लखनऊ: प्रगितिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है. गौरतलब है कि काफी समय तक बिखराव के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में चाचा और भतीजे एक हुए थे. समाजवादी कुनबा इकट्ठा हुआ था, लेकिन चुनाव खत्म हुए, भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो चाचा-भतीजे के संबंधों में फिर से खटास आ गई.
अखिलेश यादव ने हाल ही में एक पत्र जारी किया, जिसके बाद परिवार की ये दरार खुलकर सामने आई है. इन सभी सवालों को लेकर 'ईटीवी भारत' ने प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव से बातचीत की. जहां शिवपाल यादव ने सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.
सवाल: आपने हमेशा परिवार जोड़ने की बात की, लेकिन अखिलेश ने आपको ही बाहर का रास्ता दिखा दिया, क्या कहेंगे?
शिवपाल यादव: जो पत्र मिला है उसकी जानकारी आप लोगों के द्वारा ही मिली है. उन्होंने मुझे जो औपचारिक स्वतंत्र कर दिया है. लेकिन मैं तो पहले से ही स्वतंत्र हूं. हम सभी स्वतंत्र हैं.
सवाल: यह स्वतंत्रता किस बात के लिए दी जा रही है? आप तो जोड़ने की बात करते हैं, उनके कदम से कदम मिलाकर चले हैं?
शिवपाल यादव: यह तो अखिलेश ने अपरिपक्वता का राजनीतिक प्रमाण पत्र दिया है. इससे तो अच्छा होता विधानमंडल दल से ही निकाल देते. पार्टी से निकाल देते. जब 2022 का चुनाव हुआ था तो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की सदस्यता से मैंने इस्तीफा दिया था और समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी, तो इससे तो अच्छा था. अगर उनमें अभी तक जरा सी परिपक्वता आ गई होती तो मुझे विधानमंडल दल से ही निकालना चाहिए था.
सवाल: क्या माना जाए यह कदम इसलिए उठाया गया क्यूंकि आपने एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन दिया था?
शिवपाल यादव: मैंने तो पहले ही बोला था कि जो हमसे वोट मांगेगा हम उसे वोट देंगे. समाजवादी पार्टी के किसी ने हमसे वोट मांगा भी नहीं, न किसी मीटिंग में हमें बुलाया ही. फिर मुख्यमंत्रीजी ने हमें बुलाया और जो एनडीए की राष्ट्रपति प्रत्याशी थीं, जो इस समय राष्ट्रपति हैं उनसे परिचय कराया, उन्होंने वोट मांगा तो मैंने उनको वोट दिया.
सवाल: आप हमेशा ही कहते रहे हैं कि मैं कभी भी मुख्यमंत्री से मिलना चाहूं, बात करना चाहूं तो मिल सकता हूं, लेकिन अखिलेश से बात नहीं हो पाती है तो यह भी माना जा रहा है कि आप भाजपा के काफी करीब हैं इसलिए अखिलेश ने यह कदम उठाया?
शिवपाल यादव: मैं अभी तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलता हूं. जब भी जनता की समस्या होती है या जब भी उनकी सूचना आती है तो उनसे मिलता हूं. अगर अखिलेश मुझसे सुझाव लिए होते, मीटिंग किए होते 2022 में सब को मिलाए होते तो फिर समाजवादी पार्टी की सरकार होती और आज वह मुख्यमंत्री होते.
सवाल: प्रदेश की जनता जानना चाहती है. शिवपाल यादव का अगला कदम क्या होगा?
शिवपाल यादव: अभी मैं अपने संगठन को मजबूत कर रहा हूं और संगठन को अब और मजबूत करेंगे. जब भी कोई फैसला लेंगे, जब भी कोई निर्णय लेंगे तो आपको बताया जाएगा.
सवाल: अखिलेश ने तमाम नेताओं से गठबंधन किया, लेकिन उनके लिए गठबंधन कभी सही साबित नहीं हुआ, नेता उनसे छिटकते चले गए, क्या कहना है?
शिवपाल यादव: हमने तो नेताजी के साथ लंबे समय तक काम किया है. नेताजी जो भी विरोधी से विरोधी होते थे उनको भी जोड़ लेते थे और सबको इकट्ठा कर लेते थे.जब इकट्ठा कर लेते थे तो सरकार भी बना लेते थे.
सवाल: आप अपने मामले में नेताजी से हस्तक्षेप की कोई उम्मीद कर रहे हैं?
शिवपाल यादव: जब कोई बात होगी तो इसकी जानकारी दी जाएगी.
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