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समाज कल्याण विभाग ने की 'विशेषज्ञता वर्ष' की शुरुआत, अधिकारी ले सकेंगे खास प्रशिक्षण

समाज कल्याण विभाग इस वर्ष अमृत काल को ‘विशेषज्ञता वर्ष’ के रूप में मनाएगा. विशेषज्ञता के लिए अधिकारी किसी भी संस्थान से प्रशिक्षण ले सकते हैं.

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Published : Jun 22, 2023, 1:17 PM IST

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग से संबंधित कार्य को निपुणता से पूरा करने के लिए विभाग की ओर से 'विशेषज्ञता वर्ष' की शुरुआत की गई है. समाज कल्याण विभाग में आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर इस वर्ष को अमृत काल के तहत अधिकारियों के लिए विशेषता विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

जारी पत्र
जारी पत्र

जारी आदेश के तहत समाज कल्याण से संबंधित अधिकारियों के लिए विशेषता के स्तंभ चिन्हित किए जाएंगे. जैसे वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित विषय, ट्रांसजेंडर, वंचित वर्गों के शिक्षा के प्रबंधन या नीतियां, वंचित वर्गों के स्वालंबन संबंधी नीतियां, सीएसआर, सामाजिक न्याय की प्राप्ति में सोशल मीडिया की भूमिका व सामाजिक कार्य संबंधी नीतियों आदि क्षेत्र में अधिकारियों को विशेषता प्राप्त करना होगा. जिसके अंतर्गत विभागीय अधिकारी अपनी रूचि के अनुरूप सामाजिक क्षेत्र के किसी एक स्तम्भ को चुन कर, उसमें विशेषज्ञता हासिल करेंगे. विशेषज्ञता प्राप्त के लिए अधिकारी देश भर के किसी भी संस्थान से प्रशिक्षण ले सकते हैं. प्रदेश भर के विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर मंत्री असीम अरुण यह निर्देश विभाग के सभी अधिकारियों को दिया है. साथ ही ‘विशेषज्ञता वर्ष’ मनाने को लेकर विस्तृत कार्ययोजना क्या होगी, इसके लिए मंत्री की ओर से समाज कल्याण निदेशक को पत्र लिखा है.

जारी पत्र
जारी पत्र

अधिकारी अपनी रूचि के अनुसार चुन सकते हैं क्षेत्र : समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने इस संबंध में विभाग के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को कहा कि 'वह अपनी रूचि के अनुसार किसी भी क्षेत्र में विशेषता प्राप्त कर कर सकते हैं. इसके लिए अधिकारी अपने पसंद के संस्थानों से ऑनलाइन कोर्स व सेल्फ स्टडी के माध्यम से इसे पूरा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञता विकसित होने के बाद अधिकारियों को उनकी रूचि के अनुसार नियुक्ति दी जा सकती है. इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञ समितियों में भी शामिल किया जा सकता है. मंत्री ने बताया कि इस प्रकार विशेषता विकसित करने वाले अधिकारियों को विशेषता विकसित होने के बाद विशेषज्ञ बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और नए रास्ते खोले जाएंगे.'

यह भी पढ़ें : नेशनल हाईवे पर ट्रक और ट्रेलर की जोरदार भिड़ंत, 3 लोगों की मौत

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग से संबंधित कार्य को निपुणता से पूरा करने के लिए विभाग की ओर से 'विशेषज्ञता वर्ष' की शुरुआत की गई है. समाज कल्याण विभाग में आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर इस वर्ष को अमृत काल के तहत अधिकारियों के लिए विशेषता विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

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जारी आदेश के तहत समाज कल्याण से संबंधित अधिकारियों के लिए विशेषता के स्तंभ चिन्हित किए जाएंगे. जैसे वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित विषय, ट्रांसजेंडर, वंचित वर्गों के शिक्षा के प्रबंधन या नीतियां, वंचित वर्गों के स्वालंबन संबंधी नीतियां, सीएसआर, सामाजिक न्याय की प्राप्ति में सोशल मीडिया की भूमिका व सामाजिक कार्य संबंधी नीतियों आदि क्षेत्र में अधिकारियों को विशेषता प्राप्त करना होगा. जिसके अंतर्गत विभागीय अधिकारी अपनी रूचि के अनुरूप सामाजिक क्षेत्र के किसी एक स्तम्भ को चुन कर, उसमें विशेषज्ञता हासिल करेंगे. विशेषज्ञता प्राप्त के लिए अधिकारी देश भर के किसी भी संस्थान से प्रशिक्षण ले सकते हैं. प्रदेश भर के विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर मंत्री असीम अरुण यह निर्देश विभाग के सभी अधिकारियों को दिया है. साथ ही ‘विशेषज्ञता वर्ष’ मनाने को लेकर विस्तृत कार्ययोजना क्या होगी, इसके लिए मंत्री की ओर से समाज कल्याण निदेशक को पत्र लिखा है.

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अधिकारी अपनी रूचि के अनुसार चुन सकते हैं क्षेत्र : समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने इस संबंध में विभाग के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को कहा कि 'वह अपनी रूचि के अनुसार किसी भी क्षेत्र में विशेषता प्राप्त कर कर सकते हैं. इसके लिए अधिकारी अपने पसंद के संस्थानों से ऑनलाइन कोर्स व सेल्फ स्टडी के माध्यम से इसे पूरा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञता विकसित होने के बाद अधिकारियों को उनकी रूचि के अनुसार नियुक्ति दी जा सकती है. इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञ समितियों में भी शामिल किया जा सकता है. मंत्री ने बताया कि इस प्रकार विशेषता विकसित करने वाले अधिकारियों को विशेषता विकसित होने के बाद विशेषज्ञ बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और नए रास्ते खोले जाएंगे.'

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