लखनऊः राजधानी में शहीद पथ से एयरपोर्ट के लिए निर्माणाधीन फ्लाईओवर के विवाद का हल निकाल लिया गया है. इसके निर्माण के लिए जमीन ली जानी है, लेकिन लोक निर्माण विभाग और एलडीए के बीच मुआवजे के विवाद, रोड़ा बना हुआ था. सोमवार को मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में एलडीए की ओर से मुआवजा देने पर सहमति बनी है. शहीद पथ से लखनऊ एयरपोर्ट को जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग के संरेखण में एलीवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण की प्रगति की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने एलडीए के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई.
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि शहीद पथ से लखनऊ एयरपोर्ट को जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग के संरेखण में एलीवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण कार्यों में तेजी लाकर, निर्धारित मानक एवं उच्च गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण कराया जाए. इससे पहले बैठक में लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश की ओर से निर्माण कार्य की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया गया. बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त एस राधा चैहान, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण सहित सम्बन्धित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे.
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बता दें कि सेतु निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक करीब 1125 मीटर लंबे एलीवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण के लिए अगस्त 2018 में अनुमति मिली थी. 134.69 करोड़ रुपये लागत के इस प्रोजेक्ट पर आनन-फानन में काम भी शुरू करा दिया गया. 2019 में जब काम शुरू हुआ तब जमीन का विवाद सामने आ गया. इसके पीछे तीन विभागों के बीच चल रही रस्साकशी थी. फ्लाईओवर बनाने की सबसे अधिक जिम्मेदारी शहर के लोक निर्माण विभाग की है.
एलडीए जमीन खरीदने के लिए 39.28 करोड़ की रकम मांग रहा था. जिला प्रशासन भी दोनों विभाग के बीच चल रहे इस विवाद को सुलझाने का प्रयास नहीं कर रहा था. प्रशासन चाहता तो वह विवाद सुलझा सकता था. तीनों विभाग एयरपोर्ट फ्लाइओवर निर्माण में हो रही देरी की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालते रहे हैं. एलडीए की सहमति मिलने के बाद केवल किसानों का मुआवजे की दरों को ही तय किया जाना बाकी था. अब इस पर सहमति बन गई है. जल्द ही मुआवजा तय होने के बाद जमीन पीडब्लूडी को हैंडओवर होगी, फिर काम शुरू हो सकेगा.