लखनऊ: कोरोना महामारी से बचाव के लिए एक बार फिर लॉकडाउन लगाया गया है और ऐसी स्थिति में राजधानी के विकास से जुड़ी तमाम निर्माण परियोजनाओं की रफ्तार सुस्त नजर आ रही है. वहीं, श्रमिकों के न मिलने और पंचायत चुनाव के दौरान अपने गांव चले जाने के चलते तमाम निर्माण परियोजनाओं के काम रुक गए हैं. ऐसे में आने वाले समय में जब यह परिस्थितियां सामान्य होंगी, तब निर्माण कार्य तेजी से कराए जाने के संकेत अधिकारियों की तरफ से दिए जा रहे हैं. खास बात यह भी है कि जब निर्माण कार्यों की रफ्तार सुस्त है और कई निर्माण कार्य तमाम कारणों से बंद किए गए हैं तो आने वाले समय में इनकी लागत भी बढ़ने की उम्मीद अधिकारियों की तरफ से जताई जा रही है.
12 छोटे-बड़े निर्माण कार्यों की रफ्तार धीमी, कई बंद
राजधानी में करीब छोटी-बड़ी मिलाकर 12 निर्माण परियोजना संचालित हैं. इनमें कई की रफ्तार इस समय लॉकडाउन की वजह से सुस्त हो गई है तो कई काम बंद कर दिए गए हैं. निर्माण कार्यों की बात करें तो सुल्तानपुर रोड से फैजाबाद रोड को जोड़ने वाले किसान पथ की सर्विस लेन और लौलाई गांव के पास एक पुल बनाए जाने का काम आधे मजदूरों की उपस्थिति के साथ कराया जा रहा है. इसमें पिलर बनाने का काम और ऊपर कंक्रीट डालकर स्लैप डालने का काम चल रहा है. बड़ी-बड़ी मशीनों से खुदाई आदि का काम भी दिखाई दे रहा है, लेकिन मजदूरों की संख्या काफी कम है. निर्माण स्थल पर मजदूरों ने बताया कि पहले की तुलना में आधे मजदूरों के साथ काम कराया जा रहा है. पहले 40 मजदूर थे तो इस समय 18-20 मजदूर ही काम कर रहे हैं.
ओवरब्रिज का काम भी हुआ प्रभावित
सुल्तानपुर रोड पर ही अहिमामऊ गांव के पास एक ओवरब्रिज बनाने का काम भी चल रहा है. यहां भी मजदूर कम ही नजर आते हैं. यहां बड़ी मशीनों से खुदाई करते हुए पिलर बनाने का काम और उसमें सरिया डालने का काम नजर आ रहा है यहां पर भी मजदूरों की संख्या करीब आधी है. निर्माण स्थल पर काम करने वाले मजदूर रमेश ने बताया कि इस समय आधे मजदूर आ रहे हैं और बहुत से जा चुके हैं. लॉकडाउन की वजह से मजदूरों की आने की स्थिति नहीं बन पा रही है. इसके अलावा निर्माण कार्य के लिए निर्माण सामग्री की उपलब्धता भी पहले की तुलना में काफी कम है.
कुकरैल सर्वोदय नगर में दो ब्रिज बनाने का काम धीमा
सेतु निगम के अधिकारियों के अनुसार कुकरैल नाला सर्वोदय नगर में सेतु बनाने का काम चल रहा है. 2325 लाख रुपये की लागत से यह काम फरवरी में शुरू हुआ था. करीब 59 मीटर लंबे 2 सीटों का निर्माण कुकरैल नाले से सर्वोदय नगर को जोड़ने के लिए बनाए जाने का काम शुरू कराया गया था, जो इस समय धीरी रफ्तार के साथ कराया जा रहा है. इस काम को दिसंबर 2021 तक पूरा करना था, लेकिन जिस प्रकार से लॉकडाउन है, मजदूरों की संख्या कम है और निर्माण सामग्री बाहर से आने में कठिनाई हो रही है ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए यह काम विलंब से पूरा होगा. ऐसे में इसकी लागत में भी कुछ बढ़ोतरी के अनुमान लगाए जा रहे हैं.
बंगला बाजार में आरओबी का काम बंद
राजधानी के बंगला बाजार में रेलवे ओवरब्रिज यानी आरओबी बनाने का काम भी फरवरी 2021 में शुरू हुआ था. 1180 मीटर लंबा आरओबी बनाया जाना है. इसकी लागत 12,190 लाख रुपये निर्धारित की गई है. इस काम को जनवरी 2023 तक पूरा कराना है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसका काम फिलहाल बंद चल रहा है. अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही मजदूर मिलने के साथ ही इसका निर्माण शुरू कराया जाएगा.
