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आरटीओ फीस 2100 रुपये, ई ऑटो खरीदने वालों से लिए जा रहे करीब 10 हजार, शिकायत पर शोरूम का कोड लाॅक

राजधानी में इलेक्ट्रिक ऑटो बेचने वाले शोरूम मालिक मनमानी कर रहे हैं. आरोप है कि शोरूम मालिक वाहन खरीदने वालों से ज्यादा रुपये वसूल कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 25, 2023, 9:07 PM IST

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लखनऊ : आरटीओ में काम करने के नाम पर शोरूम मालिक इलेक्ट्रिक ऑटो खरीदारों को जमकर चूना लगा रहे हैं. आरोप है कि जिस काम के लिए आरटीओ की तरफ से सिर्फ ₹2100 फीस निर्धारित है उसके बदले में वाहन मालिकों से शोरूम मालिक साढ़े 10 हजार रुपए से ज्यादा वसूल रहे हैं. इलेक्ट्रिक ऑटो बेचने वाले शोरूम से अब तक सैकड़ों ई ऑटो बेचे जा चुके हैं और इनमें से ज्यादातर खरीदारों से आरटीओ शुल्क के नाम पर लाखों रुपए से ज्यादा वसूल चुके हैं. अब इसकी शिकायत परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंची है, जिसके बाद शोरूम मालिक पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ जोन) की तरफ से एक जांच टीम भी गठित कर दी गई है, साथ ही एआरटीओ (प्रशासन) की तरफ से शोरूम का कोड लॉक कर दिया गया है. इससे अब वाहनों की बिक्री शोरूम मालिक नहीं कर सकेगा.




राजधानी के ही शोरूम मालिक परिवहन विभाग के नियमों का खुलेआम मखौल उड़ा रहे हैं. बिना किसी खौफ के शोरूम की तरफ से इलेक्ट्रिक ऑटो की खरीद करने पर खरीदारों से एक या दो हजार नहीं बल्कि नौ हजार से ज्यादा की अतिरिक्त वसूली की जा रही है. यह वसूली आरटीओ सरचार्ज के नाम पर हो रही है. कृष्णा नगर स्थित शोरूम की अतिरिक्त वसूली की शिकायत परिवहन विभाग मुख्यालय के पास पहुंची है. इसके बाद अब अधिकारी नींद से जागे हैं और कार्रवाई की बात कह रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, गोयल मोटर सेल्स की पंजीकरण व हाइपोथैकेशन चार्ज के नाम पर करीब 11 हजार रुपए वसूलने की शिकायत मिली है. वाहन मालिक का आरोप है कि यह आरटीओ की फीस बताई जा रही है. बताया जाता है कि ये फीस कार्यालय में जमा करनी पड़ती है. वास्तविकता यह है कि आरटीओ में इस काम की फीस सिर्फ ₹2100 निश्चित है. लिहाजा, एक ही खरीददार से नौ हजार के करीब अतिरिक्त वसूली की जा रही है. इस मामले पर लखनऊ के एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि 'शोरूम का कोड लॉक कर दिया गया है. जांच पूरी होने तक कोड नहीं खोला जाएगा. किसी भी ऑटो की बिक्री डीलर नहीं कर सकेगा.'

पहले भी कई शोरूम की हो चुकी है जांच : बता दें कि इससे पहले भी दो पहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री पर आरटीओ सरचार्ज के नाम पर हो रही वसूली को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों को शिकायत मिली थी, जिसके बाद शहर के 18 शोरूम डीलरों की जांच कराई गई. उनके कोड लॉक किए गए थे. इनमें हुसैनगंज, आलमबाग, चारबाग और टेढ़ी पुलिया के कई शोरूम शामिल थे. जांच में कई शोरूम की कारगुजारी उजागर भी हुई, लेकिन मामले को रफादफा कर दिया गया.



डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ जोन) सुरेंद्र कुमार का कहना है कि 'उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी परिवहन विभाग में लागू है. शोरूम डीलर अगर वाहन स्वामियों से आरटीओ के नाम पर वसूली कर रहे हैं तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गोयल मोटर सेल्स की जांच कराई जाएगी. इसके लिए टीम गठित कर दी गई है. मामले की जांच होने तक इलेक्ट्रिक ऑटो की बिक्री की इजाजत नहीं होगी. कोड लॉक करा दिया गया है.'

