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लखनऊः विधान परिषद के आखिरी दिन हंगामे के बीच पारित हुए छह विधेयक

यूपी की विधान परिषद हंगामे के बीच स्थगित कर दी गई. गुरुवार को विधान परिषद में सपा नेताओं को नोटिस जारी करने से नाराज सदस्यों ने सदन में हंगामा किया. वहीं सदन में छह विधेयकों को पटल पर रखा गया. सभी विधायकों ने सभी विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया.

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विधान परिषद उत्तर प्रदेश.
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Published : Dec 19, 2019, 11:35 PM IST

लखनऊः CAA को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदेश व्यापी बंद के मद्देनजर विपक्ष के नेताओं को पुलिस की ओर से नोटिस जारी किया गया था. इसको लेकर गुरुवार को विधान परिषद में नाराज विपक्ष ने हंगामा किया. इसकी वजह से सदन में प्रश्नकाल नहीं चल सका. वहीं पूरे दिन में कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी. साथ हंगामे के बीच सत्ता पक्ष छह विधेयक ही पारित करा सकी.

विधान परिषद में पारित किए गए छह विधेयक.

इन विधेयकों को पटल पर रखा गया
विधान परिषद की कार्यवाही तीन बार के कार्य स्थगन के बाद दोपहर 1:30 बजे शुरू हुई. प्रमुख सचिव विधान परिषद ने विधानसभा से पारित छह विधेयकों को पटल पर रखा. इन सभी विधेयकों को ध्वनि मत से पारित किया गया.

  • उत्तर प्रदेश विनियोग ( 2019- 2020 का द्वितीय अनुपूरक) विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणो का उपशमन ) (संशोधन) विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान( संशोधन )विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध )(संशोधन) विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय( तृतीय संशोधन) विधेयक 2019.

कई बार रोकनी पड़ी सदन की कर्यावाही
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के नेताओं ने नोटिस को लेकर हंगामा शुरू किया. पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने धारा 144 संबंधी मिली नोटिस की जानकारी दी. उन्होंने सदन में बताया कि उनके इलाके के दारोगा ने उन्हें यह नोटिस थमाया है. उनसे कहा गया है कि किसी धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हों. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को सरकार के इशारे पर गिरफ्तार किया जा रहा है. सदन पहले 12ः00 बजे, फिर 1ः30 बजे तक स्थगित की गई.

लखनऊः CAA को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदेश व्यापी बंद के मद्देनजर विपक्ष के नेताओं को पुलिस की ओर से नोटिस जारी किया गया था. इसको लेकर गुरुवार को विधान परिषद में नाराज विपक्ष ने हंगामा किया. इसकी वजह से सदन में प्रश्नकाल नहीं चल सका. वहीं पूरे दिन में कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी. साथ हंगामे के बीच सत्ता पक्ष छह विधेयक ही पारित करा सकी.

विधान परिषद में पारित किए गए छह विधेयक.

इन विधेयकों को पटल पर रखा गया
विधान परिषद की कार्यवाही तीन बार के कार्य स्थगन के बाद दोपहर 1:30 बजे शुरू हुई. प्रमुख सचिव विधान परिषद ने विधानसभा से पारित छह विधेयकों को पटल पर रखा. इन सभी विधेयकों को ध्वनि मत से पारित किया गया.

  • उत्तर प्रदेश विनियोग ( 2019- 2020 का द्वितीय अनुपूरक) विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणो का उपशमन ) (संशोधन) विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान( संशोधन )विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध )(संशोधन) विधेयक 2019.
  • उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय( तृतीय संशोधन) विधेयक 2019.

कई बार रोकनी पड़ी सदन की कर्यावाही
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के नेताओं ने नोटिस को लेकर हंगामा शुरू किया. पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने धारा 144 संबंधी मिली नोटिस की जानकारी दी. उन्होंने सदन में बताया कि उनके इलाके के दारोगा ने उन्हें यह नोटिस थमाया है. उनसे कहा गया है कि किसी धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हों. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को सरकार के इशारे पर गिरफ्तार किया जा रहा है. सदन पहले 12ः00 बजे, फिर 1ः30 बजे तक स्थगित की गई.

