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UP News : सभी संग्रहालयों में स्कूली बच्चों को मिलेगा निशुल्क प्रवेश, पर्यटन विभाग ने दी सुविधा

पर्यटन विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए खास तोहफा दिया है. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि विभाग ने 14 वर्ष तक के बच्चों को अपने संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश देने की तैयारी की है.

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Published : Mar 22, 2023, 1:45 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 1:54 PM IST

लखनऊ : पर्यटन विभाग ने बच्चों को संस्कृति, परम्परा और इतिहास से जोड़ने के लिए एक विशेष कदम उठाया है. इस कदम के तहत विभाग ने प्रदेश के 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को सभी संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश देने की तैयारी की है. प्रदेश की संस्कृति, परम्परा, अभिलेख को जानने के लिए विद्यार्थियों को पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे. प्रदेश में पर्यटन विभाग के अधीन संचालित सभी 15 संग्रहालयों में स्कूली बच्चों को अब प्रवेश निशुल्क कर दिया है. पर्यटन विभाग ने प्रदेश के समृद्ध इतिहास, परम्परा और प्रदेश की पहचान कराने के लिए उठाया गया है. ज्ञात हो कि अभी तक संग्रहालय में जाने के लिए अलग-अलग फीस देनी होती थी.

उत्तर प्रदेश में एक राज्य संग्रहालय, चार क्षेत्रीय संग्रहालय और दस जनपदीय संग्रहालय हैं. अभी तक इन संग्रहालयों में घूमने के लिए बच्चों को तीन से 12 रुपए तक का शुल्क देना पड़ता था, लेकिन अब 14 वर्ष तक की आयु के विद्यार्थी निशुल्क भ्रमण कर सकेंगे. बच्चों को संग्रहालयों से जोड़ने के लिए स्कूली स्तर पर अभियान भी चलाए जाएंगे. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'मौजूदा समय में हमारे विद्यार्थी मॉल्स के बारे में ज्यादा जानकारी रखते हैं, लेकिन उन्हें देश प्रदेश की संस्कृति और विरासत के बारे में कम ही पता होता है. उन्हें केवल किताबों के माध्यम से ही स्कूलों के शैक्षणिक यात्रा के माध्यम से देश की संस्कृति व परंपरा को जानने का मौका मिलता है. इसमें भी कई बार स्कूल प्रशासन यात्रा के नाम पर विद्यार्थियों को केवल चिड़ियाघर या फिर उन स्मारकों में ले जाते हैं जहां पर टिकट नहीं लगता है. इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग ने 14 वर्ष तक के बच्चों को अपने संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश देने की तैयारी की है. यदि कोई विद्यालय 14 वर्ष से बड़ी उम्र के विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से आग्रह करता है तो 18 वर्ष के बच्चों को भी संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा.'

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अधीन हैं यह संग्रहालय


- राज्य संग्रहालय, लखनऊ
- लोक कला संग्रहालय, लखनऊ
- कालिका बिन्दादीन संग्रहालय, लखनऊ
- राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर
- राजकीय जैन संग्रहालय, मथुरा
- राजकीय पुरातत्व संग्रहालय, मथुरा
- अन्तरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय, अयोध्या
- राजकीय बौद्ध संग्रहालय, कुशीनगर
- राजकीय संग्रहालय, झांसी
- राजकीय बौद्ध संग्रहालय, सिद्धार्थ नगर
- जनपदीय संग्रहालय, सुल्तानपुर
- लाल बहादुर शास्त्री संग्रहालय, रामनगर
- राजकीय स्वतंत्रता संग्रहालय, मेरठ

सबसे पुराना संग्रहालय : लखनऊ में उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना संग्रहालय मौजूद है, जिसकी स्थापना वर्ष 1863 की है. संग्रहालय में विश्व की तमाम प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ी वस्तुएं रखी हैं. संग्रहालय में आठवीं शताब्दी के सिक्‍के, मध्यकालीन मूर्तियां, अस्त्र-शस्त्र, पुराने तन्त्र, वाद्य-यन्त्र वस्त्र, सिक्‍के मुख्य हैं. प्रमुख सचिव ने बताया कि 'इस संग्रहालय में भी प्रवेश पाने के लिए ₹20 टिकट देना होता है. लखनऊ संग्रहालय राजधानी के चिड़ियाघर के अंदर स्थित है. शैक्षणिक यात्रा पर आने वाले ज्यादातर बच्चों को चिड़ियाघर में टिकट लेकर तो भ्रमण करा देते हैं, लेकिन राज्य संग्रहालय में टिकट लगे होने के कारण उन्हें यहां नहीं ले जाते हैं. ऐसे में बच्चों को जो जानकारी शैक्षणिक यात्रा से मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाती है. इसी को देखते हुए अब संग्रहालय से छोटे बच्चों का टिकट हटाया जा रहा है.'

