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लखनऊ: लॉकडाउन में बंद नहीं किया सारथी फोर सॉफ्टवेयर, होते रहे डीएल के लिए आवेदन

यूपी की राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन के दौरान सारथी फोर सॉफ्टवेयर बंद न किए जाने से प्रदेश भर में डीएल के लिए लाेगों ने बड़ी संख्या में आवेदन कर दिया है. अकेले लखनऊ में ही लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों आवेदन हो गए, वहीं प्रदेश में यह संख्या लाखों में पहुंच गई है. ऐसे में नए आवेदनों ने मुसीबत बढ़ा दी है. फिलहाल अब लाइसेंस के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं.

लॉकडाउन में बंद नहीं किया सारथी फोर सॉफ्टवेयर.
लॉकडाउन में बंद नहीं किया सारथी फोर सॉफ्टवेयर.
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Published : May 14, 2020, 1:41 PM IST

लखनऊ: लॉकडाउन में परिवहन विभाग बुरी तरह फंस गया है. लॉकडाउन के दौरान सारथी फोर सॉफ्टवेयर बंद न किए जाने से प्रदेश भर में डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) के लिए लाेगों ने बड़ी संख्या में आवेदन कर दिया है. ऐसे में आवेदकों को डेट एलॉट करने में मुश्किलें आ रही हैं. आलम यह है कि इस साल आवेदन करने वालों को अगले साल टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है. फिलहाल अब डीएल के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं. फिर भी उसकी परेशानी ज्यों की त्यों बनी हुई है.

पहले जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन के चलते शहर में लोगों का आना-जाना बंद हो गया. मार्च में लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में पहुंच गए. घर पहुंचे लोगों ने लॉकडाउन के दौरान अपने घरों से मोबाइल और लैपटाप से डीएल के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया. सारथी फोर साफ्टवेयर खुला होने के कारण लगातार आवेदन आते रहे. अकेले लखनऊ में ही लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों आवेदन हो गए, वहीं प्रदेश में यह संख्या लाखों में पहुंच गई है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार मार्च में ही काम रोक दिया गया था. ऐसे में जिन लोगों ने जनवरी में आवेदन किया था और मार्च की डेट मिली थी, अभी उनके ही काम पेंडिंग है, ऐसे में नए आवेदनों ने मुसीबत बढ़ा दी है.

इसे भी पढ़ें-लखनऊः लॉकडाउन ने व्यापारियों की तोड़ी उम्मीदें, मुनाफे में लगाई सेंध

परिवहन विभाग के अनुसार लॉकडाउन के बाद प्रदेश भर के आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस में भीड़ कम करने की कवायद चल रही है. आरटीओ ऑफिस में कोटा कम किए जाने की तैयारी है. अभी तक आरटीओ ऑफिस में जहां 400 लाइसेंस बनते थे. वहां पर उसकी संख्या घटा दी जाएगी. इनकी संख्या 120 कर दी जाएगी. ऐसे में आवेदकों को बारी-बारी बुलाया जाएगा. यह व्यवस्था लागू होती है तो जिन लोगों ने लाॅकडाउन की अवधि में आवेदन किया है उन्हें 2021 तक बुलाया जा सकता है.

ये है आंकड़ा

  • राजधानी में 400 से अधिक आवेदन लर्निंग लाइसेंस के आते हैं.
  • स्थाई लाइसेंस के लिए 300 से अधिक आवेदन आते हैं.
  • प्रदेश में एक दिन में तकरीबन 10 हजार लाइसेंस डिस्पैच किए जाते हैं.
  • लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में साढ़े सात लाख लोगों ने आवेदन किया.

लखनऊ: लॉकडाउन में परिवहन विभाग बुरी तरह फंस गया है. लॉकडाउन के दौरान सारथी फोर सॉफ्टवेयर बंद न किए जाने से प्रदेश भर में डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) के लिए लाेगों ने बड़ी संख्या में आवेदन कर दिया है. ऐसे में आवेदकों को डेट एलॉट करने में मुश्किलें आ रही हैं. आलम यह है कि इस साल आवेदन करने वालों को अगले साल टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है. फिलहाल अब डीएल के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं. फिर भी उसकी परेशानी ज्यों की त्यों बनी हुई है.

पहले जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन के चलते शहर में लोगों का आना-जाना बंद हो गया. मार्च में लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में पहुंच गए. घर पहुंचे लोगों ने लॉकडाउन के दौरान अपने घरों से मोबाइल और लैपटाप से डीएल के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया. सारथी फोर साफ्टवेयर खुला होने के कारण लगातार आवेदन आते रहे. अकेले लखनऊ में ही लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों आवेदन हो गए, वहीं प्रदेश में यह संख्या लाखों में पहुंच गई है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार मार्च में ही काम रोक दिया गया था. ऐसे में जिन लोगों ने जनवरी में आवेदन किया था और मार्च की डेट मिली थी, अभी उनके ही काम पेंडिंग है, ऐसे में नए आवेदनों ने मुसीबत बढ़ा दी है.

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परिवहन विभाग के अनुसार लॉकडाउन के बाद प्रदेश भर के आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस में भीड़ कम करने की कवायद चल रही है. आरटीओ ऑफिस में कोटा कम किए जाने की तैयारी है. अभी तक आरटीओ ऑफिस में जहां 400 लाइसेंस बनते थे. वहां पर उसकी संख्या घटा दी जाएगी. इनकी संख्या 120 कर दी जाएगी. ऐसे में आवेदकों को बारी-बारी बुलाया जाएगा. यह व्यवस्था लागू होती है तो जिन लोगों ने लाॅकडाउन की अवधि में आवेदन किया है उन्हें 2021 तक बुलाया जा सकता है.

ये है आंकड़ा

  • राजधानी में 400 से अधिक आवेदन लर्निंग लाइसेंस के आते हैं.
  • स्थाई लाइसेंस के लिए 300 से अधिक आवेदन आते हैं.
  • प्रदेश में एक दिन में तकरीबन 10 हजार लाइसेंस डिस्पैच किए जाते हैं.
  • लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में साढ़े सात लाख लोगों ने आवेदन किया.
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