लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार जेलों में बंद कैदियों को प्रशिक्षण दिलाएगी. बंदियों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा. उनके लिए कौशल विकास के कार्यक्रम (skill development training program) चलाए जाएंगे ताकि जेल से छूटने के बाद वे सही सोच के साथ सामान्य जीवन जी सकें. यह निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर प्रेजेंटेशन देखने के दौरान दिए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर जेल मैनुअल के संशोधित ड्राफ्ट के संबंध में प्रस्तुतीकरण देखा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कारागारों में बंदियों के व्यवहार में व्यापक सुधार के प्रयास किए जाने चाहिए. बंदियों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा जाए. उनके लिए कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित किए जाएं, ताकि जेल से छूटने के बाद वे सही सोच के साथ सामान्य जीवन जी सकें. उन्होंने जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के बच्चों की बेहतर व्यवस्था एवं शिक्षा के निर्देश दिए.
अपराधियों को रियायत नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि शातिर अपराधियों के साथ कोई रियायत न बरती जाए. जेलों में बंद घोर अपराधियों की श्रेणी तय करते हुए इनके साथ कठोरता से पेश आया जाए. यह अपराधी आतंकवादी, माफिया और महिलाओं के विरुद्ध अपराध करने वाले व्यक्ति हो सकते हैं. उन्होंने जेल के अंदर बंदियों की सुरक्षा और प्रभावी जेल प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए कहा. उन्होंने जेल के अंदर बंदियों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से करने के निर्देश भी दिए.
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ACS अवनीश अवस्थी ने दिया प्रजेंटेशन
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने जेल मैनुअल में संशोधन की आवश्यकता/औचित्य, संशोधनों का मुख्य आधार और प्रस्तावित संशोधनों के विषय में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने अवगत कराया कि इस ड्राफ्ट जेल मैनुअल में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी माॅडल प्रिजन मैनुअल के प्रावधानों का भी समावेश किया गया है. इस प्रस्तावित जेल मैनुअल में कारागारों की सुरक्षा व्यवस्था एवं उपद्रव नियंत्रण के लिए शस्त्र नीति के समावेश के विषय में भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया. अप्रासंगिक हो जाने के कारण समाप्त किए जाने वाले विषयों के संबंध में भी उन्हें जानकारी दी गई. बैठक में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद एवं डीजी जेल प्रशासन एवं सुधार आनन्द कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.