नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. सोमवार को शुरु हुए इस विंटर सेशन के लिए कुल 18 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं. इनमें 5 नए विधेयक और 13 लंबित बिल शामिल हैं. सत्र के दौरान संयुक्त समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद दोनों सदनों में विचार और पारित किए जाने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को भी सूचीबद्ध किया गया है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट पर आधारित विधेयक को भी मंजूरी दे दी है, लेकिन यह सरकार की कार्यसूची में शामिल नहीं है. हालांकि, सरकारी सूत्रों ने दावा किया है कि वह सत्र के दौरान विधेयक पेश कर सकती है. शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा.
कॉस्टल शिपिंग बिल
संसद में पेश किए जाने वाले नए विधेयकों में तटीय नौवहन विधेयक ( Coastal Shipping Bill) शामिल है. इसका उद्देश्य तटीय व्यापार को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय सुरक्षा और वाणिज्यिक जरूरतों के लिए भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाले और उनके द्वारा संचालित भारतीय ध्वज वाले जहाजों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है.
द इंडियन पोर्ट बिल
भारतीय बंदरगाह विधेयक (The Indian Ports Bill) भी एक नया विधेयक है. यह भारत के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और वैधानिक अनुपालन के अनुरूप बंदरगाहों के संरक्षण, सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण को सुरक्षित करने के उपायों को लागू करने के उद्देश्य से पेश किया जाएगा.
मर्चेंट शिपिंग बिल
सरकार ने समुद्री संधियों के तहत भारत के दायित्वों के अनुपालन, भारतीय नौवहन के विकास और भारतीय व्यापारिक समुद्री क्षेत्र के कुशल रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए मर्चेंट शिपिंग विधेयक पेश करने का प्रस्ताव दिया है.
पंजाब कोर्ट (संशोधन) विधेयक
सरकार ने इसने पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक भी प्रस्तावित किया है, जो पंजाब न्यायालय अधिनियम,1918 की धारा 39(1)(ए) में संशोधन करने का प्रयास करता है, ताकि दिल्ली जिला न्यायालयों के वित्तीय अपीलीय क्षेत्राधिकार को मौजूदा 300,000 रुपये से बढ़ाकर 2 मिलियन रुपये किया जा सके. सरकार 2024-25 के लिए अनुदानों की सप्लीमेंट्री डिमांड के पहले बैच के लिए संसद की मंजूरी भी मांगेगी.
सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के बिल
इसके अलावा सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भी एक विधेयक पेश करने का प्रस्ताव रखा है.
वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त समिति ने मांगा समय
बीते गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि समिति का कार्यकाल बढ़ाया जाए. उन्होंने तर्क दिया कि मसौदा कानून में बदलावों का अध्ययन करने के लिए उन्हें और समय चाहिए. सरकार ने मानसून सत्र के दौरान विधेयक पेश किया था, जिसे लोकसभा ने संयुक्त समिति को भेज दिया और उसे शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
समिति की बैठक में पैनल के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य जगदंबिका पाल ने घोषणा की कि गुरुवार की बैठक पैनल की आखिरी बैठक होगी और जल्द ही सदस्यों को एक मसौदा रिपोर्ट वितरित की जाएगी. इसके कारण विपक्षी सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिन्होंने नारेबाजी की और उनमें से कुछ ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को फोन किया और मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग की.
ये विधायक भी होंगे पेश
वक्फ संशोधन विधेयक के अलावा लोकसभा में लंबित कुछ विधेयकों में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, गोवा के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, समुद्र के रास्ते माल ढुलाई विधेयक 2024, रेलवे (संशोधन) विधेयक और बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक शामिल हैं. इसके अलावा राज्यसभा में लंबित तीन विधेयक तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, बॉयलर विधेयक और भारतीय वायुयान विधायक भी इस सत्र में पेश किए जाएंगे.