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रक्षाबंधन पर छलका शहीद की बहन का दर्द, कहा- 'भाई को मैं आज भी अपने पास महसूस करती हूं'

देश 73वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा है. आज ही के दिन पूरा देश रक्षाबंधन भी मना रहा है. ऐसे में जिन बहनों के भाई हमारी सुरक्षा के लिये शहीद हुए हैं उन्हें याद कर बहन भावुक हो गयी.

शहीद की बहन.
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Published : Aug 15, 2019, 10:35 PM IST

लखनऊ: पूरा देश 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आजादी को पाने में कई क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान दे दिया. इस आजादी को बरकरार रखने के लिए आज भी सरहदों पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं. इस बार 15 अगस्त के दिन हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, तो वहीं 15 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार भी है. ऐसे में देश की रक्षा में सरहदों पर तैनात सैनिकों की बहनों के लिए यह दिन और भी खास हो जाता है.

ईटीवी संवाददाता से बात करतीं शहीद की बहन.
  • जिन बहनों के भाई सरहदों पर तैनात हैं. वह अपने भाइयों को याद कर रही हैं.
  • वहीं जिन बहनों के भाई देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए, उनकी आंखें अपने भाइयों के लिए नम हैं.
  • सुनीता ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि हर रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को मैं आज भी अपने पास महसूस करती हूं.
  • उन्होंने कहा कि ऐसा कोई दिन नहीं है, जिस दिन उसकी याद न आए.
  • भले ही वह प्रत्यक्ष रूप से हमारे साथ नहीं है, लेकिन हम उन्हें हमेशा अपने पास महसूस करते हैं.

जिस दिन भाई सुनील जंग के शहीद होने की सूचना मिली थी. यह पता चला तो विश्वास ही नहीं हो रहा था. मानो की जैसे पहाड़ टूट पड़ा हो, लेकिन धीमे-धीमे हमने सच्चाई को स्वीकारा. भाई की कमी बहुत खलती है, लेकिन हमें गर्व है कि हमारा भाई देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ है.

-सुनीता, शहीद सुनील की बहन

लखनऊ: पूरा देश 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आजादी को पाने में कई क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान दे दिया. इस आजादी को बरकरार रखने के लिए आज भी सरहदों पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं. इस बार 15 अगस्त के दिन हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, तो वहीं 15 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार भी है. ऐसे में देश की रक्षा में सरहदों पर तैनात सैनिकों की बहनों के लिए यह दिन और भी खास हो जाता है.

ईटीवी संवाददाता से बात करतीं शहीद की बहन.
  • जिन बहनों के भाई सरहदों पर तैनात हैं. वह अपने भाइयों को याद कर रही हैं.
  • वहीं जिन बहनों के भाई देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए, उनकी आंखें अपने भाइयों के लिए नम हैं.
  • सुनीता ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि हर रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को मैं आज भी अपने पास महसूस करती हूं.
  • उन्होंने कहा कि ऐसा कोई दिन नहीं है, जिस दिन उसकी याद न आए.
  • भले ही वह प्रत्यक्ष रूप से हमारे साथ नहीं है, लेकिन हम उन्हें हमेशा अपने पास महसूस करते हैं.

जिस दिन भाई सुनील जंग के शहीद होने की सूचना मिली थी. यह पता चला तो विश्वास ही नहीं हो रहा था. मानो की जैसे पहाड़ टूट पड़ा हो, लेकिन धीमे-धीमे हमने सच्चाई को स्वीकारा. भाई की कमी बहुत खलती है, लेकिन हमें गर्व है कि हमारा भाई देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ है.

-सुनीता, शहीद सुनील की बहन

Intro: एंकर

लखनऊ। भारत को आजाद हुए 72 वर्ष हो गए हैं इस बार हम 73 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं आजादी को पाने में हमें कई बलदान देने पड़े आजादी को बरकरार रखने के लिए आज भी सरहदों पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं जहां इस बार 15 अगस्त के दिन हम स्वतंत्र दिवस मना रहे हैं तो वहीं 15 अगस्त रक्षाबंधन त्यौहार भी पड़ा है ऐसे में देश की रक्षा में सरहदों पर तैनात सैनिकों की बहनों के लिए यह दिन और भी खास हो जाता है जिन बहनों के भाई सरहदों पर तैनात हैं वह अपने भाइयों को याद कर रही हैं वहीं जिन बहनों के भाई देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए उनकी आंखें अपने भाइयों के लिए नाम है इस राखी के त्यौहार पर भले ही शहीदों की बहने भाइयों को याद करके व्याकुल हो रही हो लेकिन बहनों में भाई के प्रति प्रेम के साथ-साथ गौरव की भावना भी देखी जा रही है स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन के मौके पर ईटीवी ने शहीद सुनील जंग की बहन सुनीता से बातचीत की तो सुनीता ने भाई को याद करते हुए समाज को नसीहत भी दी।


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सुनीता ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि हर रक्षाबंधन के दिन भाई को मैं आज भी अपने पास महसूस करती हूं ऐसा कोई दिन नहीं है जिस दिन उसकी याद ना आए भले ही वह प्रत्यक्ष रूप से हमारे साथ नहीं है लेकिन हम उसे हमेशा अपने पास महसूस करते हैं जिस दिन सुनील जंग के शहीद होने की सूचना मिली थी उस दिन को याद करते हुए उनकी बहन का कहना है कि जब हमें यह पता चला तो विश्वास ही नहीं हो रहा था। मानो की जैसे पहाड़ टूट पड़ा हो लेकिन धीमे-धीमे हमने सच्चाई को स्वीकारा भाई की कमी बहुत खलती है लेकिन हमें गर्व है कि हमारा भाई देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ है। इस दौरान सुनीता ने कहा कि वह बहने सौभाग्यशाली हैं जिनके भाई जीवित हैं और उनके साथ हैं। इस दौरान सुनीता ने कहा कि देश के सम्मान और स्वाभिमान से बड़ा कुछ नहीं होता और स्वाभिमान को बरकरार रखने के लिए बलिदान तो देना ही पड़ता है।

शहीद सुनील जंग कारगिल युद्ध 1999 में शहीद हो गए थे सुनील जैन का परिवार लखनऊ के तोपखाना क्षेत्र में रहता है सुनील के पिता भी आर्मी मैन है जो अपनी पत्नी व दो बेटियों के साथ लखनऊ में रहते हैं


Conclusion:संवाददाता
प्रशांत मिश्रा
90 2639 25 26
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