लखनऊ: वैश्विक महामारी कोविड-19 से सबसे ज्यादा नुकसान प्रवासी श्रमिकों को उठाना पड़ रहा है. लाखों प्रवासी श्रमिक अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और वापस घर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हालांकि, उन्हें घर पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर ही रही है. वहीं निजी संस्थाएं भी इस संकट की घड़ी में सरकार का पूरा सहयोग कर रही हैं. इनमें से ऐड एट एक्शन संस्था ने देश भर में 3,000 से अधिक प्रवासी परिवारों को घर लौटने में मदद की है. वडोदरा में फंसे फर्रुखाबाद और कानपुर के 37 प्रवासी श्रमिकों को संस्था ने घर तक पहुंचाया है. संस्था को इन श्रमिकों की परेशानी के बारे में फेसबुक वीडियो के जरिए जानकारी मिली थी.
दरअसल, ऐड एट एक्शन संस्था की कर्मचारी शिखा रल्हन ने एक फेसबुक पोस्ट में देखा कि मनेजा (वडोदरा) में 37 प्रवासी मजदूर फंसे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं. इसके बाद वह अपनी टीम के साथ मनेजा पहुंच गईं, जहां उन्होंने पाया कि प्रवासी श्रमिकों में 21 बच्चे, 9 पुरुष और 7 महिलाएं हैं और इनमें से एक गर्भवती भी शामिल थी. ये सभी रुपये के अभाव में यहां फंसे थे. ऐसे में ऐड एट एक्शन संस्था ने दोनों राज्यों की सरकार और स्थानीय पुलिस से संपर्क किया, लेकिन श्रमिकों के पास पैसा और पहचान पत्र नहीं होने के कारण प्रयास व्यर्थ गया. इस पहल को लेकर ऐड एट एक्शन संस्था ने प्रवासी मजदूरों के लिए आर्थिक मदद जुटाई, उनके लिए फरुर्खाबाद तक परिवहन की व्यवस्था की.
इंटरनेशनल के लाइवलीहुड एजुकेशन के प्रोग्राम डायरेक्टर (साउथ एशिया) डॉ. ऐश्वर्य महाजन ने कहा कि प्रवासियों की सहायता के लिए अपने 19 आई-लीड केंद्रों को सूचना और रिसोर्स सेंटर में तब्दील कर दिया है. जैसे ही हमें कहीं से भी प्रवासियों के फंसे होने की सूचना मिलती है, हम उन्हें घर पहुंचाने के प्रयास में जुट जाते हैं. इस पहल के तहत अभी तक हम 3,000 से अधिक प्रवासियों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचा चुके हैं.
लखनऊ: प्रवासियों को घर पहुंचाने में मदद कर रही 'ऐड एट एक्शन' संस्था - प्रवासियों की घर वापसी
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण गैर राज्यों में फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने में ऐड एट एक्शन नामक संस्था आगे आई है. इस संस्था के सदस्यों को जहां भी प्रवासियों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त होती है, वो उनको घर पहुंचाने की पहल में जुट जाते हैं.
लखनऊ: वैश्विक महामारी कोविड-19 से सबसे ज्यादा नुकसान प्रवासी श्रमिकों को उठाना पड़ रहा है. लाखों प्रवासी श्रमिक अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और वापस घर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हालांकि, उन्हें घर पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर ही रही है. वहीं निजी संस्थाएं भी इस संकट की घड़ी में सरकार का पूरा सहयोग कर रही हैं. इनमें से ऐड एट एक्शन संस्था ने देश भर में 3,000 से अधिक प्रवासी परिवारों को घर लौटने में मदद की है. वडोदरा में फंसे फर्रुखाबाद और कानपुर के 37 प्रवासी श्रमिकों को संस्था ने घर तक पहुंचाया है. संस्था को इन श्रमिकों की परेशानी के बारे में फेसबुक वीडियो के जरिए जानकारी मिली थी.
दरअसल, ऐड एट एक्शन संस्था की कर्मचारी शिखा रल्हन ने एक फेसबुक पोस्ट में देखा कि मनेजा (वडोदरा) में 37 प्रवासी मजदूर फंसे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं. इसके बाद वह अपनी टीम के साथ मनेजा पहुंच गईं, जहां उन्होंने पाया कि प्रवासी श्रमिकों में 21 बच्चे, 9 पुरुष और 7 महिलाएं हैं और इनमें से एक गर्भवती भी शामिल थी. ये सभी रुपये के अभाव में यहां फंसे थे. ऐसे में ऐड एट एक्शन संस्था ने दोनों राज्यों की सरकार और स्थानीय पुलिस से संपर्क किया, लेकिन श्रमिकों के पास पैसा और पहचान पत्र नहीं होने के कारण प्रयास व्यर्थ गया. इस पहल को लेकर ऐड एट एक्शन संस्था ने प्रवासी मजदूरों के लिए आर्थिक मदद जुटाई, उनके लिए फरुर्खाबाद तक परिवहन की व्यवस्था की.
इंटरनेशनल के लाइवलीहुड एजुकेशन के प्रोग्राम डायरेक्टर (साउथ एशिया) डॉ. ऐश्वर्य महाजन ने कहा कि प्रवासियों की सहायता के लिए अपने 19 आई-लीड केंद्रों को सूचना और रिसोर्स सेंटर में तब्दील कर दिया है. जैसे ही हमें कहीं से भी प्रवासियों के फंसे होने की सूचना मिलती है, हम उन्हें घर पहुंचाने के प्रयास में जुट जाते हैं. इस पहल के तहत अभी तक हम 3,000 से अधिक प्रवासियों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचा चुके हैं.