लखनऊ : फर्जी मरीजो के नाम पर लोकल परचेज के जरिए कैंसर की दवाओं की खरीद दिखाकर करोड़ों रुपये हड़पने और रेलवे को चूना लगाने के मामले में उत्तर रेलवे के डिवीजन अस्पताल की तत्कालीन सीनियर डीएमओ डॉ. सुनीता गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने खारिज कर दिया.
कोर्ट में वर्तमान में लालगंज रायबरेली के मॉडर्न कोच फैक्ट्री में वरिष्ठ चिकित्सक के पद पर तैनात अभियुक्ता डॉ. सुनीता गुप्ता की ओर से दी गई जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सीबीआई की ओर से कहा गया कि मामले की रिपोर्ट उत्तर रेलवे के डिप्टी सीवीओ विनोद कुमार की शिकायत पर दर्ज की गई थी.
शिकायत में कहा गया था कि लखनऊ स्थित रेलवे डिवीजन अस्पताल के तत्कालीन सीएमएस डॉ. यू बंसल, सहायक सीएमएस और स्टोर इंचार्ज डॉ. राकेश गुप्ता, सीनियर डीएमओ डॉ. सुनीता गुप्ता, फार्मासिस्ट एसएस मिश्र और हॉस्पिटल अटेंडेंट ताराचंद ने अन्य लोगो के साथ मिलकर वर्ष 2012-2014 के दौरान लोकल परचेज के जरिए दवाएं व इंजेक्शन खरीद में भारी अनियमितता की है.
शिकायत में कहा गया है कि आरोपियो ने ऐसे मरीजों के नाम पर कैंसर की दवाओं की खरीद दिखाई, जो रेलवे के कर्मचारी नहीं थे. ऐसे मरीज अस्पताल में भर्ती भी नहीं थे. आरोपियो ने कागजों में फर्मो से दवा की खरीद दिखाई, लेकिन दवाओं की आपूर्ति नहीं की गई.
आरोपियों ने फर्जी बिल देकर तीन करोड़ 66 लाख 93 हजार 665 रुपये हड़पकर रेलवे को चूना लगया. आरोपियो को प्रतिदिन मात्र 20 हजार रुपये की लोकल खरीद का अधिकार था, लेकिन आरोपियों ने नियम विरुद्ध तरीके से अपने अधिकार से अधिक की खरीद दिखाई थी.
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