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SGPGI की रिपोर्ट, 'डेक्सामेथासोन' है रेमडेसिविर का विकल्प

एसजीपीजीआई के चिकित्सकों के मुताबिक, डेक्सामेथासोन इंजेक्शन, रेमडेसिविर से काफी कारगर है. प्रोफेसर संदीप साहू ने कहा कि रेमेडिसविर के पीछे भागने से कोई फायदा नहीं है. डॉक्टर भी तीमारदार को इसके पीछे भागने से रोकें. 20 हजार के रेमडेसिविर की जगह 2 रुपये के डेक्सामेथासोन का प्रयोग कर सकते हैं.

रेमडेसिविर का विकल्प
रेमडेसिविर का विकल्प
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Published : Apr 20, 2021, 1:39 PM IST

लखनऊ: एसजीपीजीआई (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) के विशेषज्ञ ने रेमडेसिविर के विकल्प के तौर पर डेक्सामेथासोन को सुझाया है. उन्होंने कहा कि 2 रुपये कीमत वाला डेक्सामेथासोन 24 घंटे में कोरोना मरीज के ऑक्सीजन लेवल को ठीक करने में सक्षम है. यह इंजेक्शन बाजार में आसानी से उपलब्ध है.

मुंहमांगी कीमत देने को तैयार हैं लोग
रिसर्च सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसिया एंड क्लीनिकल फार्माकोलॉजी के सचिव और एसजीपीजीआई के आईसीयू एक्सपर्ट प्रो. संदीप साहू कहते हैं कि लोग अपने परिजनों की जान बचाने के लिए रेमडेसिविर की मुंहमांगी कीमत देने को तैयार हैं. इस इंजेक्शन का कोई खास फायदा नहीं है, इसलिए इस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मान्यता नहीं दी है.

एआरडीएस (एक्यूट रेसिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) रोकने में इसकी कोई भूमिका नहीं है. प्रो. संदीप साहू ने साफ शब्दों में कहा कि रेमेडेसिविर के पीछे भागने से कोई फायदा नहीं है. डॉक्टर भी तीमारदार को इसके पीछे भागने के रोकें. 20 हजार के रेमडेसिविर की जगह 2 रुपये का डेक्सामेथासोन भी कारगर है.

डेक्सामेथासोन आसानी से मिलने वाली दवा
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के हाल के शोध का हवाला देते हुए प्रो. साहू कहते हैं कि डेक्सामेथासोन सबसे सस्ती और आसानी से मिलने वाली दवा है. यह दवा एआरडीएस रोकने में काफी कारगर साबित होती है. ऐसा हमने भी कोरोना मरीजों में देखा है. खासतौर पर जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है, इनमें यह आठ से दस मिली ग्राम देने पर मरीज वेंटिलेटर पर जाने से बच सकता है.

लखनऊ: एसजीपीजीआई (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) के विशेषज्ञ ने रेमडेसिविर के विकल्प के तौर पर डेक्सामेथासोन को सुझाया है. उन्होंने कहा कि 2 रुपये कीमत वाला डेक्सामेथासोन 24 घंटे में कोरोना मरीज के ऑक्सीजन लेवल को ठीक करने में सक्षम है. यह इंजेक्शन बाजार में आसानी से उपलब्ध है.

मुंहमांगी कीमत देने को तैयार हैं लोग
रिसर्च सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसिया एंड क्लीनिकल फार्माकोलॉजी के सचिव और एसजीपीजीआई के आईसीयू एक्सपर्ट प्रो. संदीप साहू कहते हैं कि लोग अपने परिजनों की जान बचाने के लिए रेमडेसिविर की मुंहमांगी कीमत देने को तैयार हैं. इस इंजेक्शन का कोई खास फायदा नहीं है, इसलिए इस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मान्यता नहीं दी है.

एआरडीएस (एक्यूट रेसिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) रोकने में इसकी कोई भूमिका नहीं है. प्रो. संदीप साहू ने साफ शब्दों में कहा कि रेमेडेसिविर के पीछे भागने से कोई फायदा नहीं है. डॉक्टर भी तीमारदार को इसके पीछे भागने के रोकें. 20 हजार के रेमडेसिविर की जगह 2 रुपये का डेक्सामेथासोन भी कारगर है.

डेक्सामेथासोन आसानी से मिलने वाली दवा
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के हाल के शोध का हवाला देते हुए प्रो. साहू कहते हैं कि डेक्सामेथासोन सबसे सस्ती और आसानी से मिलने वाली दवा है. यह दवा एआरडीएस रोकने में काफी कारगर साबित होती है. ऐसा हमने भी कोरोना मरीजों में देखा है. खासतौर पर जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है, इनमें यह आठ से दस मिली ग्राम देने पर मरीज वेंटिलेटर पर जाने से बच सकता है.

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