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लखनऊ के स्कूल वाहन संचालकों ने घेरा आरटीओ कार्यालय, टैक्स में की छूट की मांग - टैक्स में की छूट की मांग

कोरोना काल में स्कूली वाहनों का पहिया तक नहीं घूमा, जिससे स्कूली वाहन संचालकों की एक पैसे की इनकम भी नहीं हुई. लेकिन परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई. जिसको लेकर स्कूल वाहन चालकों ने आरटीओ कार्यालय का घेराव कर टैक्स में छूट की मांग की.

टैक्स में की छूट की मांग
टैक्स में की छूट की मांग
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Published : Nov 27, 2021, 10:37 PM IST

लखनऊः स्कूली वाहन संचालकों ने शनिवार को नगर स्थित आरटीओ कार्यालय का घेराव किया. उन्होंने टैक्स में छूट की मांग की. उनका कहना था कि कोरोना काल में एक भी दिन स्कूल नहीं खुला. जिसकी वजह से उनकी एक पैसै की इनकम नहीं हुई. लेकिन परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई. काफी देर तक स्कूली वाहन संचालकों के विरोध के बाद आखिरकार एआरटीओ अमित राजन राय ने वाहन स्वामियों को टैक्स की पेनाल्टी में छूट देने का भरोसा दिलाया. इसके बाद वाहन स्वामी अपने घरों को वापस लौटे.

स्कूली वाहन संचालकों के सामने कोरोना ने बड़ी दिक्कत खड़ी कर दी. कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगने से स्कूल बंद हो गए. जिससे स्कूलों में लगे वाहनों का संचालन भी पूरी तरह से ठप हो गया. इसके बाद यह स्कूली वाहन मालिकों के घरों में खड़े हो गए. लेकिन परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को टैक्स में कोई छूट नहीं दी. अब स्कूली वाहनों के टैक्स बकाए पर चालान तक काटे जा रहे हैं. कार्रवाई से नाराज स्कूली वाहन स्वामी शनिवार को आरटीओ कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे वाहन पीले रंग में हैं और स्कूल परमिट से आच्छादित हैं, जिससे उनका संचालन अन्य कहीं किया भी नहीं जा सकता है. इससे लाखों परिजनों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. हम लोगों की आय का एकमात्र स्रोत विद्यालय वाहनों का संचालन ही है, जो काफी दिनों तक बंद रहा है.

टैक्स में की छूट की मांग
टैक्स में की छूट की मांग

वाहन स्वामियों का कहना था कि जबसे केंद्र सरकार ने 22 मार्च 2020 से संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया था. तबसे विद्यालय बंद ही चल रहे थे, ऐसे में वाहनों का संचालन भी नहीं किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखकर टैक्स से छूट देने की मांग की गई थी. लेकिन उस पर भी कोई फैसला नहीं लिया गया. वाहन स्वामियों ने मांग की है कि हर हाल में टैक्स में छूट मिले जिससे कम से कम उनकी रोजी-रोटी चलती रहे.

आरटीओ कार्यालय का घेराव करने पहुंचे इन वाहन स्वामियों को किसी तरह समझा-बुझाकर एआरटीओ अमित राजन राय ने शांत कराया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि स्कूली वाहन स्वामियों को टैक्स की पेनाल्टी में छूट दिलाई जाएगी. जिससे उनकी समस्या का समाधान हो सके.

इसे भी पढ़ें- स्मृति ईरानी का कांग्रेस पर कटाक्ष, कहा- 50 साल में रायबरेली के 5 लाख परिवारों को नहीं मिल सका शौचालय

लखनऊ के स्कूलों में संचालित होने वाले स्कूली वाहन मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. ये कंडम वाहन कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में बच्चों को स्कूली वाहनों में भेजने से पहले अभिभावक इनकी जांच जरूर कर लें. आरटीओ की चेकिंग के दौरान मानकों पर ये वाहन खरे नहीं उतर रहे हैं. ऐसे में ये कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं. शनिवार को लखनऊ में स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चला तो इसमें 144 ऐसे स्कूली वाहन दबोचे गए, जो मानकों पर खरे नहीं उतर रहे थे. इनमें से 10 स्कूली वाहनों को बंद करने की भी कार्रवाई की गई. हालांकि थानों में जगह न होने के चलते यह वाहन भी बंद नहीं किए जा सके. डीटीसी निर्मल प्रसाद ने बताया कि स्कूली वाहनों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा.

