लखनऊः नींद से होने वाली दुर्घटनाओं पर बसों में लगी सिक्स सेंसर डिवाइस नियंत्रण करेगी. इससे ड्राइवरों के नींद से होने वाला एक्सीडेंट लगभग शून्य हो जाएगा. अवध डिपो की चार जनरथ बसों में ट्रायल सफल होते ही सभी बसों में यह डिवाइस लगाई जाएगी.
क्या है सिक्स सेंसर डिवाइस-
- परिवहन निगम ने सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जनरथ बसों में एक सिक्स सेंसर डिवाइस लगाई है.
- अवध डिपो की चार जनरथ बसों में ये डिवाइस लगाई गई हैं.
- ये बसें रामनगर, इलाहाबाद और गोरखपुर रूट पर संचालित हो रही हैं.
- इसका समय रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक सेट किया गया है.
इस तरह काम करेगा सिक्स सेंसर डिवाइस-
- ड्राइवर की स्टीयरिंग के पास एक सेंसर लगाया गया है.
- लगातार एक मिनट से अधिक चालक का हाथ या उंगलियां सेंसर को टच नही करती तो एक्सीलरेटर पेडल फ्री हो जाता है.
- एक्सीलेटर पेडल फ्री होने पर अलर्ट जनरेट हो जाता है.
- अलर्ट की संख्या यह बताती है कि चालक कितनी देर तक इनएक्टिव रहा.
- चालक के सोने का आभास होने पर एक्सीलरेटर पेडल फ्री हो जाता है
- सेंसर से स्लीप अलार्म बजता है और ड्राइवर जाग जाता है.
- वाहन के बीच दूरी कम होने से अगर दुर्घटना के चांस बढ़ते हैं तो अलर्ट जारी हो जाता है.
- इसके अलावा एक महत्वपूर्ण ब्रेक अलर्ट भी है.
- खतरनाक ओवर टेक पर ब्रेक लग जाता है और अलर्ट जारी होता है.
- सामने चल रहे वाहन के काफी नजदीक पहुंचने पर ब्रेक अलर्ट ऑटोमेटिक लग जाता है.
- ड्राइवर की स्टीयरिंग के पास डिवाइस लगी है जिसमें लाल, पीली और हरी बत्ती है.
- हरी बत्ती जलने पर सब कुछ सही दर्शाता है.
- पीली बत्ती जलना खतरे को दर्शाता है.
- लाल बत्ती जलने पर अलर्ट होता है.
- सेंसर पर उंगली न टच होने पर बस की स्पीड कम हो जाती है और अलार्म बज जाता है.
- अधिकारियों के मुताबिक ट्रायल में सामने आ रहा है कि यह डिवाइस पूरी तरह से सफल है.
अवध डिपो की बसों में सिक्स सेंस डिवाइस लगाई गई है. पहले पिंक बसों में इसका ट्रायल किया गया है, जो सफल रहा है. रात 12 बजे से 6 बजे तक डिवाइस में टाइमिंग सेट की गई है क्योंकि इसी समय नींद आती है. ड्राइवर की स्टीयरिंग के पास सेंसर लगा हुआ है. जैसे ही ड्राइवर की स्टीयरिंग पर पकड़ कम होती है. यह स्पीड रिड्यूस करने लगता है. इसका जो फीडबैक आया है, वह सफल रहा है.
-अंबरीन अख्तर, एआरएम, अवध डिपो