Intro:लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदेश व्यापी बंद के मध्य नजर विपक्ष के नेता और अन्य विपक्षी सदस्यों को पुलिस की ओर से कानून-व्यवस्था एवं निषेधाज्ञा से जुड़े नोटिस दिए जाने के विरोध में बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में जमकर हंगामा हुआ और प्रश्नकाल नहीं चल सका. पूरे दिन में तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे और हंगामे के बीच सत्ता पक्ष ने विधान परिषद से छह विधेयक पारित कराए जिनमें शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक काफी अहम है.


Body:विधान परिषद की कार्यवाही तीन बार के कार्य स्थगन के बाद दोपहर 1:30 बजे जब शुरू हुई तो प्रमुख सचिव विधान परिषद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा से पारित छह विधेयकों को पटल पर रखा इनमें उत्तर प्रदेश विनियोग ( 2019- 2020 का द्वितीय अनुपूरक) विधेयक 2019,उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणो का उपशमन ) (संशोधन) विधेयक 2019, उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान( संशोधन )विधेयक, 2019, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक, 2019, उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध )(संशोधन) विधेयक 2019, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय( तृतीय संशोधन) विधेयक 2019 शामिल है। इन सभी विधायकों को ध्वनि मत से पारित किया गया।

बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो समाजवादी पार्टी के नेता और नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता संबंधी एक नोटिस खुद को मिलने की जानकारी सदन को देते हुए बताया कि उनके इलाके के दरोगा ने उन्हें यह नोटिस थमाया है और उनसे किसी धरना प्रदर्शन में शामिल ना होने के लिए कहा गया है उन्होंने कहा कि इसी तरह के नोटिस समाजवादी पार्टी के अन्य विधान परिषद सदस्य और पार्टी नेताओं को दिए जा रहे हैं। सरकार की ओर से इस तरह नेताओं और विधान परिषद सदस्यों को धमकाया जा रहा है विपक्षी नेताओं को सरकार के इशारे पर गिरफ्तार किया जा रहा है इस बात को लेकर समाजवादी पार्टी के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और नारे लगाने लगे हंगामे की वजह से विधान परिषद को पहले 15 मिनट फिर दोपहर 12:00 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया 12:00 बजे के बाद सदन की कार्रवाई जैसे आरंभ हुई नेता विपक्ष अहमद हसन एक बार फिर खड़े हुए और उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को छावनी में तब्दील कर दिया है पूरे प्रदेश में सपा नेताओं कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न और दमन हो रहा है कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है उन्होंने इस पर बहस कराए जाने की नेता सदन और सरकार पक्ष से सरकार का पक्ष रखने की मांग की आसन से चर्चा की अनुमति नहीं मिली। इसी बीच सत्तापक्ष की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्य ने मोर्चा संभाला और उन्होंने समाजवादी पार्टी और उसके नेताओं पर जोरदार हमला बोला। पाकिस्तान और आतंकवाद जैसे शब्दों का प्रयोग किए जाने पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने तीखा विरोध किया और हंगामा करते हुए वेल में आ गए। सदन की कार्यवाही 1:30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी और दोबारा जब सदन शुरू हुआ तो समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने आतंकवाद शब्द को चाचा से हटाने की मांग करते हुए हंगामा कर दिया। इसके जवाब में स्वामी प्रसाद मौर्य ने दोबारा इन्हीं शब्दों के साथ हमला बोला और हंगामा इतना बढ़ा कि अधिष्ठाता ने एजेंडा में शामिल विधायकों को पटल पर रखने का निर्देश दिया और ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया। विपक्ष सदस्यों के आसन के सामने धरना देने के दौरान ही राष्ट्रगान का आह्वान हुआ और सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

वाक थ्रू अखिलेश तिवारी


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