यह भी पढ़ें : Health And Wellness Center के लिए 80 डॉक्टरों को किया गया नियुक्त, होगी तैनाती

लखनऊ : पर्यटन विभाग ने बच्चों को संस्कृति, परम्परा और इतिहास से जोड़ने के लिए एक विशेष कदम उठाया है. इस कदम के तहत विभाग ने प्रदेश के 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को सभी संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश देने की तैयारी की है. प्रदेश की संस्कृति, परम्परा, अभिलेख को जानने के लिए विद्यार्थियों को पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे. प्रदेश में पर्यटन विभाग के अधीन संचालित सभी 15 संग्रहालयों में स्कूली बच्चों को अब प्रवेश निशुल्क कर दिया है. पर्यटन विभाग ने प्रदेश के समृद्ध इतिहास, परम्परा और प्रदेश की पहचान कराने के लिए उठाया गया है. ज्ञात हो कि अभी तक संग्रहालय में जाने के लिए अलग-अलग फीस देनी होती थी.

उत्तर प्रदेश में एक राज्य संग्रहालय, चार क्षेत्रीय संग्रहालय और दस जनपदीय संग्रहालय हैं. अभी तक इन संग्रहालयों में घूमने के लिए बच्चों को तीन से 12 रुपए तक का शुल्क देना पड़ता था, लेकिन अब 14 वर्ष तक की आयु के विद्यार्थी निशुल्क भ्रमण कर सकेंगे. बच्चों को संग्रहालयों से जोड़ने के लिए स्कूली स्तर पर अभियान भी चलाए जाएंगे. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'मौजूदा समय में हमारे विद्यार्थी मॉल्स के बारे में ज्यादा जानकारी रखते हैं, लेकिन उन्हें देश प्रदेश की संस्कृति और विरासत के बारे में कम ही पता होता है. उन्हें केवल किताबों के माध्यम से ही स्कूलों के शैक्षणिक यात्रा के माध्यम से देश की संस्कृति व परंपरा को जानने का मौका मिलता है. इसमें भी कई बार स्कूल प्रशासन यात्रा के नाम पर विद्यार्थियों को केवल चिड़ियाघर या फिर उन स्मारकों में ले जाते हैं जहां पर टिकट नहीं लगता है. इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग ने 14 वर्ष तक के बच्चों को अपने संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश देने की तैयारी की है. यदि कोई विद्यालय 14 वर्ष से बड़ी उम्र के विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से आग्रह करता है तो 18 वर्ष के बच्चों को भी संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा.'

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अधीन हैं यह संग्रहालय


- राज्य संग्रहालय, लखनऊ
- लोक कला संग्रहालय, लखनऊ
- कालिका बिन्दादीन संग्रहालय, लखनऊ
- राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर
- राजकीय जैन संग्रहालय, मथुरा
- राजकीय पुरातत्व संग्रहालय, मथुरा
- अन्तरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय, अयोध्या
- राजकीय बौद्ध संग्रहालय, कुशीनगर
- राजकीय संग्रहालय, झांसी
- राजकीय बौद्ध संग्रहालय, सिद्धार्थ नगर
- जनपदीय संग्रहालय, सुल्तानपुर
- लाल बहादुर शास्त्री संग्रहालय, रामनगर
- राजकीय स्वतंत्रता संग्रहालय, मेरठ

सबसे पुराना संग्रहालय : लखनऊ में उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना संग्रहालय मौजूद है, जिसकी स्थापना वर्ष 1863 की है. संग्रहालय में विश्व की तमाम प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ी वस्तुएं रखी हैं. संग्रहालय में आठवीं शताब्दी के सिक्‍के, मध्यकालीन मूर्तियां, अस्त्र-शस्त्र, पुराने तन्त्र, वाद्य-यन्त्र वस्त्र, सिक्‍के मुख्य हैं. प्रमुख सचिव ने बताया कि 'इस संग्रहालय में भी प्रवेश पाने के लिए ₹20 टिकट देना होता है. लखनऊ संग्रहालय राजधानी के चिड़ियाघर के अंदर स्थित है. शैक्षणिक यात्रा पर आने वाले ज्यादातर बच्चों को चिड़ियाघर में टिकट लेकर तो भ्रमण करा देते हैं, लेकिन राज्य संग्रहालय में टिकट लगे होने के कारण उन्हें यहां नहीं ले जाते हैं. ऐसे में बच्चों को जो जानकारी शैक्षणिक यात्रा से मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाती है. इसी को देखते हुए अब संग्रहालय से छोटे बच्चों का टिकट हटाया जा रहा है.'

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Last Updated : Mar 22, 2023, 1:54 PM IST
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