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रक्षाबंधन : भाई की कलाई पर राखी बांधने का सही तरीका, भूल से भी न करें ऐसी गलतियां

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Published : Aug 20, 2021, 7:16 AM IST

रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2021) के दिन बहने अपने भाई को राखी (Rakhi) बांधकर उनसे अपनी रक्षा वचन लेती है. राखी को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. जिसे बहने अपने भाई की कलाई पर उनकी दीर्घायु के लिए बांधती है, लेकिन क्या आप यह जानती हैं कि आपको रक्षाबंधन के दिन किसी प्रकार से राखी बांधनी चाहिए अगर नहीं तो हम आपको आज रक्षाबंधन के राखी बांधने की संपूर्ण विधि बताएंगे.

Significance of Tying Rakhi
राखी बांधने का सही तरीका

लखनऊ : रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2021) के दिन बहने अपने भाई को राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा वचन लेती है. राखी को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. जिसे बहने अपने भाई की कलाई पर उनकी दीर्घायु के लिए बांधती है. लेकिन क्या आप यह जानती हैं कि आपको रक्षाबंधन के दिन किसी प्रकार से राखी बांधनी चाहिए अगर नहीं तो हम आपको आज रक्षाबंधन के राखी बांधने की संपूर्ण विधि बताएंगे तो चलिए जानते हैं राखी (Rakhi) बांधने की संपूर्ण विधि.

Significance of Tying Rakhi
राखी बांधने का सही तरीका

1. रक्षाबंधन के दिन बहनों को सबसे स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और अपने ईष्ट की पूजा करके उनसे अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

2. इसके बाद उन्हें पूजा की थाली तैयार करनी चाहिए. जिसमें रोली, चावल, राखी,गंगाजल,पीली सरसो, नारियल, मिठाई और दीपक हो.

3. राखी बांधते समय आपको इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए की आपके भाई का सिर ढका हो.

4. इसके बाद अपने दांए हाथ की अनामिका उंगली से अपने भाई का रोली से तिलक करें.

5. रोली से तिलक करने के बाद उस तिलक पर अक्षत यानी चावल लगाएं.

6. इसके बाद अपने भाई के हाथ में नारियल रखें और अपने भाई के दाएं हाथ की कलाई पर राखी बांधे.

7. राखी बांधन के बाद अपने भाई के हाथ से वह नारियल ले लें और अपने भाई को मिठाई खिलाएं.

8. मिठाई खिलाने के बाद भाई की लंबी उम्र के लिए उसकी उतारें.

9. इसके बाद भाई का भी वह फर्ज बनता है कि वह उपहार स्वरूप अपनी बहन कुछ न कुछ अवश्य दे.

10. इसके बाद बहन को पीली सरसो लेकर अपने भाई की नजर अवश्य उतारनी चाहिए.

11. नजर उतारने के बाद अपने भाई पर एक फूल के द्वारा गंगाजल की छीटें अवश्य मारें. ऐसा भाई को रोगो से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है.

12. इसके बाद भाई को अपनी बहने के चरण स्पर्श करके उनका आर्शीवाद अवश्य लेना चाहिए और साथ ही भाई और बहन दोनो को घर के बुजुर्गों का भी आर्शीवाद अवश्य लेना चाहिए.

Significance of Tying Rakhi
राखी बांधने का सही तरीका

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होता है. हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को ये त्योहार मनाया जाता है. इस वर्ष रक्षाबंधन पर कई शुभ संयोग बनने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन संयोग को बेहद शुभ माना गया है. ये संयोग भाई-बहन के लिए बहुत शुभ साबित होंगे. इस साल रक्षाबंधन 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा. ज्योतिष के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर शोभन योग बन रहा है. 22 अगस्त की सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग रहेगा. ये योग मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस योग के दौरान की गई यात्रा बहुत कल्याणकारी साबित होती है. इसके साथ ही इस दिन शाम को 7 बजकर 40 मिनट तक घनिष्ठा योग रहेगा. ज्योतिष के अनुसार, घनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है. इस नक्षत्र में जन्में लोगों का अपने भाई-बहन के प्रति विशेष प्रेम होता है. इसलिए इस नक्षत्र में रक्षाबंधन का पड़ना भाई-बहन के आपसी प्रेम को बढ़ाएगा. इस बार भद्राकाल न होने की वजह से दिनभर में किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है.

रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2021


रक्षा बंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे 13 मिनट की शुभ अवधि रहेगी. आप सुबह 5 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 3 मिनट तक किसी भी वक्त राखी बांध सकते हैं. वहीं भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.

लखनऊ : रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2021) के दिन बहने अपने भाई को राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा वचन लेती है. राखी को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. जिसे बहने अपने भाई की कलाई पर उनकी दीर्घायु के लिए बांधती है. लेकिन क्या आप यह जानती हैं कि आपको रक्षाबंधन के दिन किसी प्रकार से राखी बांधनी चाहिए अगर नहीं तो हम आपको आज रक्षाबंधन के राखी बांधने की संपूर्ण विधि बताएंगे तो चलिए जानते हैं राखी (Rakhi) बांधने की संपूर्ण विधि.

Significance of Tying Rakhi
राखी बांधने का सही तरीका

1. रक्षाबंधन के दिन बहनों को सबसे स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और अपने ईष्ट की पूजा करके उनसे अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

2. इसके बाद उन्हें पूजा की थाली तैयार करनी चाहिए. जिसमें रोली, चावल, राखी,गंगाजल,पीली सरसो, नारियल, मिठाई और दीपक हो.

3. राखी बांधते समय आपको इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए की आपके भाई का सिर ढका हो.

4. इसके बाद अपने दांए हाथ की अनामिका उंगली से अपने भाई का रोली से तिलक करें.

5. रोली से तिलक करने के बाद उस तिलक पर अक्षत यानी चावल लगाएं.

6. इसके बाद अपने भाई के हाथ में नारियल रखें और अपने भाई के दाएं हाथ की कलाई पर राखी बांधे.

7. राखी बांधन के बाद अपने भाई के हाथ से वह नारियल ले लें और अपने भाई को मिठाई खिलाएं.

8. मिठाई खिलाने के बाद भाई की लंबी उम्र के लिए उसकी उतारें.

9. इसके बाद भाई का भी वह फर्ज बनता है कि वह उपहार स्वरूप अपनी बहन कुछ न कुछ अवश्य दे.

10. इसके बाद बहन को पीली सरसो लेकर अपने भाई की नजर अवश्य उतारनी चाहिए.

11. नजर उतारने के बाद अपने भाई पर एक फूल के द्वारा गंगाजल की छीटें अवश्य मारें. ऐसा भाई को रोगो से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है.

12. इसके बाद भाई को अपनी बहने के चरण स्पर्श करके उनका आर्शीवाद अवश्य लेना चाहिए और साथ ही भाई और बहन दोनो को घर के बुजुर्गों का भी आर्शीवाद अवश्य लेना चाहिए.

Significance of Tying Rakhi
राखी बांधने का सही तरीका

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होता है. हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को ये त्योहार मनाया जाता है. इस वर्ष रक्षाबंधन पर कई शुभ संयोग बनने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन संयोग को बेहद शुभ माना गया है. ये संयोग भाई-बहन के लिए बहुत शुभ साबित होंगे. इस साल रक्षाबंधन 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा. ज्योतिष के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर शोभन योग बन रहा है. 22 अगस्त की सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग रहेगा. ये योग मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस योग के दौरान की गई यात्रा बहुत कल्याणकारी साबित होती है. इसके साथ ही इस दिन शाम को 7 बजकर 40 मिनट तक घनिष्ठा योग रहेगा. ज्योतिष के अनुसार, घनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है. इस नक्षत्र में जन्में लोगों का अपने भाई-बहन के प्रति विशेष प्रेम होता है. इसलिए इस नक्षत्र में रक्षाबंधन का पड़ना भाई-बहन के आपसी प्रेम को बढ़ाएगा. इस बार भद्राकाल न होने की वजह से दिनभर में किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है.

रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2021


रक्षा बंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे 13 मिनट की शुभ अवधि रहेगी. आप सुबह 5 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 3 मिनट तक किसी भी वक्त राखी बांध सकते हैं. वहीं भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.

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