लखनऊ: मैनपुरी जवाहर नवोदय विद्यालय (Mainpuri Jawahar Navodaya Vidyalaya) की छात्रा की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल (DGP Mukul Goyal) को फटकार लगाते हुए इस मामले की जांच कराने के सख्त निर्देश दिए थे. डीजीपी ने गुरुवार की देर रात छात्रा की मौत के मामले की जांच करने के लिए एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर (ADG Zone Kanpur Bhanu Bhaskar) के अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एसआईटी गठित की है. डीजीपी द्वारा गठित की गई यह विशेष जांच टीम (SIT) मामले की जांच कर एक माह में डीजीपी को जांच रिपोर्ट सौंपेगी. एसआईटी (SIT) टीम एक महिला एएसपी को भी शामिल किया गया है.
बता दें कि इस एसआईटी टीम में एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर (ADG Zone Kanpur Bhanu Bhaskar) के अलावा आईजी एटीएस जीके गोस्वामी, आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल, एसटीएफ आगरा यूनिट में तैनात एसपी राकेश यादव, मैनपुरी एसपी अशोक कुमार व कानपुर देहात में तैनात एएसपी तनु उपाध्याय को शामिल किया गया है.
बताते चलें कि मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya in Mainpuri) की छात्रा के मौत के मामले पर गठित हुई एसआईटी में आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल शामिल थे. छात्रा की मौत को अब तक खुदकुशी मानते हुए जांच की जा रही थी, जिसको लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए डीजीपी को तलब किया था. इसमें बताया गया था कि मैनपुरी की घटना पर तत्कालीन एसपी ओमप्रकाश सिंह, सीओ प्रयांक जैन व एक इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया था. मौजूदा समय में ओमप्रकाश सिंह एटा और प्रयांक जैन भदोही में तैनात थे. इसके साथ ही डीजीपी ने कहा कि पूरे मामले की जांच के बाद अन्य पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में जवाहर नवोदय विद्यालय की छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले की जांच रिपोर्ट दो माह में पूरा करने के लिए सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया है, तो वहीं डीजीपी मुकुल गोयल ने बताया कि मैनपुरी के तत्कालीन एसपी का सेवानिवृत्त लाभ का भुगतान भी रोक दिया गया है.
आपको बताते चलें कि मैनपुरी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय की छात्रा का शव 16 सितंबर 2019 को स्कूल के अंदर फंदे से लटकता पाया गया था. पुलिस इस मामले को आत्महत्या बता रही थी, जबकि मां का कहना था कि उस को पीटा गया, उसके बाद उसकी हत्या कर शव को फंदे से लटकाया गया है. इस मामले में जांच की कड़ी पुलिस द्वारा आगे नहीं बढ़ाई जा रही थी. इसके बाद ही पिता ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाते हुए जांच कराने की बात कही थी. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ही इस मामले की जांच एसआईटी द्वारा शुरू की गई थी. एसआईटी ने 24 अगस्त 2021 को अपनी जांच पूरी करते हुए इस केस डायरी को हाईकोर्ट में पेश किया था, जिसके बाद ही हाईकोर्ट ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए डीजीपी मुकुल गोयल को फटकार लगाई है.
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