लखनऊः स्कूली वाहन संचालकों ने शनिवार को नगर स्थित आरटीओ कार्यालय का घेराव किया. उन्होंने टैक्स में छूट की मांग की. उनका कहना था कि कोरोना काल में एक भी दिन स्कूल नहीं खुला. जिसकी वजह से उनकी एक पैसै की इनकम नहीं हुई. लेकिन परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई. काफी देर तक स्कूली वाहन संचालकों के विरोध के बाद आखिरकार एआरटीओ अमित राजन राय ने वाहन स्वामियों को टैक्स की पेनाल्टी में छूट देने का भरोसा दिलाया. इसके बाद वाहन स्वामी अपने घरों को वापस लौटे.

स्कूली वाहन संचालकों के सामने कोरोना ने बड़ी दिक्कत खड़ी कर दी. कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगने से स्कूल बंद हो गए. जिससे स्कूलों में लगे वाहनों का संचालन भी पूरी तरह से ठप हो गया. इसके बाद यह स्कूली वाहन मालिकों के घरों में खड़े हो गए. लेकिन परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को टैक्स में कोई छूट नहीं दी. अब स्कूली वाहनों के टैक्स बकाए पर चालान तक काटे जा रहे हैं. कार्रवाई से नाराज स्कूली वाहन स्वामी शनिवार को आरटीओ कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे वाहन पीले रंग में हैं और स्कूल परमिट से आच्छादित हैं, जिससे उनका संचालन अन्य कहीं किया भी नहीं जा सकता है. इससे लाखों परिजनों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. हम लोगों की आय का एकमात्र स्रोत विद्यालय वाहनों का संचालन ही है, जो काफी दिनों तक बंद रहा है.

टैक्स में की छूट की मांग
टैक्स में की छूट की मांग

वाहन स्वामियों का कहना था कि जबसे केंद्र सरकार ने 22 मार्च 2020 से संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया था. तबसे विद्यालय बंद ही चल रहे थे, ऐसे में वाहनों का संचालन भी नहीं किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखकर टैक्स से छूट देने की मांग की गई थी. लेकिन उस पर भी कोई फैसला नहीं लिया गया. वाहन स्वामियों ने मांग की है कि हर हाल में टैक्स में छूट मिले जिससे कम से कम उनकी रोजी-रोटी चलती रहे.

आरटीओ कार्यालय का घेराव करने पहुंचे इन वाहन स्वामियों को किसी तरह समझा-बुझाकर एआरटीओ अमित राजन राय ने शांत कराया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि स्कूली वाहन स्वामियों को टैक्स की पेनाल्टी में छूट दिलाई जाएगी. जिससे उनकी समस्या का समाधान हो सके.

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लखनऊ के स्कूलों में संचालित होने वाले स्कूली वाहन मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. ये कंडम वाहन कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में बच्चों को स्कूली वाहनों में भेजने से पहले अभिभावक इनकी जांच जरूर कर लें. आरटीओ की चेकिंग के दौरान मानकों पर ये वाहन खरे नहीं उतर रहे हैं. ऐसे में ये कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं. शनिवार को लखनऊ में स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चला तो इसमें 144 ऐसे स्कूली वाहन दबोचे गए, जो मानकों पर खरे नहीं उतर रहे थे. इनमें से 10 स्कूली वाहनों को बंद करने की भी कार्रवाई की गई. हालांकि थानों में जगह न होने के चलते यह वाहन भी बंद नहीं किए जा सके. डीटीसी निर्मल प्रसाद ने बताया कि स्कूली वाहनों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा.

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