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प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग की सान्या गुप्ता को मिले आठ स्वर्ण पदक व एक बुक प्राइस

लखनऊ विश्वविद्यालय के सत्र 2020-21 दीक्षांत समारोह में सान्या गुप्ता को आठ स्वर्ण पदक मिले थे. हालांकि सान्या समारोह में आकर अपने पदक प्राप्त नहीं कर पायीं. प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग में सान्या गुप्ता को 2020-21 के आठ स्वर्ण पदक और बुक प्राइज सोमवार को सौंपे गए.

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Published : Dec 12, 2022, 10:49 PM IST

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के सत्र 2020-21 दीक्षांत समारोह में सान्या गुप्ता को आठ स्वर्ण पदक मिले थे. हालांकि सान्या समारोह में आकर अपने पदक प्राप्त नहीं कर पायीं. प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग में सान्या गुप्ता को 2020-21 के आठ स्वर्ण पदक और बुक प्राइज सोमवार को सौंपे गए. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक डाॅ. राकेश तिवारी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली द्वारा संचालित डिप्लोमा इन आर्कियोलॉजी की द्वितीय वर्ष छात्रा सान्या गुप्ता को मेडल प्रदान किए.

इसमें सान्या को उर्मिला शुक्ला मेमोरियल गोल्ड मेडल, सर श्रीनिवास वरदाचरियर गोल्ड मेडल, पंडित किशन नारायण वंटू पंडित महाराज किशन हंडू गोल्ड मेडल, त्रिलोकी नाथ गुर्टू मेमोरियल गोल्ड मेडल, राय बहादुर प्रयाग दलाल मेमोरियल गोल्ड मेडल, गंगा प्रसाद मिश्रा मेमोरियल गोल्ड मेडल, डॉ बृजेन्द्र नाथ शर्मा मेमोरियल गोल्ड मेडल, आरएस दास मेमोरियल गोल्ड मेडल के साथ उत्पलासन/सच्चिदानंद भट्टाचार्य बुक प्राइज दिया गया. कार्यक्रम में विभाग के प्रो प्रशांत श्रीवास्तव, प्रो ममता मिश्रा, प्रो अनिल कुमार , डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव और विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक राकेश चौबे मुख्य अतिथि के रुप में आए थे. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक नियुक्त होने के पूर्व डॉ. तिवारी उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग के भी निदेशक रह चुके हैं. साल 1973 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की.

रिसर्च संस्थानों की मैपिंग करता आई स्टेम

मेधावी परिषद ने जी 20 पर चर्चा की

लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विभाग की ओर से आई स्टेम: वैज्ञानिक रूप से इच्छुक शोधकर्ताओं के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल विषय पर वार्ता की गई. आईआईएससी के बैंगलोर के आई स्टेम के मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. संजीव कुमार श्रीवास्तव बताया कि योजना के तहत पूरे भारत अलग अलग जगहों पर पाए जाने वाले वैज्ञानिक संसाधनों के मैपिंग का प्रयास किया जाता है और यह मैपिंग वेब पोर्टल के साथ एकीकृत है. उन्होंने कहा कि यह पोर्टल वैज्ञानिक समुदाय को एक अनूठा मंच प्रदान कर रहा है. जो विविध संसाधनों के आसान उपयोग की अनुमति देता है. विभिन्न विश्वविद्यालय, संगठन इस वेब पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कर सकते हैं और भारत में मौजूद विभिन्न सॉफ्टवेयर और संसाधनों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह पोर्टल एक विशेष क्षेत्र में उपलब्ध विशेषज्ञों का एक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय डेटा भी विकसित कर रहा है, और यह प्रयास भारत को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर और आगे बढ़ाएगा. व्याख्यान में भौतिक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.एनके पांडेय समेत यूजी, पीजी, शोध छात्रों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया.लखनऊ विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय में सोमवार को जी 20 पर चर्चा की गई. चर्चा का मुख्य आकर्षण भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी पर केन्द्रित था. लोकतंत्र और बहुपक्षवाद के लिए गहराई से प्रतिबद्ध राष्ट्र, भारत के लिए जी 20 प्रेसीडेंसी एक गर्व का क्षण होगा जो भारतीय संस्कृति को परिलक्षित करेगा जिसका सूत्र वाक्य ही 'वसुधैव कुटुम्बकम' है. मेधावी परिषद के छात्रों ने जी 20 शिखर सम्मेलन, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, भारतीय भाषाओं के महत्व, जीडीपी में भारत के योगदान जैसे विभिन्न विषयों पर अपनी राय व्यक्त करी. छात्रों ने महामारी और सतत आर्थिक विकास के बाद दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की मुख्य विशेषताओं पर चर्चा करी तथा स्थानीय कारीगरों और कौशल विकास पर विशेष जोर दिया. चर्चा में क्षेत्रीय संगठन सचिव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद घनश्याम शाही, अपर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अमृतांशु शुक्ला व प्रोफेसर राघवेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे.

