लखनऊ: यूपी के इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कौशल विकास मिशन के तहत उन्हें निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इस दौरान उन्हें विश्व स्तरीय पाठ्यक्रमों के माध्यम से पढ़ाई करने के साथ ही उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सभी युवाओं को ग्लोबल सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिससे उन्हें न केवल देश, बल्कि देश के बाहर भी रोजगार पाने का बेहतर मौका मिलेगा.
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए काफी कुछ कर रही है. इसी कड़ी में युवाओं के लिए कौशल विकास मिशन द्वारा ओरिजनल इक्यूपिमेंट्स मैन्यूफेक्चरर्स (ओईएम) को अनुबंधित करने तथा तय मानकों का निर्धारण करने के लिए ओईएम पाॅलिसी तैयार की गई है.
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि आईटी-आईटीईएस नीति 2022 के तहत उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठित संस्थानों से अनुबंध करके प्रदेश के युवाओं को विश्व स्तरीय पाठ्यक्रमों की निशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के बाद सभी प्रशिक्षित युवाओं को संस्थाएं ग्लोबल सर्टिफिकेट भी प्रदान करेंगी. यह ग्लोबल सर्टिफिकेट प्राप्त युवा देश में रोजगार प्राप्त करने के साथ-साथ विदेशों में भी रोजगार के नए अवसर खोज सकेगा.
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि ओईएम पाॅलिसी के माध्यम से प्रदेश के आईटी सेक्टर में प्रशिक्षित कर्मियों की कमी दूर की जाएगी. इसके बाद बड़ी संख्या में प्रशिक्षित इंजीनियर्स तैयार किए जा सकेंगे. शुरुआत में आईबीएम की सहयोगी संस्था रेड हेट के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग काॅलेजों तथा राजकीय पाॅलीटेक्निक में पढ़ रहे 10 हजार छात्रों को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. इसके तहत आईबीएम ग्लोबल स्तर पर डिमांड के अनुसार कोर्स तैयार करेगा और उनमें इन छात्रों को ट्रेनिंग दिलाने की व्यवस्था भी करेगा.
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