लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू ट्रामा सेंटर में अस्पताल प्रशासन ने दो सीएमओ को दिन में ही तैनात कर रखा है. जिससे इलाज के लिये भटक रहे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है. ट्रामा सेंटर में हर रोज करीब ढाई सौ मरीज इलाज के लिये आते हैं. जिनमें रात में करीब 100 से अधिक मरीज मौजूद रहते हैं. इस दौरान कोई सीनियर डॉक्टर न होने की वजह से जूनियर डॉक्टर अपनी मनमानी करते हैं.
क्या पूरा है मामला-
- मामला राजधानी के केजीएमयू ट्रामा सेंटर का है.
- जहां रात को सीनियर डॉक्टर न होने की वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है.
- डॉक्टर मरीजों को बिना प्राथमिक उपचार दिये ही बलरामपुर सिविल अस्पताल या लोहिया अस्पताल भेज देते हैं.
- दोनों सीएमओ की ड्यूटी शाम को खत्म हो जाती है और शाम से जूनियर डॉक्टरों का बोलबाला हो जाता है.
- ट्रॉमा सेंटर में शाम के बाद अव्यवस्थाओं का दौर शुरू हो जाता है.
ये मरीजों के साथ बहुत नाइंसाफी है, जल्द ही इस पर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा.
-डॉ. एस एन शंखवार, सीएमओ, केजीएमयू