लखनऊ: यूपी पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही सरकार ने चुनाव में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए कमर कस ली है. होली और शब-ए-बरात शांतिपूर्वक निपटाने की चुनौती भी है. इसलिए उत्तर प्रदेश के गृह मंत्रालय ने सुरक्षा व्यवस्था ऐसी की है कि परिंदा भी पर न मार सके. शासन ने इसके लिए करीब दो लाख पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई है. साथ ही 50 कंपनी पीएसी और होमगार्ड को भी मुस्तैद रखा गया है.
ड्यूटी का तैयार किया जा रहा खाका
डीजीपी मुख्यालय ने जिलों में सुरक्षा-व्यवस्था के लिए जोन स्तर से पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की ड्यूटी लगाने की रणनीति बनाई है. संवेदनशील मतदान केंद्रों के आधार पर हर जिले में तैनात किए जाने वाले पुलिस बल का खाका खींचा जा रहा है. एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि चुनाव के एक चरण में करीब 5500 उपनिरीक्षक, 4500 मुख्य आरक्षी और सात हजार आरक्षी ड्यूटी पर लगाए जाएंगे. करीब 46 हजार होमगार्ड जवान और 10 हजार पीआरडी जवान भी पुलिस की मदद के लिए मुस्तैद रहेंगे. थाने का 70 फीसद बल ही इस दौरान लगाए जाने का निर्देश दिया गया है. थाना स्तर पर 30 फीसद कर्मी रिजर्व में रहेंगे. यूपी 112 के पुलिसकर्मियों को चुनाव ड्यूटी से अलग रखने के निर्देश हैं, जिससे पेट्रोलिंग पर कोई प्रभाव न पड़े.
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अवैध शराब सबसे बड़ी चुनौती
पंचायत चुनाव के दौरान अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाना पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी. प्रयागराज, प्रतापगढ़ आदि जिलों में अवैध शराब से हुए हादसे पहले ही खतरे की घंटी बजा चुके हैं. चुनाव के दौरान वोटरों को साधने के लिए शराब बांटने का खेल जोरों पर चलता है. राज्य निर्वाचन आयोग की भी इस पर कड़ी नजर रहेगी. डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के निर्देश पर सात मार्च से सूबे में विशेष अभियान के तहत कार्रवाई भी शुरू की गई है.
अपराधियों पर रहेगी नजर
डीजीपी ने शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए अधीनस्थों को कई बिंदुओं पर कड़े निर्देश दिए हैं. खासकर हिस्ट्रीशीटर और जेल से छूटे अपराधियों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. पुलिस अवैध शस्त्रों की बरामदगी के लिए अभियान के तहत चेकिंग भी करा रही है. इस माह फैक्ट्री मेड 42 असलहे और 1623 से अधिक तमंचे बरामद किए गए हैं.