यह भी पढ़ें : एक सप्ताह के अंदर सभी पुलिस थाने होंगे सीसीटीवी से लैस, मुख्यमंत्री ने जारी किए निर्देश

लखनऊ : आरटीओ में काम करने के नाम पर शोरूम मालिक इलेक्ट्रिक ऑटो खरीदारों को जमकर चूना लगा रहे हैं. आरोप है कि जिस काम के लिए आरटीओ की तरफ से सिर्फ ₹2100 फीस निर्धारित है उसके बदले में वाहन मालिकों से शोरूम मालिक साढ़े 10 हजार रुपए से ज्यादा वसूल रहे हैं. इलेक्ट्रिक ऑटो बेचने वाले शोरूम से अब तक सैकड़ों ई ऑटो बेचे जा चुके हैं और इनमें से ज्यादातर खरीदारों से आरटीओ शुल्क के नाम पर लाखों रुपए से ज्यादा वसूल चुके हैं. अब इसकी शिकायत परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंची है, जिसके बाद शोरूम मालिक पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ जोन) की तरफ से एक जांच टीम भी गठित कर दी गई है, साथ ही एआरटीओ (प्रशासन) की तरफ से शोरूम का कोड लॉक कर दिया गया है. इससे अब वाहनों की बिक्री शोरूम मालिक नहीं कर सकेगा.




राजधानी के ही शोरूम मालिक परिवहन विभाग के नियमों का खुलेआम मखौल उड़ा रहे हैं. बिना किसी खौफ के शोरूम की तरफ से इलेक्ट्रिक ऑटो की खरीद करने पर खरीदारों से एक या दो हजार नहीं बल्कि नौ हजार से ज्यादा की अतिरिक्त वसूली की जा रही है. यह वसूली आरटीओ सरचार्ज के नाम पर हो रही है. कृष्णा नगर स्थित शोरूम की अतिरिक्त वसूली की शिकायत परिवहन विभाग मुख्यालय के पास पहुंची है. इसके बाद अब अधिकारी नींद से जागे हैं और कार्रवाई की बात कह रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, गोयल मोटर सेल्स की पंजीकरण व हाइपोथैकेशन चार्ज के नाम पर करीब 11 हजार रुपए वसूलने की शिकायत मिली है. वाहन मालिक का आरोप है कि यह आरटीओ की फीस बताई जा रही है. बताया जाता है कि ये फीस कार्यालय में जमा करनी पड़ती है. वास्तविकता यह है कि आरटीओ में इस काम की फीस सिर्फ ₹2100 निश्चित है. लिहाजा, एक ही खरीददार से नौ हजार के करीब अतिरिक्त वसूली की जा रही है. इस मामले पर लखनऊ के एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि 'शोरूम का कोड लॉक कर दिया गया है. जांच पूरी होने तक कोड नहीं खोला जाएगा. किसी भी ऑटो की बिक्री डीलर नहीं कर सकेगा.'

पहले भी कई शोरूम की हो चुकी है जांच : बता दें कि इससे पहले भी दो पहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री पर आरटीओ सरचार्ज के नाम पर हो रही वसूली को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों को शिकायत मिली थी, जिसके बाद शहर के 18 शोरूम डीलरों की जांच कराई गई. उनके कोड लॉक किए गए थे. इनमें हुसैनगंज, आलमबाग, चारबाग और टेढ़ी पुलिया के कई शोरूम शामिल थे. जांच में कई शोरूम की कारगुजारी उजागर भी हुई, लेकिन मामले को रफादफा कर दिया गया.



डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ जोन) सुरेंद्र कुमार का कहना है कि 'उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी परिवहन विभाग में लागू है. शोरूम डीलर अगर वाहन स्वामियों से आरटीओ के नाम पर वसूली कर रहे हैं तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गोयल मोटर सेल्स की जांच कराई जाएगी. इसके लिए टीम गठित कर दी गई है. मामले की जांच होने तक इलेक्ट्रिक ऑटो की बिक्री की इजाजत नहीं होगी. कोड लॉक करा दिया गया है.'

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