लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान में अभी भले ही कुछ महीनों का वक्त हो, लेकिन सभी पार्टियां सियासी मोड़ में आ गई हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में सभी छोटी बड़ी पार्टियां वोट बैंक की राजनीति के लिए जातीय समीकरण बैठाने में जुट गई हैं. वहीं मुस्लिम समुदाय के शिया समाज की नुमाइंदगी का दावा करने वाले ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) ने इस चुनाव में अलग मन बना लिया है. सोमवार को हुई अहम बैठक में बोर्ड ने शिया समुदाय के मुद्दों को हल करने वालों के साथ जाने का एलान किया है.
राजधानी लखनऊ में सोमवार को हुई ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) की अहम मीटिंग में मुस्लिम समुदाय के शिया समाज के विभिन्न धर्मगुरु और बोर्ड के पदाधिकारी मौजूद रहे. मीडिया द्वारा पूछे गए आगामी विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly Election 2022) पर बोलते हुए पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव व प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम किसी भी पार्टी के समर्थन का एलान नहीं करते हैं. सभी को अपने मत का खुद इस्तेमाल करने का हक है, लेकिन बोर्ड का यह मानना है कि जो शिया समाज के मुद्दों को हल करेगा, इस चुनाव में उसके साथ ही जाने का मन बनाया जाएगा.
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मौलाना यासूब अब्बास ने मीडिया को संबोधित करते हुए प्रेस वार्ता में कहा कि ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) कभी किसी सियासी पार्टी के लिए अपने समाज से अपील नहीं करता है. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) के बयान के बाद कुछ लोग ने उनसे भी संपर्क किया और बोर्ड का रुख जानना चाहा. मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे बोर्ड का यह नजरिया है कि हम किसी पार्टी की हिमायत का एलान नहीं करेंगे. मगर हम यह देखेंगे कि अपने मैनिफेस्टो में कौन सी पार्टी हमारे लिए क्या चीज ला रही है और जो पार्टी हमारे लिए सोचेगी उसके लिए हम भी सोचेंगे.
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