लखनऊ : समाज कल्याण विभाग इस पर प्रदेश के करीब 25 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ देगी. इस शैक्षणिक सत्र से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व सामान्य जाति के विद्यार्थियों को विभाग की ओर से छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की जाएगी. समाज कल्याण विभाग की ओर से छात्रवृत्ति के लिए जारी नई नियमावली के तहत पूर्व दशम छात्रवृत्ति में कक्षा 09 व 10 के एससी वर्ग के छात्रों को अब 3,500 प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति दी जाएगी. अभी तक इस वर्ग के छात्रों को ₹3000 मिलते थे. नई नियमावली के तहत इस बार छात्रवृत्ति आवेदन करते समय छात्रों को व्यक्तिगत जानकारी नहीं अपलोड करनी होगी. आधार के माध्यम से उनका नाम उनके माता-पिता का नाम व उनकी व्यक्तिगत जानकारी स्वतः ही आवेदन फार्म में फिल (Auto Fill) हो जाएगी. नियमावली के अनुसार एससी-एसटी वर्ग में अब 31 मार्च तक कक्षा 11, 12 व स्नातक, स्नातकोत्तर वाले विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा जिन छात्रों ने बीएससी या बीए जैसे नॉन प्रोफ़ेशनल कोर्स में छात्रवृत्ति लिया हो और वह लैटरल एंट्री या दूसरे माध्यमों से ( देश या राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा) के माध्यम से बीटेक या उस जैसे प्रोफेशनल कोर्स में भी अब छात्रवृत्ति की सुविधा मिलेगी.
सफाई कार्य से जुड़े लोगों के बच्चों को मिलेगी छात्रवृत्ति : समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि पहली बार प्रदेश के ऐसे परिवारों के बच्चों जो स्वच्छता कार्य से जुड़े हैं उनको कक्षा 9 व 10 प्रवेश लेने सरकार उनको छात्रवृत्ति देगी. इस योजना का लाभ सभी आय वर्ग को मिलेगा. एससी-एसटी वर्ग छात्रों को राजकीय, अनुदानित विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश व फ़्रीशिप कार्ड पोर्टल से छात्रों को छात्रवृत्ति की सैद्धांतिक स्वीकृति की सूचना एसएमएस के माध्यम से भेजी जाएगी. इसके अलावा इस बार से कक्षा 9 व 10 में निर्धारित आयु सीमा को 12 वर्ष से 20 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. जबकि कक्षा 11, 12 व अन्य उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 40 वर्ष की आयु तक छात्रवृत्ति योजना का लाभ ले सकते हैं.
2025 तक छात्रवृत्ति के लिए लागू होगी बायोमीट्रिक उपस्थिति का नियम : मंत्री ने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले को देखते हुए विभाग तरीके से सभी विद्यालयों व शिक्षक संस्थाओं में बायोमीट्रिक उपस्थिति को लागू करेगा. नई नियमावली में यह व्यवस्था की गई है कि जिन संस्थानों द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू नहीं की जाएगी. उन्हें वित्तीय वर्ष 2025-26 से छात्रवृत्ति का लाभ नहीं दिया जाएगा. ऐसे में सभी शिक्षण संस्थानों को अगले 2 वर्ष में बायोमीट्रिक उपस्थिति की प्रक्रिया को अपने यहां पर हर हाल में लागू करना होगा. समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि इस बार सरकार ने छात्रवृत्ति योजना में राशि बढ़ाकर जरूरतमंद परिवार के प्रत्येक छात्र को लाभ देने की कोशिश की है. जिसे उनको शिक्षा प्राप्त करने में और सुविधा हो सके. नई नियमावली में हमने सबका "साथ सबका विकास नीति" के अनुरूप तैयार किया है. जिससे हर जाति व आय वर्ग के लोगों को इसका पूरा लाभ मिल सके.
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