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अगले 6 महीनों में बरेली प्रदेश का होगा इकलौता जिला, जहां बेसिक के सभी विद्यालय बन जाएंगे 'स्मार्ट'

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Published : Jun 14, 2023, 10:15 AM IST

Updated : Jun 14, 2023, 11:27 AM IST

बेसिक शिक्षा विभाग ने इस साल जिले के शत प्रतिशत परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास लगाने का लक्ष्य तय किया है. वहीं मौजूदा समय में बरेली जिले में कुल 400 विद्यालयों को ही स्मार्ट क्लास में तब्दील किया जाना है.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है. बेसिक शिक्षा परिषद आने वाले दिनों में अपने स्कूलों को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया को और तेज करने जा रहा है. माना जा रहा है कि अगले 6 महीने में बरेली पहला ऐसा जिला होगा जहां बेसिक शिक्षा परिषद के सभी विद्यालय पूरी तरह से स्मार्ट विद्यालयों में तब्दील हो जाएंगे. इसे बेसिक शिक्षा परिषद के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. बरेली जिले के सभी विद्यालयों में मौजूदा समय में बच्चों के बैठने के लिए टेबल-कुर्सी, ऑनलाइन क्लास, पढ़ाने के लिए स्क्रीन तक की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा इन विद्यालयों में बच्चों के पानी पीने के लिए आरओ वाटर व टॉयलेट की व्यवस्था तक कर दी गई है. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा समय में बरेली जिले में कुल 400 विद्यालय शेष रह गए हैं जिन्हें स्मार्ट क्लास में तब्दील किया जाना है.

विद्यालयों में लगेगी 'स्मार्ट क्लास'
विद्यालयों में लगेगी 'स्मार्ट क्लास'

करीब 2000 विद्यालय हो चुके हैं स्मार्ट : संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने बताया कि 'बरेली जिले में करीब ढाई हजार प्राथमिक विद्यालय हैं. इनमें से करीब 2000 से अधिक विद्यालयों को स्मार्ट विद्यालय में तब्दील किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी व विद्यालयों के शिक्षकों ने मिलकर विभिन्न कंपनियों से सीएसआर फंड के माध्यम से अपने-अपने विद्यालयों का विकास कार्य कराने के साथ ही उन्हें स्मार्ट क्लास तक में तब्दील करवाया है. गणेश कुमार ने बताया कि इसके बाद प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद व मेरठ जिले हैं जहां के बेसिक शिक्षा विभाग के सबसे अधिक विद्यालयों को स्मार्ट विद्यालयों में तब्दील किया गया है, वहीं लखनऊ व प्रदेश के दूसरे जनपदों की बात करें तो इन जनपदों की तुलना में यहां स्मार्ट क्लास बनाने की प्रक्रिया काफी धीमी है.'

स्मार्ट क्लास लगाने का लक्ष्य (फाइल फोटो)
स्मार्ट क्लास लगाने का लक्ष्य (फाइल फोटो)

संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने बताया कि 'मौजूदा प्रदेश सरकार का फोकस प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षा स्तर को प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर बनाना है. इसके लिए प्रदेश सरकार व विभाग की ओर से लगातार कई तरह के योजनाओं का संचालन भी किया जा रहा है, साथ ही कई बड़ी कंपनियों के मदद से उनके कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) की मदद से स्कूलों को स्मार्ट बनाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 1.5 लाख विद्यालयों में से कुल 18000 विद्यालय ही स्मार्ट बन चुके हैं. इसी कड़ी में अगले कुछ महीनों में प्रदेश के और विद्यालयों को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया पर बहुत तेजी से काम चल रहा है, जल्द ही इसका पॉजिटिव रिस्पांस हमारे विद्यालयों को मिलेगा.'

विद्यालयों में लगेगी 'स्मार्ट क्लास' (फाइल फोटो)
विद्यालयों में लगेगी 'स्मार्ट क्लास' (फाइल फोटो)

'हर स्कूल को दो-दो टैबलेट देने की तैयारी' : गणेश कुमार ने बताया कि 'इसके अलावा प्रदेश के हर बेसिक शिक्षा विद्यालयों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दो-दो टेबलेट मुहैया कराया जा रहा है. 3 साल पहले भी योजना शुरू हुई थी, लेकिन किसी कारणवश उसे वापस ले लिया गया था. अब एक बार फिर से सभी विद्यालयों को नए सिरे से टेबलेट मुहैया कराए जा रहे हैं. इसके तहत विद्यालयों में ऑनलाइन मोड में पढ़ाई कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि इस बार विद्यालयों में जो किताबें बच्चों को मुहैया कराई गई हैं उन किताबों के हर पेज पर एक क्यूआर कोड प्रिंट किया गया है. टैबलेट के मिलने के बाद शिक्षक किताबों पर प्रिंट इन क्यूआर कोड को जब स्कैन करेंगे तो उससे रिलेटेड जितने भी स्टडी मटेरियल विभाग द्वारा ऑनलाइन दीक्षा एप पर मुहैया कराए गए हैं वह ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगा.'

