लखनऊ: कोरोना वायरस से फैली महामारी की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन का असर शिक्षण संस्थानों पर भी पड़ा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था का विकल्प अपनाया है. उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी के अनुसार प्रदेश के 84 महाविद्यालयों और 11 विश्वविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज प्रणाली लागू की गई है. इसके तहत लॉकडाउन के दौरान भी ऑनलाइन शिक्षण, काउंसलिंग और प्रशिक्षण कार्य जारी है.
स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत
राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष ने रविवार को एक बयान जारी कर बताया कि उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों की परीक्षाएं निकट हैं ऐसे में ऑनलाइन तकनीकी माध्यम से अधिकाधिक पाठ्य सामग्री विद्यार्थियों तक पहुंचाई जा रही है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत राज्य परियोजना निदेशालय, रूसा की ओर से भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता का पूर्वानुमान किया गया था. इसी के तहत प्रदेश के 92 राजकीय महाविद्यालय एवं 12 विश्वविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज परियोजना तैयार कर भारत सरकार से अनुदान प्राप्त करने के लिए भेजा गया था. योजना के तहत प्रदेश के 84 महाविद्यालय और 11 विश्वविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत की जा चुकी है, जिसमें लगातार ऑनलाइन शिक्षण, प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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विद्यार्थियों के लिए परामर्श प्रकोष्ठ किए गए गठित
उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी के दौरान लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थियों के मानसिक तनाव, निराशा और मनोवैज्ञानिक दबाव जैसी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विश्वविद्यालय में परामर्श प्रकोष्ठ गठित किए गए हैं. महाविद्यालयों के स्तर पर भी परामर्श प्रकोष्ठ का गठन किया गया है और इनसे विद्यार्थियों को सहायता दी जा रही है.
उन्होंने बताया कि डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की फैशन डिजाइनिंग की छात्राओं की ओर से हर रोज लगभग 300 मास्क तैयार कर लोगों को निशुल्क दिए जा रहे हैं. राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय भागलपुर के प्रोफेसर दिनेश चंद्र शर्मा की ओर से संचालित एमएससी जंतु विज्ञान देश की पहली कक्षा है, जो पूर्ण रूप से कागज विहीन व्यवस्था पर आधारित है. जिसमें लिखित परीक्षा भी ऑनलाइन माध्यम से संचालित होती है.