लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धारा 144 लागू की गई है. यह फैसला आने वाले त्योहारों और महत्वपूर्ण दिनों को देखते हुए लिया गया है. अपर पुलिस आयुक्त की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. प्रशासन की तरफ से यह फैसला मकर संक्रांति, गणतंत्र दिवस के साथ-साथ अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं को लेकर लिया गया है. जेसीपी पीयूष मोर्डिया ने बताया कि मकर संक्रांति और गणतंत्र पर बड़े आयोजन होते हैं. साथ ही कई प्रतियोगी परीक्षाएं भी आयोजित होनी हैं. इसे देखते हुए 10 फरवरी तक के लिए धारा 144 बढ़ाई गई है. उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा के दौरान जुलूस, रैली जैसी गतिविधियों के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी. सार्वजनिक स्थान पर पांच या इससे अधिक व्यक्ति एक साथ इकट्ठा नहीं होंगे. निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
सीआरपीसी की धारा 144 शांति कायम करने के लिए उस स्थिति में लगाई जाती है, जब किसी तरह के दंगे या उपद्रव की आंशका होती है. धारा-144 लगने के बाद उस इलाके में पांच या उससे ज्यादा व्यक्ति एक साथ खड़े नहीं हो सकते हैं. धारा 144 को लागू करने के लिए इलाके के जिलाधिकारी की ओर से आधिकारिक सूचना जारी दी जाती है. धारा 144 लागू होने के बाद उस इलाके में हथियारों को ले जाने में भी पांबदी होती है. आपको बता दें कि धारा 144 लागू होने के बाद इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया जा सकता है.
धारा 144 को 2 महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि अगर राज्य सरकार को लगता है कि खतरा टालने या फिर से दंगे टालने के लिए इसकी जरूरत है तो इसके समय को बढ़ाया जा सकता है. इस स्थिति में भी धारा 144 लगने की शुरुआती तारीख से छह महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है. धारा 144 लगे इलाके में गैर कानूनी तरीके से जमा होने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दंगें में शामिल होने के लिए केस दर्ज किया जा सकता है. इसमें अधिकतम तीन साल तक की सजा हो सकती है.