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शताब्दी समारोह में अनूप जलोटा के गीतों पर झूमे छात्र

शताब्दी समारोह में मंगलवार को भजन गायक अनूप जलोटा ने भगवान श्रीकृष्ण और मीरा से जुड़े भजनों को प्रस्तुत कर दर्शकों को प्रेम की शानदार परिभाषा सुनाई. गायक डीजे नारायण ने भी अपने गीतों से लोगों का मन मोह लिया.

शताब्दी समारोह
शताब्दी समारोह
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Published : Nov 25, 2020, 8:05 AM IST

Updated : Nov 25, 2020, 12:47 PM IST

लखनऊ : शताब्दी समारोह में मंगलवार को भजन गायक अनूप जलोटा ने भगवान श्रीकृष्ण और मीरा से जुड़े भजनों को प्रस्तुत कर दर्शकों को प्रेम की शानदार परिभाषा सुनाई. उन्होंने लखनऊ हम पर फिदा हम फिदा ए लखनऊ... आज भी मेरे मन और ध्यान में रहता विश्वविद्यालय, ऐ शहरी लखनऊ तुझे मेरा सलाम है, तेरी विश्वविद्यालय की बड़ी निराली शान है सुनाकर, जमकर तालियां बटोरी.

शताब्दी समारोह.
लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह के छठवें दिन गायक अनूप जलोटा ने ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन.. भजन से स्टूडेंट्स और प्रोफेसरों को भक्तिरस में सरोबार कर दिया. पूरे कार्यक्रम में एक-एक लाइन लोगों के दिल और जुबां दोनों पर छायी रही. हर एक प्रस्तुति पर दर्शकों के उत्साह ने माहौल को खुशनुमा बना दिया.
गीतों पर थिरकते छात्र.
गीतों पर थिरकते छात्र.

दमा दम मस्त कलंदर पर झूमे छात्र

गायक अनूप जलोटा ने अपने सामने दर्शक दीर्घा में स्टूडेंट्स की भीड़ को देख, मैं शायर तो नहीं, चिंगारी कोई भड़के सावन उसे बुझाए गीत सुनाया. वहीं जैसे ही दमा दम मस्त कलंदर गीत गाया.. चारों ओर छात्र-छात्राएं जमकर थिरकने पर मजबूर हो गए. इसके बाद ताकते रहते तुझको सांझ सवेरे व श्याम तेरी बंसी जैसे एक से बढ़कर एक गीत सुनाकर दर्शकों को मुरीद बना दिया. मीरा भक्ति के साथ-साथ अनेक भजन प्रस्तुत कर इस सांस्कृतिक संध्या को चार चांद लगाने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.

डीजे नारायण ने दी प्रस्तुति

सुप्रसिद्ध गायक डीजे नारायण और उनके साथियों ने भी संगीत का प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें रोक सके ना मुझको कोई, मैं तो नया सवेरा हूं, सात समुंदर पार से मैं चला मिटाने अंधेरा हूं... सुनाकर जमकर तालियां बटोरी. कार्यक्रम के अंत में देशभक्ति से ओतप्रोत रचना हां मैं हिंदुस्तान हूं... गाकर दर्शकों को सीटी बजाकर झूमने पर मजबूर कर दिया.

लखनऊ : शताब्दी समारोह में मंगलवार को भजन गायक अनूप जलोटा ने भगवान श्रीकृष्ण और मीरा से जुड़े भजनों को प्रस्तुत कर दर्शकों को प्रेम की शानदार परिभाषा सुनाई. उन्होंने लखनऊ हम पर फिदा हम फिदा ए लखनऊ... आज भी मेरे मन और ध्यान में रहता विश्वविद्यालय, ऐ शहरी लखनऊ तुझे मेरा सलाम है, तेरी विश्वविद्यालय की बड़ी निराली शान है सुनाकर, जमकर तालियां बटोरी.

शताब्दी समारोह.
लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह के छठवें दिन गायक अनूप जलोटा ने ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन.. भजन से स्टूडेंट्स और प्रोफेसरों को भक्तिरस में सरोबार कर दिया. पूरे कार्यक्रम में एक-एक लाइन लोगों के दिल और जुबां दोनों पर छायी रही. हर एक प्रस्तुति पर दर्शकों के उत्साह ने माहौल को खुशनुमा बना दिया.
गीतों पर थिरकते छात्र.
गीतों पर थिरकते छात्र.

दमा दम मस्त कलंदर पर झूमे छात्र

गायक अनूप जलोटा ने अपने सामने दर्शक दीर्घा में स्टूडेंट्स की भीड़ को देख, मैं शायर तो नहीं, चिंगारी कोई भड़के सावन उसे बुझाए गीत सुनाया. वहीं जैसे ही दमा दम मस्त कलंदर गीत गाया.. चारों ओर छात्र-छात्राएं जमकर थिरकने पर मजबूर हो गए. इसके बाद ताकते रहते तुझको सांझ सवेरे व श्याम तेरी बंसी जैसे एक से बढ़कर एक गीत सुनाकर दर्शकों को मुरीद बना दिया. मीरा भक्ति के साथ-साथ अनेक भजन प्रस्तुत कर इस सांस्कृतिक संध्या को चार चांद लगाने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.

डीजे नारायण ने दी प्रस्तुति

सुप्रसिद्ध गायक डीजे नारायण और उनके साथियों ने भी संगीत का प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें रोक सके ना मुझको कोई, मैं तो नया सवेरा हूं, सात समुंदर पार से मैं चला मिटाने अंधेरा हूं... सुनाकर जमकर तालियां बटोरी. कार्यक्रम के अंत में देशभक्ति से ओतप्रोत रचना हां मैं हिंदुस्तान हूं... गाकर दर्शकों को सीटी बजाकर झूमने पर मजबूर कर दिया.

Last Updated : Nov 25, 2020, 12:47 PM IST
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