लखनऊ: दुनिया में हिंसा और आतंकवाद दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो शांति के लिए प्रयासरत हैं. ऐसा ही एक नाम है सार्थक प्रकाश सिन्हा का जो दुनिया में शांति एवंं महिला और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए कार्यरत हैं.
जानें, कौन हैं सार्थक
- सार्थक प्रकाश सिन्हा लखनऊ विश्वविद्यालय में एमबीए के स्टूडेंट है.
- सार्थक एनसीसी कैंडेट रह चुके हैं.
- ग्लोबल यूथ पीस अवॉर्ड के लिए सार्थक को चुना गया है.
- यह पुरस्कार उन्हें अगले हफ्ते मालदीव में दिया जायेगा.
- सार्थक कहते हैं कि मैं हमेशा से वुमन एंपावरमेंट और चाइल्ड डेवलपमेंट के लिए कार्य करना चाहता था.
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मेरे काम में परिवार व शिक्षकों ने साथ दिया. अपने परिवार और शिक्षकों की बदौलत मैं देश और विदेशों की अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में हिस्सा ले सका. जहां पर मैंने आतंकवाद खत्म करने और दुनिया में शांति लाने के तरफ उठाए जाने वाले कदमों के बारे में अपनी राय रखी.
-सार्थक प्रकाश सिन्हा, एमबीए स्टूडेंट, लखनऊ विश्वविद्यालय
मालदीव में 31 अगस्त को मिलेगा सम्मान
31 अगस्त को मालदीव में ग्लोबल यूथ पीस अम्बेसडर अवॉर्ड का आयोजन किया जाएगा. इसमें भारत, इराक, ईरान, नेपाल, भूटान और जापान सहित लगभग 40 देशों से 100 से भी अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. इन सभी को यह अवॉर्ड दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश से सार्थक इकलौते ऐसे युवा हैं, जिन्हें इस अवॉर्ड के लिए चयनित किया गया है.
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इस वजह से विश्व शांति के लिए काम करते हैं सार्थक
सार्थक कहते हैं कि यह काम पहले सिर्फ शौकिया तौर पर करता था, लेकिन जब मैं कई एनजीओ से जुड़ा तो देखा कि वहां की हालत काफी खराब है और जिस पर काम करने की आवश्यकता काफी ज्यादा है. इस वजह से ही मैंने एनजीओ से जुड़े रहने का फैसला किया और इस दिशा में अपना काम करता रहा. इसके पहले मैंने भारत-चीन विनिमय कार्यक्रम में भी विश्व शांति के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर अपनी बात रखी थी.
एनजीओ खोलने की इच्छा
अपने फ्यूचर गोल्स के बारे में सार्थक कहते हैं कि मैं यात्रा और पर्यटन विभाग से एमबीए कर रहा हूं ताकि भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के विषय पर काम करने की कोशिश कर सकूं. इसके अलावा मेरा मुख्य उद्देश्य वुमन एंपावरमेंट और चाइल्ड डेवलपमेंट ही रहेगा. इसके लिए भविष्य में एनजीओ खोलने की ओर भी अग्रसर हूं.