लखनऊ : महंगी दुकानों से आपने मीठे पकवान और नमकीन से बने उत्पाद तो खूब खाए होंगे, भले ही ये सेहत के लिए हानिकारक क्यूं न हों, लेकिन क्या कभी आपने इस बारे में सोचा भी होगा कि मोटे अनाजों से ऐसी ऐसी मिठाइयां या फिर नमकीन के उत्पाद बन सकते हैं जिन्हें चखते ही आपके मुंह से बरबस ही वाह निकल जाए और खास बात ये भी हो कि ये सेहत के लिए हानिकारक भी न हों. अगर आपको अपनी सेहत को दुरुस्त रखना है तो मिलेट्स से बेहतर कुछ भी नहीं. अभी तक मिलेट्स के बारे में कोई यह सोच भी नहीं सकता था कि इनसे ऐसी मिठाइयां और ऐसी नमकीन बन सकती है जो मार्केट में मौजूद मिठाइयों और नमकीन के उत्पादों से बेहतर हो. अगर आप भी मिलेट्स की खासियतों से वाकिफ होना चाहते हैं तो आइए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इन दिनों चल रहे तीन दिवसीय श्री अन्न महोत्सव में और यहां पर मोटे अनाजों से बने खाद्य वस्तुओं का लुत्फ उठाइए और महसूस कीजिए मिलेट्स की अहमियत.
प्रोफेसर के लजीज पकवान : कृषि विभाग की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय श्री अन्न महोत्सव में अयोध्या के आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज से आईं प्रोफेसर साधना सिंह ने यहां पर स्टाल लगाया है. उनके स्टाल पर मिलेट्स से बने ऐसे ऐसे लजीज उत्पाद मौजूद हैं जिन्हें देखते ही मुंह में पानी आ जाए. ईटीवी भारत से प्रोफेसर साधना सिंह बताती है कि जब कुछ माह पहले विधानसभा में मिलेट्स से बने उत्पादों का भोज सरकार की तरफ से मंत्रियों विधायकों को दिया गया था तो उसमें मक्के का हलवा बनाया था, जिसकी कृषि मंत्री ने भी तारीफ की थी. कई विधायकों ने भी उसकी प्रशंसा की थी. प्रोफेसर सिंह बताती हैं कि मोटे अनाजों से खाने के ऐसे ऐसे उत्पाद बन सकते हैं जो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी लाभकारी होते हैं. उन्होंने रागी से समोसे और ज्वार के लड्डू बनाए हैं. साथ ही ऐसी लाजवाब नमकीन भी बनाई है जो खाने में अद्भुत है. सावा का लठ्ठा बनाया है. ज्वार, बाजरा, रागी और कोदो से बहुत सारे उत्पाद तैयार किए गए हैं.
वापस आने वाले हैं मिलेट्स के दिन : राजाजीपुरम की रहने वाली पूनम मेहरोत्रा पिछले कई साल से कैंटीन चलाती हैं. दो माह पहले ही उनका आकर्षण मोटे अनाजों से बने उत्पादों की तरफ बढ़ा और उन्होंने अपना काम शुरू किया. सिर्फ दो माह में ही उन्हें इतना लाभ मिला कि अब अपना पूरा फोकस मोटे अनाजों से बने नमकीन, बिस्कुट और मिठाई की तरफ कर रही हैं. "ईटीवी भारत" से बातचीत में पूनम मेहरोत्रा ने बताया कि कैटरिंग में जितना फायदा इतने साल में नहीं हुआ उससे ज्यादा फायदा अब मुझे मोटे अनाजों से बने इन उत्पादों को बनाने में हो रहा है. श्री अन्न महोत्सव में जब स्टॉल लगाया और यहां पर लोगों का मिलेट्स के प्रति आकर्षण दिखा तो समझ आ गया है कि अब मिलेट्स के दिन वापस आने वाले हैं. उन्होंने मोटे अनाजों से बर्फी बनाई है, काला जाम बनाया है. बिस्कुट और नमकीन भी तैयार किए हैं.
मिठास घोल रहे गन्ने के रस से बने लड्डू : मुरादाबाद से आए आर्येंद्र बडगौती शुद्ध गन्ने के रस से लड्डू बनाए हैं. चीनी का एक दाना भी इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन आप जैसे ही इसे अपनी जुबान पर रखेंगे आपको इतनी मिठास लगेगी कि एहसास ही नहीं होगा कि इसमें चीनी नहीं मिली है, बल्कि यह शुद्ध गन्ने के रस से बनाया गया है. उनका कहना है कि यह अपने तरह का अलग ही उत्पाद है. इसमें कश्मीर की बादाम मिलाई गई है. मेरे मन में यह ख्याल तब आया जब लोग चीनी से बनी मिठाइयों से दूर भाग रहे थे तो शुद्ध गन्ने के रस और मोटे अनाज से बने उत्पाद बनाने का ख्याल मन में आया और मैंने यह कर दिखाया. यह लड्डू लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. मैं ऑनलाइन भी लोगों को यह उपलब्ध करा रहा हूं. इसकी काफी डिमांड है उनका कहना है कि लगातार मिलेट्स से बने उत्पादों की बिक्री बढ़ रही है और अब इसका मार्केट बन रहा है.
यह भी पढ़ें : Shree Anna Mahotsav : सीएम योगी ने कहा श्री अन्न का उत्पादन हमारी वैदिक विरासत, मिलेट्स उत्पादक किसानों को किया सम्मानित