लखनऊ: कानपुर में 8 पुलिस कर्मचारियों की हत्या की घटना के बाद शासन ने विकास दुबे के आपराधिक साम्राज्य व उसकी सहयोगी आपराधिक संलिप्तता की जांच के लिए आईएएस संजय भूसरेड्डी के अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी को 31 अगस्त को जांच रिपोर्ट शासन को भेजनी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी की जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हुई है. लिहाजा, जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए एसआईटी शासन से अतिरिक्त समय मांग सकती है.
इससे पहले एसआईटी को 31 जुलाई को जांच रिपोर्ट शासन को पेश करनी थी, लेकिन 31 जुलाई तक एसआईटी ने जांच को पूरा नहीं किया था. लिहाजा जांच रिपोर्ट को 1 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया था. अतिरिक्त समय मिलने के बाद 31 अगस्त को जांच रिपोर्ट शासन को पेश करनी है. जांच रिपोर्ट के बारे में जब जानकारी हासिल करने के लिए एसआईटी के अध्यक्ष आईएएस संजय भूसरेड्डी से बातचीत की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया. हालांकि, जानकारियां मिल रही है की अभी तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो सकी है. लिहाजा एसआईटी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए शासन से अतिरिक्त समय की डिमांड करेगी.
मिली जानकारी के अनुसार जांच को पूरा करने के लिए कई पुलिस कर्मचारी व अधिकारियों के बयान एसआईटी को लेने हैं. लेकिन लगातार जिस तरह से कोविड-19 संक्रमण फैला हुआ है और पुलिस कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं. इससे कई पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों के अब तक बयान नहीं दर्ज किए जा सकते हैं. मुहर्रम व त्योहारों में ड्यूटी लगने की वजह से कई पुलिस कर्मचारी बयान देने के लिए एसआईटी के पास नहीं पहुंचे हैं. इस कारण से जांच पूरी होने में एसआईटी को देर हो रही है. जानकारी के अनुसार जांच पूरी न होने की स्थिति में एसआईटी जांच को पूरी करने के लिए शासन से अतिरिक्त 15 दिन की डिमांड करेगी.
लखनऊ में तैनात एक डिप्टी एसपी व दो इंस्पेक्टर को लेकर भी जांच कर रही एसआईटी
बिकरु कांड को लेकर एसआईटी लगातार विकास दुबे का सहयोग करने वाले या उसके खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर जांच कर रही है. एसआईटी के निशाने पर लखनऊ में तैनात एक डिप्टी एसपी व दो इंस्पेक्टर हैं. बताते चलें वर्ष 2017 में यूपी एटीएस ने कृष्णा नगर में विकास दुबे को स्प्रिंगफील्ड राइफल के साथ गिरफ्तार किया था. जिसके बाद जिम्मेदार डिप्टी एसपी व इंस्पेक्टर ने न ही विकास दुबे की इस राइफल को जप्त करने व न ही लाइसेंस कैंसिलेशन की कार्रवाई की. अधिकारियों की लापरवाही के चलते विकास दुबे ने आसानी से राइफल को पुलिस कस्टडी से रिलीज करा लिया. एसआईटी ने डिप्टी एसपी व इंस्पेक्टर के बयान भी दर्ज कराए हैं.
ऑडियो क्लिप को भी एसआईटी ने जांच में किया शामिल
बिकरु कांड के बाद तात्कालिक चौबेपुर थाना इंचार्ज विनय तिवारी व तात्कालिक एसएसपी कानपुर दिनेश पी के बीच बातचीत के वायरल हुए वीडियो और घटना में शहीद दिवंगत डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा और एसपी ग्रामीण बृजेंद्र के बीच हुई बातचीत के ऑडियो सामने आने के बाद एसआईटी ने इस ऑडियो को भी अपनी जांच में शामिल किया है.
एसआईटी विकास दुबे के आपराधिक साम्राज्य के साथ विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई सहित उन तमाम पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर जांच कर रही है. जिनके ऊपर इस घटना के बाद आरोप लगे हैं. एसआईटी ने अब तक कानपुर और लखनऊ में कई दर्जन पुलिस कर्मचारियों व विकास दुबे से जुड़े हुए लोगों के बयान दर्ज कराएं हैं.