लखनऊ : कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए मोबिलाइजेशन आज का सबसे महत्वपूर्ण चीज बन गई है. प्रशिक्षण में गुणवत्ता लाने के लिए प्रदेश के लगभग 4.50 करोड़ युवाओं को उचित समय पर उचित योजना में नामांकित कराना बहुत जरूरी है. तभी इसका सही लाभ उन्हें मिल सकता है. यह बात कौशल विकास मिशन निदेशक आंद्रा वामसी ने कहीं. वे उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के सभागार में उत्तर प्रदेश आकांक्षा समिति के सदस्यों, मिशन के अधिकारियों व प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ बैठक कर रहे थे.
कौशल विकास मिशन के तहत लाभार्थियों के चयन की जल्द बनेगी रूपरेखा : आंद्रा वामसी
इस अवसर पर आंद्रा वामसी ने कहा कि मिशन के अन्तर्गत संचालित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, जिसमें आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. इसी कड़ी में आकांक्षा समिति का सहयोग महत्वपूर्ण है. मिशन की ओर से उत्तर प्रदेश आकांक्षा समिति के साथ एमओयू किया गया है. साथ ही समिति से विभिन्न एनजीओ इत्यादि के सहयोग से पात्र लाभार्थियों का मोबिलाइजेशन, काउंसिलिंग, री-स्किलिंग तथा अपस्किलिंग कराया जाएगा. समिति के द्वारा ऐसे जॉब रोल्स खोजे जाएंगे जिनको युवा करने के लिए इच्छुक हैं. समिति इसकी सूचना समय-समय पर मिशन को देगी.
कौशल विकास मिशन के तहत लाभार्थियों के चयन की जल्द बनेगी रूपरेखा : आंद्रा वामसी विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में मिशन निदेशक ने बताया कि मौजूदा समय में लक्ष्यों का आवंटन प्रशिक्षण प्रदाताओं के पूर्व निष्पादन के आधार पर किया जाता है. इसके लिए स्पष्ट नीति तैयार कर ली गई है. जिसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2023- 24 के लिए प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा विगत 2 वर्षों में पूर्ण किए गए कुल प्रशिक्षण का आधा लक्ष्य प्रदान किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिया है कि अगले 10 दिनों में प्रदेश के हर जिले में जिला कौशल समिति की बैठक आयोजित होगी. जिसमें आकांक्षा समिति के पदाधिकारियों को बुलाया जाएगा. इस अवसर पर आकांशा समिति की वरिष्ठ पदाधिकारी प्रीति आहूजा ने कहा कि बैठक में प्रशिक्षण के बाद प्लेसमेंट के बारे जानकारी सभी अभ्यर्थियों को दी जाएगी. बैठक में समिति के पदाधिकारी नन्दिता सिंह, कल्पना साहू, कोषाध्यक्ष श्वेता प्रसाद भी उपस्थित रही. मिशन के उपनिदेशक राजेश जायसवाल के साथ-साथ अन्य अधिकारियों द्वारा बैठक शामिल हुए.
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