लखनऊ: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने विद्युत वितरण कंपनियों की वर्तमान व्यवस्था में ही सुधार के लिए प्रबंधन को सहयोग करने के लिए विस्तृत कार्य योजना ऊर्जा मंत्री के सामने प्रस्तुत की. इसमें मीटरिंग व बिलिंग व्यवस्था में सुधार, राजस्व वसूली में वृद्धि करने, लाइन लॉस में कमी लाने, बिजली चोरी में कमी लाने, विभागीय कार्य प्रणाली में कार्य का स्वस्थ वातावरण एवं बेहतर कार्य संस्कृति अपनाए जाने पर जोर दिया गया है. संघर्ष समिति ने प्रस्तुत प्रस्तावों पर जल्द अमल करने का अनुरोध किया.
सुझाव लेकर तैयार किया गया है प्रस्ताव
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के सरकार के प्रस्ताव के विरोध में छह अक्टूबर को वित्त मंत्री और ऊर्जा मंत्री के साथ संघर्ष समिति के बीच लिखित समझौता हुआ था. यह सहमति बनी थी कि उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही सुधार के लिए कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्रवाई की जाएगी. संघर्ष समिति ने सुधार समितियों का गठन कर क्षेत्रों में सुधार संगोष्ठियों का आयोजन किया. संगोष्ठियों में विशेषज्ञ एवं अनुभवी बिजली अभियन्ताओं व क्षेत्रों में धरातल पर कार्य कर रहे कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए.
समय पर मैन, मैटेरियल, मनी उपलब्ध कराए ऊर्जा प्रबंधन
शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बिजली कर्मचारी और जूनियर इंजीनियर बेहतर उपभोक्ता सेवा व ऊर्जा निगमों में सुधारों के लिए प्रतिबद्ध हैं. वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही प्रबंधन को सहयोग करने के लिए कार्य योजना को अमल में लाएंगे. यह आवश्यक है कि पावर कारपोरेशन मानक के अनुरूप समय पर मैन, मेटीरियल एवं मनी उपलब्ध कराए.