लखनऊः 1984 में सिख दंगों को लेकर कानपुर में भड़की हिंसा के मामले में पिछले साल योगी सरकार ने जांच के लिए SIT का गठन किया था. वहीं एसआईटी ने इस मामले में ऐसे गवाह तलाशे हैं, जिसमें पुलिस क्लोजर रिपोर्ट लगा चुकी थी. एसआईटी का समय इसी साल नवंबर माह में पूरा हो गया था, जिसको अब सरकार ने 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है.
अब एसआईटी को मई 2021 तक जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी. बता दें 1984 में सिख दंगों में 127 लोग मारे गए थे. वही दंगों को लेकर पुलिस ने 1251 अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे. इनमें से 19 मामलों में स्थानीय पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी, वहीं मामलों में एसआईटी ने 40 गवाह तलाश लिए हैं.
कानपुर सिख दंगों के लिए गठित एसआईटी का समय बढ़ा
साल 2019 में योगी सरकार ने सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. वहीं एसआईटी ने 40 मामलों की विवेचना शुरू कर दी है. इन गवाहों में बाहर के प्रदेशों के लोग भी शामिल हैं.
क्या था पूरा मामला
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी. इसी दौरान कानपुर में सिख दंगा भड़क गया था, जिसमें 127 लोग मारे गए थे. वहीं पुलिस ने इस दंगों को लेकर 1251 मुकदमें भी दर्ज किए थे. इनमें से 153 मामलों को छोड़कर अन्य मामलों में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी गई थी. सिख दंगे की जांच के लिए जस्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग भी पहले जांच कर चुका है.