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है. बेसिक शिक्षा परिषद आने वाले दिनों में अपने स्कूलों को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया को और तेज करने जा रहा है. माना जा रहा है कि अगले 6 महीने में बरेली पहला ऐसा जिला होगा जहां बेसिक शिक्षा परिषद के सभी विद्यालय पूरी तरह से स्मार्ट विद्यालयों में तब्दील हो जाएंगे. इसे बेसिक शिक्षा परिषद के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. बरेली जिले के सभी विद्यालयों में मौजूदा समय में बच्चों के बैठने के लिए टेबल-कुर्सी, ऑनलाइन क्लास, पढ़ाने के लिए स्क्रीन तक की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा इन विद्यालयों में बच्चों के पानी पीने के लिए आरओ वाटर व टॉयलेट की व्यवस्था तक कर दी गई है. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा समय में बरेली जिले में कुल 400 विद्यालय शेष रह गए हैं जिन्हें स्मार्ट क्लास में तब्दील किया जाना है.

विद्यालयों में लगेगी 'स्मार्ट क्लास'
विद्यालयों में लगेगी 'स्मार्ट क्लास'

करीब 2000 विद्यालय हो चुके हैं स्मार्ट : संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने बताया कि 'बरेली जिले में करीब ढाई हजार प्राथमिक विद्यालय हैं. इनमें से करीब 2000 से अधिक विद्यालयों को स्मार्ट विद्यालय में तब्दील किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी व विद्यालयों के शिक्षकों ने मिलकर विभिन्न कंपनियों से सीएसआर फंड के माध्यम से अपने-अपने विद्यालयों का विकास कार्य कराने के साथ ही उन्हें स्मार्ट क्लास तक में तब्दील करवाया है. गणेश कुमार ने बताया कि इसके बाद प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद व मेरठ जिले हैं जहां के बेसिक शिक्षा विभाग के सबसे अधिक विद्यालयों को स्मार्ट विद्यालयों में तब्दील किया गया है, वहीं लखनऊ व प्रदेश के दूसरे जनपदों की बात करें तो इन जनपदों की तुलना में यहां स्मार्ट क्लास बनाने की प्रक्रिया काफी धीमी है.'

स्मार्ट क्लास लगाने का लक्ष्य (फाइल फोटो)
स्मार्ट क्लास लगाने का लक्ष्य (फाइल फोटो)

संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने बताया कि 'मौजूदा प्रदेश सरकार का फोकस प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षा स्तर को प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर बनाना है. इसके लिए प्रदेश सरकार व विभाग की ओर से लगातार कई तरह के योजनाओं का संचालन भी किया जा रहा है, साथ ही कई बड़ी कंपनियों के मदद से उनके कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) की मदद से स्कूलों को स्मार्ट बनाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 1.5 लाख विद्यालयों में से कुल 18000 विद्यालय ही स्मार्ट बन चुके हैं. इसी कड़ी में अगले कुछ महीनों में प्रदेश के और विद्यालयों को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया पर बहुत तेजी से काम चल रहा है, जल्द ही इसका पॉजिटिव रिस्पांस हमारे विद्यालयों को मिलेगा.'

विद्यालयों में लगेगी 'स्मार्ट क्लास' (फाइल फोटो)
विद्यालयों में लगेगी 'स्मार्ट क्लास' (फाइल फोटो)

'हर स्कूल को दो-दो टैबलेट देने की तैयारी' : गणेश कुमार ने बताया कि 'इसके अलावा प्रदेश के हर बेसिक शिक्षा विद्यालयों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दो-दो टेबलेट मुहैया कराया जा रहा है. 3 साल पहले भी योजना शुरू हुई थी, लेकिन किसी कारणवश उसे वापस ले लिया गया था. अब एक बार फिर से सभी विद्यालयों को नए सिरे से टेबलेट मुहैया कराए जा रहे हैं. इसके तहत विद्यालयों में ऑनलाइन मोड में पढ़ाई कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि इस बार विद्यालयों में जो किताबें बच्चों को मुहैया कराई गई हैं उन किताबों के हर पेज पर एक क्यूआर कोड प्रिंट किया गया है. टैबलेट के मिलने के बाद शिक्षक किताबों पर प्रिंट इन क्यूआर कोड को जब स्कैन करेंगे तो उससे रिलेटेड जितने भी स्टडी मटेरियल विभाग द्वारा ऑनलाइन दीक्षा एप पर मुहैया कराए गए हैं वह ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगा.'

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Last Updated : Jun 14, 2023, 11:27 AM IST
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