लखनऊ : समाज कल्याण विभाग अपने अधीन संचालित वृद्धाश्रमों और आश्रम पद्धति विद्यालयों की मौजूदा स्थिति और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए प्राइवेट कंपनी और संस्थाओं की मदद लेगा. विभाग अपनी संचालन कर रही योजनाओं को और बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में आश्रम पद्धति विद्यालयों और वृद्धाश्रम में बेहतर सुविधाओं देने के लिए समाज कल्याण विभाग कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड जुटाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए जिलों में संचालित आश्रम पद्धति विद्यालयों और वृद्धा आश्रम के लिए संबंधित जिलों के जिला अधिकारी के स्तर से होने वाले जिला उद्योग बंधु और बैंकर्स की बैठक में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी मौजूद होंगे और लोगों से संवाद कर इन दोनों जगह के लिए फंड जुटाने का प्रयास करेंगे.
94 आश्रम पद्धति विद्यालय का संचालन : मौजूदा समय में पूरे प्रदेश के 75 जिलों में 94 आश्रम पद्धति विद्यालय का संचालन किया जा रहा है, जबकि डेढ़ सौ से अधिक वृद्धावस्था आश्रम विभाग की ओर से संचालित हैं. छात्र-छात्राओं और विद्धजनों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए फंड जुटाने की योजना पर निदेशालय के अधिकारियों ने मंथन करने के साथ ही कार्य योजना भी तैयार कर ली है. छात्रों को बेहतर कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही 24 घंटे स्वास्थ्य सेवा देने की भी योजना तैयार की गई है. इसके लिए विभाग संबंधित जिलों में बैंकर्स व्यापारियों और उद्योगपतियों से सीएसआर फंड की व्यवस्था करने के लिए अपने अधिकारियों को नामित करेगी जो जिलाधिकारी के अध्यक्षता में होने वाली बैठकों में शामिल होंगे, ताकि जिला अधिकारी उन लोगों से सीधा संवाद स्थापित कर सके और आश्रम पद्धति विद्यालय और वृद्धाजन आश्रम के लिए फंड इकट्ठा करने में विभाग को मदद मुहैया करा सके.
सीएसआर फंड की व्यवस्था करने की बनाई योजना : निदेशक समाज कल्याण प्रशांत कुमार ने बताया कि 'वृद्धजनों और छात्रों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग ने सीएसआर फंड की व्यवस्था करने की योजना बनाई है. सीएसआर फंड का प्रयोग इन दोनों ही संस्थानों में रह रहे बच्चों और वृद्धजनों के स्वास्थ्य, शिक्षा पर खर्च किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सीएसआर फंड से जो भी वित्तीय सहायता मिलेगी उसे इस योजना के क्रियान्वयन के लिए, साथ ही आश्रम पद्धति विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों को स्मार्ट क्लास बनवाया जाएगा. साथ ही छात्रों के लिए अच्छी कोचिंग क्लासेज से बेहतर पठन-पाठन की सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा शारीरिक विकास के लिए पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी. वहीं वृद्धा आश्रम में रहे बुजुर्गों को इस फंड से धार्मिक यात्राएं भी कराई जाएंगी और वृद्धा आश्रम और आश्रम पद्धति विद्यालयों में जर्जर हो चुकी इमारत को भी दोबारा से इसी फंड से बनवाया जाएगा या फिर उनके मेंटेनेंस किया जाएगा.'