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कौशल विकास मिशन: बायोमैट्रिक प्रणाली शुरू होते ही नहीं मिल रहे प्रशिक्षण के लिए युवा

कौशल विकास मिशन के तहत बायोमैट्रिक उपस्थित शुरू होते ही प्रशिक्षण के लिए युवा नहीं मिल रहे है. कौशल केंद्रों ने बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को पंजीकृत किया है. लेकिन उन्हें प्रशिक्षण के लिए जुटाने में विफल रहे.

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कौशल विकास मिशन
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Published : Aug 5, 2022, 2:55 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कौशल विकास मिशन में आधार लिंक्ड बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू करते ही प्रशिक्षण पाने वालों की संख्या गिर गई है. हालत यह है कि अभी तक पूरे प्रदेश में सिर्फ 50 हजार पात्र युवा ही मिल पाए हैं. जिनका विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण के लिए चयन हो पाया है. निर्धारित टारगेट को पूरा करने के लिए करीब 2 लाख की तलाश जारी है.

मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने दी जानकारी

पात्र युवाओं की संख्या में इस गिरावट को सकारात्मक रूप से लिया जा रहा है. मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने बताया कि इस बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली से नामांकन कराने वाले युवा के प्रशिक्षण के दौरान उपस्थिति और प्रशिक्षण को ठीक से पूरा करना सुनिश्चिच किया जा सकता है. प्रशिक्षण की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए यह व्यवस्था की गई थी. इसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब उन्हीं प्राइवेट पार्टनर्स का भुगतान होगा जो, इन मानकों को पूरा करेंगे. उन्होंने बताया कि सभी को सॉफ्टवेयर अपडेट करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया है.

इसे भी पढ़े-यूपी में आधार नंबर से वोटर आईडी को लिंक करने का महाअभियान शुरू, जानिए कैसे ले सकते हैं लाभ

पहले खूब किया गया है खेल: कौशल विकास मिशन जिसका उद्देश्य किसी भी क्षेत्र में 14-35 आयु वर्ग के पात्र युवाओं को उनके चयनित पाठ्यक्रमों के साथ प्रशिक्षित करना है. इसके लिए पूरे प्रदेश में प्राइवेट पार्टनर्स के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. इस दौरान पिछले वर्षों में फर्जी पंजीकरण कराए जाने की शिकायतें भी सामने आई हैं. जहां, सिर्फ कागजों पर ही प्रशिक्षण दिखाकर कौशल विकास से भुगतान प्राप्त कर लिए गए. अब इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और फर्जी और बढ़े हुए नामांकन जैसी विसंगतियों को दूर करने के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू की है. मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए मिशन में नामांकित 3 लाख उम्मीदवारों में से अब तक केवल 1.5 लाख ने ही पाठ्यक्रमों में भाग लिया है.

जिला परियोजना प्रबंधन रखेंगी नजर: मिशन निदेशक ने बताया कि कौशल विकास मिशन के पूरे संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया गया है. जिला परियोजना प्रबंधन इकाइयों के माध्यम से संस्थाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर नजर रखी जा रही है. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सीडीओ इसकी देखरेख करते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां, कौशल केंद्रों ने बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को पंजीकृत किया, लेकिन उन्हें प्रशिक्षण के लिए जुटाने में विफल रहे.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कौशल विकास मिशन में आधार लिंक्ड बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू करते ही प्रशिक्षण पाने वालों की संख्या गिर गई है. हालत यह है कि अभी तक पूरे प्रदेश में सिर्फ 50 हजार पात्र युवा ही मिल पाए हैं. जिनका विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण के लिए चयन हो पाया है. निर्धारित टारगेट को पूरा करने के लिए करीब 2 लाख की तलाश जारी है.

मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने दी जानकारी

पात्र युवाओं की संख्या में इस गिरावट को सकारात्मक रूप से लिया जा रहा है. मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने बताया कि इस बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली से नामांकन कराने वाले युवा के प्रशिक्षण के दौरान उपस्थिति और प्रशिक्षण को ठीक से पूरा करना सुनिश्चिच किया जा सकता है. प्रशिक्षण की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए यह व्यवस्था की गई थी. इसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब उन्हीं प्राइवेट पार्टनर्स का भुगतान होगा जो, इन मानकों को पूरा करेंगे. उन्होंने बताया कि सभी को सॉफ्टवेयर अपडेट करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया है.

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पहले खूब किया गया है खेल: कौशल विकास मिशन जिसका उद्देश्य किसी भी क्षेत्र में 14-35 आयु वर्ग के पात्र युवाओं को उनके चयनित पाठ्यक्रमों के साथ प्रशिक्षित करना है. इसके लिए पूरे प्रदेश में प्राइवेट पार्टनर्स के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. इस दौरान पिछले वर्षों में फर्जी पंजीकरण कराए जाने की शिकायतें भी सामने आई हैं. जहां, सिर्फ कागजों पर ही प्रशिक्षण दिखाकर कौशल विकास से भुगतान प्राप्त कर लिए गए. अब इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और फर्जी और बढ़े हुए नामांकन जैसी विसंगतियों को दूर करने के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू की है. मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए मिशन में नामांकित 3 लाख उम्मीदवारों में से अब तक केवल 1.5 लाख ने ही पाठ्यक्रमों में भाग लिया है.

जिला परियोजना प्रबंधन रखेंगी नजर: मिशन निदेशक ने बताया कि कौशल विकास मिशन के पूरे संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया गया है. जिला परियोजना प्रबंधन इकाइयों के माध्यम से संस्थाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर नजर रखी जा रही है. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सीडीओ इसकी देखरेख करते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां, कौशल केंद्रों ने बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को पंजीकृत किया, लेकिन उन्हें प्रशिक्षण के लिए जुटाने में विफल रहे.

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