लखनऊ : डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की सहायक कुलसचिव बिन्दू त्रिपाठी को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास जाकर अपनी बात रखना, अब भारी पड़ सकता है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनके खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह का कहना है कि महिला कर्मचारी की तरफ से लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं. वह विश्वविद्यालय का माहौल खराब कर रही हैं, इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बता दें, इस समय यह विश्वविद्यालय विवाद का अड्डा बना हुआ है. विश्वविद्यालय की सहायक कुलसचिव बिन्दू त्रिपाठी ने बीते दिनों विश्वविद्यालय के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, उपकुलसचिव और एक प्रोफेसर के खिलाफ लौंगिग उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोप है कि वह बीते कई वर्षों से इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करती रही हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद मजबूरन एफआईआर दर्ज करानी पड़ी.
पीड़िता बोली, ऐसे कर रहे हैं परेशान
सहायक कुलसचिव बिन्दू त्रिपाठी का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले पीएचडी दाखिले को गलत ठहराया. जबकि, कई वर्षों से वह फीस जमाकर रहा था. उसके बाद नौकरी को लेकर सवाल खड़े किए. जबकि, यही कुलसचिव न्यायालय में लिखकर दे चुके हैं कि नियुक्ति में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. इस सबसे भी कुछ नहीं कर पाए तो अब आवास के आवंटन पर ही सवाल खड़े करके जांच बैठाई गई है. उनका कहना है कि बीते सोमवार को वह राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास अपनी बात रखने गई थी. उसके बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन बौखलाया हुआ है. इसका नतीजा है कि अब कई अधिष्ठाताओं पर दबाव बनाकर कार्रवाई की बात लिखवाई जा रही है.
यह है कुलपति का पक्ष
कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह का कहना है कि महिला कर्मचारी के सभी आरोप गलत हैं. उनकी जांच कराई जा चुकी है. ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है.
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