लखनऊ : लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के दुबग्गा डिपो के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को प्रबंध निदेशक कार्यालय से अटैच करने के बावजूद चालक परिचालक आक्रोशित हैं. उनकी मांग है कि वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को महानगरीय परिवहन सेवा से ही बाहर किया जाए. बुधवार को गुस्साए चालक परिचालकों ने दुबग्गा डिपो के साथ ही गोमतीनगर डिपो से भी बसों का संचालन ठप कर दिया. सुबह से बसें संचालित नहीं हुईं जिससे दफ्तर, स्कूल और कोचिंग जाने वाले रोजाना के यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. एमएसटीधारकों को भी इससे नुकसान हुआ. 250 सिटी बसों में से सिर्फ 15 सिटी बसें ही डिपो से बाहर निकल पाईं. इन बसों को सिटी बस के अधिकारियों ने ही खुद संचालित किया.
दुबग्गा डिपो की महिला परिचालक माधुरी ने मंगलवार को टिकट चेकिंग के दौरान वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी पर अभद्रता करने का आरोप लगाया था. इसके बाद चालक परिचालकों ने दोपहर बाद से सिटी बसों का संचालन ठप कर दिया था. बसें संचालित नहीं हुईं तो दोनों पक्षों में वार्ता हुई. सिटी बस के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी ने आरोपी अनिल तिवारी को दुबग्गा डिपो से हटाकर प्रबंध निदेशक कार्यालय से अटैच कर दिया. बावजूद इसके अभी भी चालक परिचालक नहीं माने हैं. बुधवार को पूरी तरह से सिटी बसों का संचालन सुबह से ही ठप कर दिया है. नाराज चालक परिचालकों ने दुबग्गा और गोमती नगर डिपो से सिटी बसों का संचालन बंद करा दिया. 250 बसों में से कुछ ज्यादा बसें ही रोड पर निकल पाईं. इस दौरान सिटी बस के अधिकारी ही चालक परिचालक बनकर बसें डिपो से बाहर निकालीं.
यूनियन नेता राजकमल सिंह ने बताया कि डिपो के अंदर से जो बसें रूट पर निकाली गई हैं उनकी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन परिचालकों के नाम से ही इश्यू की गई है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है. यह पूरी तरह नियमों का उल्लंघन है. अगर इस दौरान कोई बस हादसा हो जाता है या फिर चेकिंग होती है और बेटिकट यात्री मिलते हैं तो जिस परिचालक के नाम ईटीएम इश्यू की गई है वही फंसेगा. उसकी नौकरी पर बन जाएगी. उनका कहना है कि महिला परिचालक के साथ वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी ने अभद्रता की है. इतना ही नहीं वे सभी कर्मचारियों से हमेशा ही गलत तरीके से पेश आते हैं. अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं. हमारी मांग है कि वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी को महानगरीय परिवहन सेवा से हटाया जाए. मांग पूरी नहीं होने तक बसों का संचालन शुरू नहीं होगा.
बस के लिए सुबह से ही भटके यात्री : गोमती नगर और दुबग्गा डिपो से बुधवार को सिटी बसों का संचालन पूरी तरह से ठप हो जाने के चलते यात्रियों को यातायात साधनों के लिए भटकना पड़ा. बसें न मिलने से एमएसटीधारकों का नुकसान हो गया. यात्रियों को अन्य परिवहन साधनों से अपना सफर तय करना पड़ा. बसों के संचालित न होने का सीधा फायदा ऑटो, टेंपो और ई रिक्शा चालकों ने उठाया. उन्होंने यात्रियों से जमकर मनमाना किराया वसूला. वहीं वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी का कहना है कि मेरा कोई दोष नहीं है. गलती महिला परिचालक की ही है. जिस बस पर महिला परिचालक चलती है उस पर एक अन्य पुरुष परिचालक भी चलता है, लेकिन दोनों की आय की तुलना की जाए तो पीआरडी परिचालक माधुरी का प्रतिफल काफी कम रहता है. उनकी कार्यशैली विभाग के अनुकूल नहीं है.
वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी का कहना है कि अक्टूबर में माधुरी जिस बस पर चलती है उसका लोड फैक्टर 71% जबकि दूसरे संविदा परिचालक सूर्यभान पटेल का 92%, नवंबर में महिला परिचालक का 70% तो चालक का 92%, दिसंबर में महिला परिचालक का 83%, पुरुष परिचालक का 98%, जनवरी में महिला परिचालक का 88 फीसद तो पुरुष परिचालक का 85 फीसद, फरवरी का महिला कंडक्टर का 73% तो पुरुष परिचालक का 80 फीसद, मार्च में महिला परिचालक का 60% तो पुरुष परिचालक का रोड सेक्टर 69 परसेंट रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि महिला परिचालक की कार्यशैली किस तरह की है. उनका कहना है कि बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं उन्हें देख कर आरोपों की जांच करा ली जाए. सब कुछ क्लियर हो जाएगा. बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जिससे फुटेज निकाली गई है. फुटेज में अधिकारियों ने महिला परिचालक को ही दोषी पाया है.
यह भी पढ़ें : "हवा में उड़ गया जय श्रीराम" वाला नारा सपा की देन : मायावती