया गया है. शेष बचे सारे आवेदनों फॉर्म पोस्ट फॉरवर्ड करते हुए 31 मार्च तक सभी योग्य छात्रों की स्कॉलरशिप भेज दी गई है.

समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी डाटा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 मई सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों के 23 लाख 35 हजार 116 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप की धनराशि उनके बैंक अकाउंट में भेजी गई है. इनमें कक्षा 9-10 के करीब 8 लाख 71 हजार 112 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी गई है. कक्षा 11-12 के 8 लाख 36 हजार 512 विद्यार्थियों को व स्नातक के 6 लाख 27 हजार 483 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप उनके बैंक खातों में भेजी गई है.

समाज कल्याण विभाग का कहना है कि अनुसूचित जाति, सामान्य जाति, पिछड़ी जाति व अल्पसंख्यक वर्ग लाखो आवेदन विश्वविद्यालयों ने समय पर लॉक नहीं किए थे. जिस कारण वह निरस्त हो गए. इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि यह मामला संज्ञान में आने के बाद अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए दोबारा से स्कॉलरशिप पोर्टल खोला गया था. इसके बाद भी कई विश्वविद्यालयों ने समय रहते अपने विश्वविद्यालय के छात्रों का डाटा लॉक नहीं किया. जिस कारण से अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप का लाभ नहीं मिल पाया है.

स्कॉलरशिप से वंचित विद्यार्थी 15 अप्रैल से दोबारा से कर सकते हैं आवेदन : मंत्री असीम अरुण ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में लाखों विद्यार्थी स्कॉलरशिप आने से वंचित रह गए हैं. ऐसे में छात्रों को हो रही परेशानी को देखते हुए विभाग ने पहले ही इसका निदान निकाल लिया है. ऐसे विद्यार्थी जो किसी तकनीकी कारण या व्यवधान से अपने छात्रवृत्ति नहीं पा सके हैं. इन सभी को ध्यान में रखते हुए 15 अप्रैल से 15 जून के मध्य दोबारा से पोर्टल खोला जाएगा. ताकि यह छात्र स्कॉलरशिप के लिए दोबारा से आवेदन कर सकें.

यह भी पढ़ें : भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत की मुजफ्फरनगर एसएसपी से हुई तीखी बहस, फिर...

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग को वित्तीय वर्ष 2022-23 के जितने आवेदन प्राप्त हुए थे उनमें से कुल 21.66 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान कर दी गई है. इसके बावजूद करीब 2 लाख 75 हजार से अधिक छात्र ऐसे हैं जिनकी छात्रवृत्ति अभी तक नहीं मिली है. अब ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए अगले वित्तीय वर्ष का इंतजार करना होगा. विभाग का कहना है कि जिन छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है, उनके आवेदन फॉर्म को उनके संस्थानों द्वारा समय पर फॉरवर्ड नहीं करने के कारण छात्रवृत्ति खाते में नहीं भेजी जा सकी. ऐसे में छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें अगले वर्ष की छात्रवृत्ति में मौका दिया जाएगा.

पौने तीन लाख से अधिक आवेदन निरस्त : समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी डाटा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में पिछड़ा वर्ग छात्रों को बड़ा झटका लगा है. विश्वविद्यालय द्वारा 12 मार्च को निर्धारित किए गए अंतिम तिथि तक इन छात्रों के स्कॉलरशिप आवेदन फॉर्म को वेरीफाई कर फॉरवर्ड नहीं किया गया. इस कारण विभिन्न विश्वविद्यालयों के अन्य पिछड़ा वर्ग के करीब 2 लाख 75 हजार से अधिक विद्यार्थियों के फॉर्म रिजेक्ट हो गए हैं. विभाग का कहना है कि ऐसे विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप के लिए कोई निर्णय नहीं हुआ है. ऐसे में यह विद्यार्थी छात्रवृत्ति पाने से वंचित रह गए. समाज कल्याण विभाग का कहना है कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों ने समय रहते छात्रों के डाटा को विभाग की वेबसाइट पर ब्लॉक नहीं किया था. जिसके कारण आवेदन फॉर्म को अलग कर दिया गया है. शेष बचे सारे आवेदनों फॉर्म पोस्ट फॉरवर्ड करते हुए 31 मार्च तक सभी योग्य छात्रों की स्कॉलरशिप भेज दी गई है.

समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी डाटा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 मई सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों के 23 लाख 35 हजार 116 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप की धनराशि उनके बैंक अकाउंट में भेजी गई है. इनमें कक्षा 9-10 के करीब 8 लाख 71 हजार 112 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी गई है. कक्षा 11-12 के 8 लाख 36 हजार 512 विद्यार्थियों को व स्नातक के 6 लाख 27 हजार 483 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप उनके बैंक खातों में भेजी गई है.

समाज कल्याण विभाग का कहना है कि अनुसूचित जाति, सामान्य जाति, पिछड़ी जाति व अल्पसंख्यक वर्ग लाखो आवेदन विश्वविद्यालयों ने समय पर लॉक नहीं किए थे. जिस कारण वह निरस्त हो गए. इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि यह मामला संज्ञान में आने के बाद अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए दोबारा से स्कॉलरशिप पोर्टल खोला गया था. इसके बाद भी कई विश्वविद्यालयों ने समय रहते अपने विश्वविद्यालय के छात्रों का डाटा लॉक नहीं किया. जिस कारण से अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप का लाभ नहीं मिल पाया है.

स्कॉलरशिप से वंचित विद्यार्थी 15 अप्रैल से दोबारा से कर सकते हैं आवेदन : मंत्री असीम अरुण ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में लाखों विद्यार्थी स्कॉलरशिप आने से वंचित रह गए हैं. ऐसे में छात्रों को हो रही परेशानी को देखते हुए विभाग ने पहले ही इसका निदान निकाल लिया है. ऐसे विद्यार्थी जो किसी तकनीकी कारण या व्यवधान से अपने छात्रवृत्ति नहीं पा सके हैं. इन सभी को ध्यान में रखते हुए 15 अप्रैल से 15 जून के मध्य दोबारा से पोर्टल खोला जाएगा. ताकि यह छात्र स्कॉलरशिप के लिए दोबारा से आवेदन कर सकें.

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