लखनऊ: 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ सिख समुदाय भी आक्रोशित है. सोमवार को उनके बयान और समाज को विभाजित करने की सोच का आरोप लगाकर लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने नाका गुरूद्वारा के सामने कंगना रनौत का पुतला फूंका. प्रदर्शन में शामिल लोग सरकार से अभिनेत्री को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग कर रहे थे. साथ ही पद्मश्री वापस लेने की मांग की.
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि कंगना रनौत लगातार देश के लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अपमानित कर रही हैं. वे देश की आजादी को भीख बताकर देश की गरिमा को तार-तार कर रही हैं जो स्वीकार्य नहीं है. लिहाजा, इस प्रकार के राष्ट्र विरोधी और देशवासियों को शर्मिंदा करने वाली अभिनेत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजना चाहिए.
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने कहा कि हम लोग कंगना के खिलाफ कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराएंगे और उनको गिरफ्तार करके जेल भेजाकर रहेगें.
गौरतलब है कि कंगना ने कहा था कि 1947 में भारत को जो आजादी मिली थी, वह अंग्रेजों के हाथों की भीख थी. कंगना एक मीडिया समिट में बोल रही थीं, जब उन्होंने, विवादित बयान देते हुए कहा था, "भारत को सच्ची आजादी 2014 में ही मिली थी.
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कंगना रनौत ने एक आर्टिकल की पुरानी कटिंग शेयर करते हुए लिखा कि, ‘1947 में ऐसा क्या घटा, यह कोई मुझे बताएगा तो मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस कर दूंगी. 1857 में कौन सी लड़ाई लड़ी गई यह हमें मालूम है. लेकिन 1947 में कौन सी लड़ाई लड़ी गई, यह हमें नहीं मालूम.