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अखिलेश यादव बने नेता विपक्ष, एसपी विधायक दल ने चुना नेता, नाराज़ चाचा शिवपाल गए इटावा

समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में अखिलेश यादव को नेता चुन लिया गया. अखिलेश यादव को विधानसभा में नेता विपक्ष का दर्जा भी हासिल हो गया है. इससे पहले अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भतीजे से नाराज़ हो गए. विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश के साथ आए शिवपाल यादव को आखिर गुस्सा क्यों आया?

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Published : Mar 26, 2022, 12:19 PM IST

Updated : Mar 26, 2022, 5:40 PM IST

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बैठक से शिवपाल ने किया किनारा

लखनऊः एसपी विधायक दल की बैठक से पहले ही अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच तलवारें खिंचती ऩज़़र आ रही हैं. समाजवादी पार्टी की विधायक दल की बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया जिससे नाराज़ होकर वो इटावा के लिए रवाना हो गए. अखिलेश यादव की अध्यक्षता मेंं हुई समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक एसपी मुख्यालय में हुई. जिसमें अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया. पहले ये बैठक 21 मार्च को होने वाली थी, लेकिन पार्टी ने विधान परिषद प्रत्याशियों के नामांकन की वजह से विधायक दल की बैठक का कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया था. इस बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता और नेता विरोधी दोनों चुना गया है. हालांकि आजम खान और नाहिद हसन अभी जेल में होने की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हो सके. वहीं शिवपाल यादव भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने बगावती तेवर दिखाए हुए कहा कि उन्हें मीटिंग में नहीं बुलाया गया.

शिवपाल यादव ने कहा कि सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय से फोन आया, लेकिन मुझे कोई फोन कॉल नहीं आया. मैं विधायक दल की बैठक में नहीं जा रहा, लखनऊ से सीधा इटावा के लिए जा रहा हूं.

चाचा-भतीजे में फिर तकरार!

एसपी विधायक दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को सपा का विधायक दल का नेता चुना गया. हालांकि पहले कहा जा रहा था कि शिवपाल सिंह यादव या अन्य नेता सदन में विधायक दल का नेता बन सकते हैं. अखिलेश यादव ने पिछले दिनों ही आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. वो अब मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक बने रहेंगे.

इसे भी पढ़ें- पिछली सरकार में जो काम नहीं हो पाये उसे करेंगे पूरा, आवारा पशुओं की समस्याएं होंगी दूर: संदीप सिंह

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में रालोद, सुभासपा समेत कई छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव के मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी को 111 और बाकी गठबंधन को मिली है. अब समाजवादी पार्टी का लक्ष्य मजबूत विपक्षी दल बनने का है. इसी को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए बैठक बुलाया था.

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वहीं शिवपाल यादव को बैठक में न बुलाये जाने पर उन्होंने कहा कि वो अखिलेश यादव से नाराज नही हैं. उन्होंने सभी गिलेशिकवे भुलाकर मिलकर विधान सभा चुनाव में पार्टी को मजबूत करने के लिए मेहनत की थी. अब जब उन्हें बैठक में नही बुलाया गया है तो भी वो सपा को मजबूत करने के लिए जमीन पर रहेंगे.

बता दें कि साल 2017 में विधान सभा चुनाव से ठीक पहले शिवपाल यादव व अखिलेश के बीच पावर को लेकर तकरार हुई थी और शिवपाल ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ लिया था. उन्होंने प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी बना ली थी. लेकिन यूपी चुनाव 2022 से पहले वे एक बार फिर अखिलेश यादव से जुड़े और जसवंतनगर सीट से सपा के सिंबल पर ही चुनाव लड़ा. शिवपाल को सपा ने स्टार प्रचारक भी बनाया था. शिवपाल समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते भी नजर आए थे. हालांकि, विधानसभा चुनाव में प्रसपा के कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने पर उन्होंने कई बार अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि भाजपा को रोकने के लिए उन्होंने कुर्बानी दी है.

हालांकि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि सहयोगी दल के विधायकों को 28 मार्च को बुलाया जाएगा. जिसमें सपा के सिंबल से चुनाव लड़े शिवपाल यादव को भी 28 मार्च को बुलाया जाएगा.

लखनऊः एसपी विधायक दल की बैठक से पहले ही अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच तलवारें खिंचती ऩज़़र आ रही हैं. समाजवादी पार्टी की विधायक दल की बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया जिससे नाराज़ होकर वो इटावा के लिए रवाना हो गए. अखिलेश यादव की अध्यक्षता मेंं हुई समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक एसपी मुख्यालय में हुई. जिसमें अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया. पहले ये बैठक 21 मार्च को होने वाली थी, लेकिन पार्टी ने विधान परिषद प्रत्याशियों के नामांकन की वजह से विधायक दल की बैठक का कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया था. इस बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता और नेता विरोधी दोनों चुना गया है. हालांकि आजम खान और नाहिद हसन अभी जेल में होने की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हो सके. वहीं शिवपाल यादव भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने बगावती तेवर दिखाए हुए कहा कि उन्हें मीटिंग में नहीं बुलाया गया.

शिवपाल यादव ने कहा कि सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय से फोन आया, लेकिन मुझे कोई फोन कॉल नहीं आया. मैं विधायक दल की बैठक में नहीं जा रहा, लखनऊ से सीधा इटावा के लिए जा रहा हूं.

चाचा-भतीजे में फिर तकरार!

एसपी विधायक दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को सपा का विधायक दल का नेता चुना गया. हालांकि पहले कहा जा रहा था कि शिवपाल सिंह यादव या अन्य नेता सदन में विधायक दल का नेता बन सकते हैं. अखिलेश यादव ने पिछले दिनों ही आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. वो अब मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक बने रहेंगे.

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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में रालोद, सुभासपा समेत कई छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव के मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी को 111 और बाकी गठबंधन को मिली है. अब समाजवादी पार्टी का लक्ष्य मजबूत विपक्षी दल बनने का है. इसी को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए बैठक बुलाया था.

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वहीं शिवपाल यादव को बैठक में न बुलाये जाने पर उन्होंने कहा कि वो अखिलेश यादव से नाराज नही हैं. उन्होंने सभी गिलेशिकवे भुलाकर मिलकर विधान सभा चुनाव में पार्टी को मजबूत करने के लिए मेहनत की थी. अब जब उन्हें बैठक में नही बुलाया गया है तो भी वो सपा को मजबूत करने के लिए जमीन पर रहेंगे.

बता दें कि साल 2017 में विधान सभा चुनाव से ठीक पहले शिवपाल यादव व अखिलेश के बीच पावर को लेकर तकरार हुई थी और शिवपाल ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ लिया था. उन्होंने प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी बना ली थी. लेकिन यूपी चुनाव 2022 से पहले वे एक बार फिर अखिलेश यादव से जुड़े और जसवंतनगर सीट से सपा के सिंबल पर ही चुनाव लड़ा. शिवपाल को सपा ने स्टार प्रचारक भी बनाया था. शिवपाल समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते भी नजर आए थे. हालांकि, विधानसभा चुनाव में प्रसपा के कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने पर उन्होंने कई बार अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि भाजपा को रोकने के लिए उन्होंने कुर्बानी दी है.

हालांकि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि सहयोगी दल के विधायकों को 28 मार्च को बुलाया जाएगा. जिसमें सपा के सिंबल से चुनाव लड़े शिवपाल यादव को भी 28 मार्च को बुलाया जाएगा.

Last Updated : Mar 26, 2022, 5:40 PM IST
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