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लखनऊ: अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी में बनेंगे अलग-अलग जोन

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Published : Jul 14, 2020, 8:30 AM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी में अब विभिन्न जोन बनाए जाएंगे. इससे बच्चों, दिव्यांगों, वृद्धजनों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लोगों को लाभ मिल सकेगा.

लखनऊ
कमिश्नर मुकेश मेश्राम

लखनऊ: अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी में बच्चों, दिव्यांगों, वृद्धजनों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए अब अलग-अलग जोन बनेंगे. लखनऊ मंडल के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने यह निर्णय लिया है. मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि लाइब्रेरी की उन्हीं किताबों का डिजिटाइजेशन कराया जाए, जो काफी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि अलग-अलग स्कूल के बच्चों को पुस्तकालय का निरीक्षण कराया जाए और उनको पढ़ने के लिए पुस्तकें भी उपलब्ध करवाई जाएं.

तैयार किया जाए एडवाइजरी बोर्ड
मंडलायुक्त ने कहा कि इससे बच्चों का पुस्तकों की तरफ रुझान बढ़ेगा और छोटे-छोटे कंपटिशन भी आयोजित करवाएं. वहीं उन्होंने लाइब्रेरी का एक एडवाइजरी बोर्ड तैयार करवाने के भी निर्देश दिए. मुकेश मेश्राम ने कहा कि इस एडवाइजरी बोर्ड में शहर के अच्छे इतिहासकार, साहित्यकार और संस्कृतिविद को शामिल किया जाए.

बनाई जाए डॉक्यूमेंट्री
मंडलायुक्त ने कहा कि जो भी व्यक्ति लाइब्रेरी में पुस्तकें दान करना चाहता है उसे संरक्षक सदस्य बनाए जाने की प्रक्रिया आरंभ की जाए. इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म तैयार की जाए. इसमें लाइब्रेरी का इतिहास उपयोगिता आदि सभी शामिल किए जाएं.

सोशल मीडिया पर हो प्रचार-प्रसार
मुकेश मेश्राम ने कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री को सोशल साइट पर अपलोड किया जाए, जिससे इसका प्रचार-प्रसार हो सके. वहीं उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी में एक डिजिटल मैगजीन भी प्रकाशित कराई जाएगी. इसको आवश्यकतानुसार री-डिजाइन कर एक स्मार्ट लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया जाएगा. मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि सोशल मीडिया पर पुस्तकालय का प्रचार-प्रसार होने पर लोग जान सकेंगे कि लाइब्रेरी में कितनी पुरानी पुस्तकें हैं.

लखनऊ: अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी में बच्चों, दिव्यांगों, वृद्धजनों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए अब अलग-अलग जोन बनेंगे. लखनऊ मंडल के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने यह निर्णय लिया है. मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि लाइब्रेरी की उन्हीं किताबों का डिजिटाइजेशन कराया जाए, जो काफी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि अलग-अलग स्कूल के बच्चों को पुस्तकालय का निरीक्षण कराया जाए और उनको पढ़ने के लिए पुस्तकें भी उपलब्ध करवाई जाएं.

तैयार किया जाए एडवाइजरी बोर्ड
मंडलायुक्त ने कहा कि इससे बच्चों का पुस्तकों की तरफ रुझान बढ़ेगा और छोटे-छोटे कंपटिशन भी आयोजित करवाएं. वहीं उन्होंने लाइब्रेरी का एक एडवाइजरी बोर्ड तैयार करवाने के भी निर्देश दिए. मुकेश मेश्राम ने कहा कि इस एडवाइजरी बोर्ड में शहर के अच्छे इतिहासकार, साहित्यकार और संस्कृतिविद को शामिल किया जाए.

बनाई जाए डॉक्यूमेंट्री
मंडलायुक्त ने कहा कि जो भी व्यक्ति लाइब्रेरी में पुस्तकें दान करना चाहता है उसे संरक्षक सदस्य बनाए जाने की प्रक्रिया आरंभ की जाए. इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म तैयार की जाए. इसमें लाइब्रेरी का इतिहास उपयोगिता आदि सभी शामिल किए जाएं.

सोशल मीडिया पर हो प्रचार-प्रसार
मुकेश मेश्राम ने कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री को सोशल साइट पर अपलोड किया जाए, जिससे इसका प्रचार-प्रसार हो सके. वहीं उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी में एक डिजिटल मैगजीन भी प्रकाशित कराई जाएगी. इसको आवश्यकतानुसार री-डिजाइन कर एक स्मार्ट लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया जाएगा. मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि सोशल मीडिया पर पुस्तकालय का प्रचार-प्रसार होने पर लोग जान सकेंगे कि लाइब्रेरी में कितनी पुरानी पुस्तकें हैं.

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