चरक फ्लाईओवर का काम रुका
पुराने लखनऊ में जाम की समस्या दूर करने को लेकर चरक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जनवरी 2019 में शुरू कराया गया था. इसकी लागत करीब 14,266 लाख रुपये है. फ्लाईओवर की लंबाई करीब 15 सौ मीटर के करीब है. फिलहाल यह काम रुका हुआ है और अधिकारियों के मुताबिक आने वाले 3 महीने में इस काम को पूरा कराने की तैयारी है. वहीं, खुर्रम नगर चौराहे से इंजीनियर कॉलेज चौराहे की तरफ जाने वाले फ्लाईओवर की सर्विस रोड व नीचे की सड़क बनाने का काम भी फिलहाल बंद है. मजदूरों के न मिलने की वजह से यह काम बंद है. कई मशीनरी ब्रिज के नीचे खड़ी हुई नजर आती हैं.
निर्माण सामग्री और श्रमिकों की कमी से काम प्रभावित: आशीष यादव
यूपी इंजीनियर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी आशीष यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन के चलते निर्माण स्थलों पर निर्माण सामग्री की काफी कमी हो गई है और मजदूरों की कमी है ऐसी स्थिति में निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर काम भी प्रभावित हुए हैं तो कई बंद हो गए हैं. इसके बावजूद यथासंभव प्रयास करते हुए प्रदेश भर में सड़क निर्माण के कार्य कराए जा रहे हैं.
प्रदेश भर में दो लाख 55 हजार किलोमीटर सड़कें हमने बनाई हैं. नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, डिस्ट्रिक्ट रोड और विलेज रोड बनाई गई हैं. इसके अलावा अभी भी तमाम सड़कों की निर्माण परियोजनाएं चल रही हैं. लॉकडाउन की वजह से निर्माण कार्य धीमी गति से चलने के कारण समय के पूरे नहीं होंगे तो स्वाभाविक रूप से इनकी लागत भी बढ़ जाएगी. लागत कितनी बढ़ेगी यह अभी कह पाना मुश्किल है. अलग-अलग प्रोजेक्ट की अलग-अलग प्रोग्रेस स्टेज के आधार पर लागत बढ़ती है.
सड़क निर्माण के कार्य भी सुस्त: एनडी द्विवेदी
लोक निर्माण विभाग के डिप्लोमा इंजीनियर संघ के अध्यक्ष इंजीनियर एनडी द्विवेदी ने बताया कि सड़क निर्माण के कार्य प्रदेश भर में चलाए जा रहे हैं. वहीं, पंचायत चुनाव के दौरान कर्मचारियों व अभियंताओं की ड्यूटी लगाए जाने की वजह से काम की रफ्तार सुस्त हुई थी. यह अभी भी धीरी है. अब लॉकडाउन के कारण भी काम की गति धीमी है. इसके अलावा विभाग के तमाम अभियंता और अन्य स्टॉफ की कोरोनावायरस को नियंत्रण करने को लेकर ग्राम स्तर पर निगरानी समितियों की निगरानी करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में सड़क निर्माण के कार्य धीरे चल रहे हैं और कई जगहों पर काम बंद भी हो गए हैं.
काम बंद होने से आर्थिक स्थिति ठीक नहीं: ड्राइवर सत्यप्रकाश
खुर्रम नगर ओवरब्रिज की सर्विस लेन व नीचे की सड़क बनाने के काम में लगी गाड़ियों को चलाने वाले एक ड्राइवर सत्यप्रकाश ने बताया कि इस समय काम पूरी तरह से बंद हो गया है. ऐसी स्थिति में काफी परेशानी हो रही है. हम लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं.
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कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कराए जा रहे निर्माण कार्य: पीके सक्सेना
लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष पीके सक्सेना ने ईटीवी भारत को बताया कि निर्माण से जुड़े प्रोजेक्ट धीमी गति के साथ चल रहे हैं. वहीं, विभाग के करीब 90 अधिकारियों और कर्मचारियों की मौत भी इस संक्रमण से हुई हैं. ऐसे में काम प्रभावित होना स्वाभाविक ही है. इस समय श्रमिकों का संकट है. आने वाले कुछ दिनों में श्रमिकों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. मजदूरों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसलिए उन्हें कोविड सेफ्टी किट भी दी जा रही है और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं. निर्माण स्थल पर ही श्रमिकों के ठहरने की व्यवस्था भी की गई है. कोशिश है कि निर्माण कार्य विलंब न हों, लेकिन इस महामारी की वजह से कुछ न कुछ काम तो प्रभावित हो ही रहे हैं. इस समय करीब 50 से 60 फीसदी काम ही हो पा रहे हैं.