लखनऊ: राजधानी में हुए अजीत सिंह हत्याकांड के नामजद आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. पुलिस घटना में प्रयुक्त असलहा की बरामदगी के लिए उसे सहारा हॉस्पिटल के पीछे खरगापुर क्रॉसिंग के पास लाई थी. लेकिन जैसे ही गाड़ी रुकी तो उपनिरीक्षक अख्तर उस्मानी को घायल कर गिरधारी विश्वकर्मा उनकी पिस्टल लेकर भागने लगा. वहीं इस दौरान पीछा करने पर उप निरीक्षक अनिल सिंह द्वारा फायर किया गया, उन पर भी गिरधारी ने फायरिंग की ,जिसके बाद उनके दाहिने बाजू को गोली छूते हुए निकल गई. इस दौरान गिरधारी रेलवे क्रॉसिंग के बगल में झाड़ियों में भाग गया, जिसकी सूचना कंट्रोल रूम और 112 को दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस उपायुक्त पूर्वी मौके पर प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के साथ पहुंचे. झाड़ियों में छिपे गिरधारी को आत्मसमर्पण के लिए चेतावनी दी गई, लेकिन उसने उस्मानी से छीनी पिस्टल से कई बार फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी,जिसके बाद पुलिस उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गई, जहां उसकी मौत हो गई.
एक लाख का था इनाम घोषित
गिरधारी विश्वकर्मा के ऊपर वाराणसी पुलिस एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. वहीं उससे पूछताछ के लिए वाराणसी पुलिस भी रविवार को विभूति खंड पहुंची थी. वाराणसी में नितेश की हत्या में गिरधारी वांछित था. इस मामले में वाराणसी पुलिस ने भी 1 घंटे तक पूछताछ की थी. इसके पहले भी गिरधारी को रिमांड लेने के लिए वाराणसी पुलिस दिल्ली गई थी, लेकिन रिमांड नहीं मिली थी. गिरधारी के खिलाफ दर्जन भर से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इस मुठभेड़ के दौरान उप निरीक्षक अख्तर सईद उस्मानी के मुंह पर चोट आई है. वहीं अनिल सिंह को कंधों में गोली लगी है, जबकि विभूति खंड इस्पेक्टर चंद्रशेखर भी जख्मी हुए हैं.
जेसीपी अपराध नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि सोमवार सुबह तड़के गिरधारी विश्वकर्मा को अजीत सिंह हत्याकांड में प्रयुक्त असलहा की बरामदगी के लिए ले जाए जा रहा था. उस दौरान उसने अख्तर सईद उस्मानी को नाक पर मारकर घायल कर दिया और सरकारी असलहा लूटकर भागने लगा. इस दौरान उसे सरेंडर करने को कहा गया लेकिन उसने पुलिस पर ही जवाबी फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की, जिसमें उसे गोली लग गई, जिसके बाद उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया .इस घटनाक्रम में अख्तर सईद उस्मानी, अनिल सिंह और चंद्रशेखर सिंह भी घायल हुए हैं.
जानिए पूरा घटनाक्रम
6 जनवरी की शाम को विभूति खंड थाना अंतर्गत कठौता चौराहे के पास मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गैंगवार के दौरान हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह, अखंड प्रताप और शूटर गिरधारी विश्वकर्मा नामजद थे. गिरधारी ने पूछताछ में बताया था कि कुंटू सिंह के कहने पर ही अजीत सिंह की हत्या हुई थी. वहीं गिरधारी विश्वकर्मा दिल्ली पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गया, जबकि घटना को अंजाम देने का काम 6 शूटरों ने किया था .पुलिस संदीप नाम के एक शूटर को ही गिरफ्तार कर सकी है, जबकि 4 शूटर अभी भी फरार हैं. वहीं इसी मामले में पुलिस गिरधारी को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी . गिरधारी ने पूछताछ में पुलिस को घटना में प्रयोग किए गए मोबाइल की बरामदगी भी कराई थी. इस मोबाइल में दूसरों के मोबाइल नंबर भी शामिल हैं .वही रिमांड की अवधि 16 फरवरी तक थी.