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समाज कल्याण विभाग ने चार साल के स्नातक को नहीं दी मान्यता, शुल्क प्रतिपूर्ति पर संकट

नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक विषय को चार साल कर दिया है. हालांकि समाज कल्याण विभाग ने अभी तक अपने यहां चार साल के स्नातक विषय को मान्यता नहीं दी है. ऐसे में समाज कल्याण विभाग अपने यहां सत्र 2022-23 से संशोधन करता है तो लखनऊ विश्वविद्यालय को एक साल का नुकसान हो जाएगा. उनके छात्रों को चार साल शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिलेगा. इस कारण सैकड़ों छात्रों का नुकसान हो जाएगा.

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Published : Nov 3, 2022, 12:32 PM IST

लखनऊ : नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक विषय को चार साल कर दिया है. हालांकि समाज कल्याण विभाग ने अभी तक अपने यहां चार साल के स्नातक विषय को मान्यता नहीं दी है. ऐसे में समाज कल्याण विभाग अपने यहां सत्र 2022-23 से संशोधन करता है तो लखनऊ विश्वविद्यालय को एक साल का नुकशान हो जाएगा. उनके छात्रों को चार साल शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिलेगा. इस कारण सैकड़ों छात्रों का नुकसान हो जाएगा.

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ संजय मेधावी (Dr. Sanjay Medhavi, Registrar, Lucknow University) ने बताया कि हमने जुलाई में ही समाज कल्याण विभाग को इस संबंध में पत्र लिखकर अपने पोर्टल में संशोधन करने की मांग की थी. पर अभी तक विभाग ने संशोधन नहीं किया है. दूसरी तरफ प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों में इस सत्र से नई शिक्षा नीति लागू हो रही है. ऐसे में समाज कल्याण विभाग इससे अगर अपने पोर्टल में संशोधन करता है, तो वह समय अवधि इस सत्र का ना डालकर एक सत्र पीछे से ले. जिससे लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को चौथे साल में नुकसान न उठाना पड़े.

जानकारी देते कुलसचिव डॉ संजय मेधावी.


वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय समेत सभी डिग्री कॉलेजों में यूजी और पीजी विद्यार्थियों के शुल्क प्रतिपूर्ति पर संकट आ गया है. शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने की अन्तिम तारीख सात नवंबर है और अभी तक अधिकांश यूजी और पीजी द्वितीय सेमेस्टर के परिणाम जारी नहीं हो सके हैं. इसके साथ ही पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन में छात्रों को कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. इससे शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए नया आवेदन और रिनुअल में मुश्किल आ रही है. द्वितीय सेमेस्टर का परिणाम नहीं आने से तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी आवेदन करने में असमर्थ हैं.

छात्र-छात्राओं के पास बिना परिणाम के आवेदन करने का विकल्प है, लेकिन परिणाम जारी होने से पूर्व विश्वविद्यालय और कॉलेज में तृतीय सेमेस्टर की फीस जमा नहीं हो रही है और बिना फीस के आवेदन संभव नहीं है. द्वितीय सेमेस्टर की अधिकांश परीक्षाएं सितंबर के अंतिम सप्ताह में खत्म हो चुकी हैं, लेकिन परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए हैं. इससे पूर्व समाज कल्याण विभाग दो बार आवेदन के लिए अंतिम तारीख तीन बार बढ़ा चुका है. शुल्क प्रतिपूर्ति आवेदन छात्र-छात्राओं के लिए सबसे बड़ी मुश्किल बन गया है. लखनऊ विश्वविद्यालय के बीए के छात्रों ने कहा कि पोर्टल पर बीए कोर्स का विकल्प ही नहीं है. जिससे बीए के छात्र आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं. समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में भी चक्कर लगाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके साथ ही पोर्टल पर ब्रांच का विकल्प भी नहीं खुल रहा है.

यह भी पढ़ें : एलयू ने पीएचडी के 19 विषयों की मेरिट जारी की

लखनऊ : नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक विषय को चार साल कर दिया है. हालांकि समाज कल्याण विभाग ने अभी तक अपने यहां चार साल के स्नातक विषय को मान्यता नहीं दी है. ऐसे में समाज कल्याण विभाग अपने यहां सत्र 2022-23 से संशोधन करता है तो लखनऊ विश्वविद्यालय को एक साल का नुकशान हो जाएगा. उनके छात्रों को चार साल शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिलेगा. इस कारण सैकड़ों छात्रों का नुकसान हो जाएगा.

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ संजय मेधावी (Dr. Sanjay Medhavi, Registrar, Lucknow University) ने बताया कि हमने जुलाई में ही समाज कल्याण विभाग को इस संबंध में पत्र लिखकर अपने पोर्टल में संशोधन करने की मांग की थी. पर अभी तक विभाग ने संशोधन नहीं किया है. दूसरी तरफ प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों में इस सत्र से नई शिक्षा नीति लागू हो रही है. ऐसे में समाज कल्याण विभाग इससे अगर अपने पोर्टल में संशोधन करता है, तो वह समय अवधि इस सत्र का ना डालकर एक सत्र पीछे से ले. जिससे लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को चौथे साल में नुकसान न उठाना पड़े.

जानकारी देते कुलसचिव डॉ संजय मेधावी.


वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय समेत सभी डिग्री कॉलेजों में यूजी और पीजी विद्यार्थियों के शुल्क प्रतिपूर्ति पर संकट आ गया है. शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने की अन्तिम तारीख सात नवंबर है और अभी तक अधिकांश यूजी और पीजी द्वितीय सेमेस्टर के परिणाम जारी नहीं हो सके हैं. इसके साथ ही पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन में छात्रों को कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. इससे शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए नया आवेदन और रिनुअल में मुश्किल आ रही है. द्वितीय सेमेस्टर का परिणाम नहीं आने से तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी आवेदन करने में असमर्थ हैं.

छात्र-छात्राओं के पास बिना परिणाम के आवेदन करने का विकल्प है, लेकिन परिणाम जारी होने से पूर्व विश्वविद्यालय और कॉलेज में तृतीय सेमेस्टर की फीस जमा नहीं हो रही है और बिना फीस के आवेदन संभव नहीं है. द्वितीय सेमेस्टर की अधिकांश परीक्षाएं सितंबर के अंतिम सप्ताह में खत्म हो चुकी हैं, लेकिन परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए हैं. इससे पूर्व समाज कल्याण विभाग दो बार आवेदन के लिए अंतिम तारीख तीन बार बढ़ा चुका है. शुल्क प्रतिपूर्ति आवेदन छात्र-छात्राओं के लिए सबसे बड़ी मुश्किल बन गया है. लखनऊ विश्वविद्यालय के बीए के छात्रों ने कहा कि पोर्टल पर बीए कोर्स का विकल्प ही नहीं है. जिससे बीए के छात्र आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं. समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में भी चक्कर लगाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके साथ ही पोर्टल पर ब्रांच का विकल्प भी नहीं खुल रहा है.

यह भी पढ़ें : एलयू ने पीएचडी के 19 विषयों की मेरिट जारी की

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