लखनऊः चलते बस में ड्राइवर के झपकी आने पर किसी तरह की अनहोनी न हो इसलिए परिवहन निगम बसों में स्लीप डिवाइस लगाएगा. चलती बस में अगर चालक को झपकी आती तो है स्लीप डिवाइस का अलार्म बजने लगेगा. SLEEP डिवाइस पहले ही बसों में लगनी थी लेकिन कोरोनाकाल के चलते काम को रोक दिया गया था. परिवहन निगम के एमडी ने रोड सेफ्टी फंड से रोडवेज की लंबी दूरी वाली सभी सेवा में स्लीप अलार्म सिस्टम लगाने की मांग की है. वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज भी दिया गया है.
SLEEP डिवाइस इस तरह करेगी काम
SLEEP डिवाइस सेंसर युक्त है और यह चालक के सामने लगाई जाती है. चालक के हर मूवमेंट पर नजर रखती है. अक्सर देखा गया है कि चालकों के सोने से कई हादसे हुए हैं. चालक को अगर झपकी आ रही है या फिर उसके हाथ और बॉडी का मूवमेंट एक पोजीशन में अधिकतम 10 सेकंड के लिए स्थिर होता है तो डिवाइस में लगे सेंसर युक्त कैमरे चालक की पोजीशन को रीड कर चेहरे पर रोशनी फेंकती है. चंद सेकंड के अंतराल के बाद इसमें बीप बजने लगती है. धीरे धीरे आवाज और गति तेज हो जाती है, जिससे सो रहे चालक जग जाता है.
स्वीकृति के बाद 680 बसों में लगेगी डिवाइस
परिवहन निगम के अधिकारी के मुताबिक डिवाइस का ट्रायल करीब 12 बसों में किया गया था. कोरोना की वजह से काम को रोक दिया गया था. यह डिवाइस काफी कारगर है. झपकी लेने पर इसके अलार्म मोड पर आने से चालक जग जाता है. इस डिवाइस को प्रदेश की तकरीबन 680 बसों में लगाया जाना है. वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद स्लीप डिवाइस को बसों में लगाया जाएगा.
चलती बस में चालक सोया तो जगाएगा अलार्म - बस में चालक के झपकी लेने पर बजेगा अलार्म
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम बसों में स्लीप अलार्म सिस्टम लगाएगा. स्लीप डिवाइस चालक के सामने लगाई जाएगी. चालक की झपकी लेने की अवस्था में डिवाइस का अलार्म बजने लगेगा.
लखनऊः चलते बस में ड्राइवर के झपकी आने पर किसी तरह की अनहोनी न हो इसलिए परिवहन निगम बसों में स्लीप डिवाइस लगाएगा. चलती बस में अगर चालक को झपकी आती तो है स्लीप डिवाइस का अलार्म बजने लगेगा. SLEEP डिवाइस पहले ही बसों में लगनी थी लेकिन कोरोनाकाल के चलते काम को रोक दिया गया था. परिवहन निगम के एमडी ने रोड सेफ्टी फंड से रोडवेज की लंबी दूरी वाली सभी सेवा में स्लीप अलार्म सिस्टम लगाने की मांग की है. वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज भी दिया गया है.
SLEEP डिवाइस इस तरह करेगी काम
SLEEP डिवाइस सेंसर युक्त है और यह चालक के सामने लगाई जाती है. चालक के हर मूवमेंट पर नजर रखती है. अक्सर देखा गया है कि चालकों के सोने से कई हादसे हुए हैं. चालक को अगर झपकी आ रही है या फिर उसके हाथ और बॉडी का मूवमेंट एक पोजीशन में अधिकतम 10 सेकंड के लिए स्थिर होता है तो डिवाइस में लगे सेंसर युक्त कैमरे चालक की पोजीशन को रीड कर चेहरे पर रोशनी फेंकती है. चंद सेकंड के अंतराल के बाद इसमें बीप बजने लगती है. धीरे धीरे आवाज और गति तेज हो जाती है, जिससे सो रहे चालक जग जाता है.
स्वीकृति के बाद 680 बसों में लगेगी डिवाइस
परिवहन निगम के अधिकारी के मुताबिक डिवाइस का ट्रायल करीब 12 बसों में किया गया था. कोरोना की वजह से काम को रोक दिया गया था. यह डिवाइस काफी कारगर है. झपकी लेने पर इसके अलार्म मोड पर आने से चालक जग जाता है. इस डिवाइस को प्रदेश की तकरीबन 680 बसों में लगाया जाना है. वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद स्लीप डिवाइस को बसों में लगाया जाएगा.