लखनऊ: जिले में शीतला अष्टमी व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा. धर्म ग्रंथों के अनुसार इस तिथि पर बासी भोजन करने की प्रथा है. इस कारण इस व्रत को बसौड़ा भी कहा जाता है. पंचागों के अनुसार यह व्रत हिन्दी महीने से चैत्र मास की अष्टमी को रखा जाता है. यह व्रत चैत्र के अलावा वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भी रखा जाता है.
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शीतला देवी मंदिर में दर्शन की तैयारियां पूरी
इस तिथि में टिकैत राय तालाब स्थित माता शीतला देवी मंदिर में काफी संख्या में भक्त दर्शन के लिए जाते हैं. यहां पूजन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. महिलाएं व्रत रखकर घर में भी मिट्टी के घड़े की पूजा करती हैं. उसी के साथ माता शीतला की भी पूजा की जाती है. टिकैतराय तालाब स्थित माता शीतला देवी मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुनील कुमार सैनी ने बताया कि मंदिर में अष्टमी पूजन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का होगा पालन
इस बार कोरोना महामारी के कारण सरकार ने ऐहतियात बरतने के आदेश दिए. मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना होगा. सभी भक्त मास्क लगाकर ही मंदिर में आएं. आपस में उचित दूरी बनाएं और सैनिटाइज करके आएं. इस बार आठों का मेला भी नहीं लग रहा है.
पूजन में चढ़ता है बासी नैवेद्य
पूजन विधि के अनुसार माता शीतला के पूजन में गंध और पुष्प से माता का पूजन करना चाहिए. इसके अलावा नैवेद्य में बासी खाद्य पदार्थ, मेवे, मिठाई, पुआ, पूड़ी को चढ़ाना चाहिए. बहुत से परिवारों में इस दिन घड़े का पूजन करने के बाद ही घड़े का पानी पीने की परंपरा है.