विद्यार्थियों को बताए मौलिक अधिकार

ड्राफ्टिंग के सभी बिन्दु जरूरी

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय की संस्था विधिक सहायता केंद्र और जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से सीएमएस अलीगंज में विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया. केंद्र की सदस्य कोमल तिवारी ने छात्र छात्राओं को शोषण के विरुद्ध अधिकार एवं धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के बारे में बताया. अमन कुमार जायसवाल ने संस्कृति संबंधी अधिकार एवं अनुच्छेद 32 के जरिए सांवैधानिक निदान, रिया मिश्रा ने छात्रों को मूल कर्तव्य के बारे में बताया. शिविर के अंत में छात्रों के मौलिक अधिकार एवं मूल कर्तव्य से संबंधित प्रश्नों के जवाब वरिष्ठ सदस्य रोशनी ठाकुर ने दिए.लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित विधि संकाय की अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन, ड्राफ्टिंग एवं लिटरेरी सोसायटी की ओर से विधि छात्रों को ड्राफ्टिंग की कला सिखाने के लिए व्याख्यान हुआ. उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के अधिवक्ता समर्थ सक्सेना ने विद्यार्थियों को बताया कि विधि व्यवसायी हों या विधि छात्र प्लीडिंग, ड्राफ्टिंग सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. एक सफल अधिवक्ता होने के लिए ड्राफ्टिंग के सभी बिंदु पर ध्यान दे कर काम करना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन स्टूडेंट डीन इन्द्र दमन तिवारी ने किया. इस अवसर पर संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. बंशीधर सिंह, अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन, ड्राफ्टिंग एवं लिटरेरी सोसायटी के को-आर्डिनेटर डॉ. हरीश चन्द्र, प्रेसिडेंट तुषार पांडेय व अन्य मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : छात्रवृत्ति के लिए अब 26 दिसंबर तक अंतिम अवसर, 19 तक मास्टर डाटा अपडेशन कर सकेंगे संस्थान

लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय के सत्र 2020-21 दीक्षांत समारोह में सान्या गुप्ता को आठ स्वर्ण पदक मिले थे. हालांकि सान्या समारोह में आकर अपने पदक प्राप्त नहीं कर पायीं. प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग में सान्या गुप्ता को 2020-21 के आठ स्वर्ण पदक और बुक प्राइज सोमवार को सौंपे गए. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक डाॅ. राकेश तिवारी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली द्वारा संचालित डिप्लोमा इन आर्कियोलॉजी की द्वितीय वर्ष छात्रा सान्या गुप्ता को मेडल प्रदान किए.

इसमें सान्या को उर्मिला शुक्ला मेमोरियल गोल्ड मेडल, सर श्रीनिवास वरदाचरियर गोल्ड मेडल, पंडित किशन नारायण वंटू पंडित महाराज किशन हंडू गोल्ड मेडल, त्रिलोकी नाथ गुर्टू मेमोरियल गोल्ड मेडल, राय बहादुर प्रयाग दलाल मेमोरियल गोल्ड मेडल, गंगा प्रसाद मिश्रा मेमोरियल गोल्ड मेडल, डॉ बृजेन्द्र नाथ शर्मा मेमोरियल गोल्ड मेडल, आरएस दास मेमोरियल गोल्ड मेडल के साथ उत्पलासन/सच्चिदानंद भट्टाचार्य बुक प्राइज दिया गया. कार्यक्रम में विभाग के प्रो प्रशांत श्रीवास्तव, प्रो ममता मिश्रा, प्रो अनिल कुमार , डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव और विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक राकेश चौबे मुख्य अतिथि के रुप में आए थे. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक नियुक्त होने के पूर्व डॉ. तिवारी उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग के भी निदेशक रह चुके हैं. साल 1973 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की.

रिसर्च संस्थानों की मैपिंग करता आई स्टेम

मेधावी परिषद ने जी 20 पर चर्चा की

लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विभाग की ओर से आई स्टेम: वैज्ञानिक रूप से इच्छुक शोधकर्ताओं के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल विषय पर वार्ता की गई. आईआईएससी के बैंगलोर के आई स्टेम के मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. संजीव कुमार श्रीवास्तव बताया कि योजना के तहत पूरे भारत अलग अलग जगहों पर पाए जाने वाले वैज्ञानिक संसाधनों के मैपिंग का प्रयास किया जाता है और यह मैपिंग वेब पोर्टल के साथ एकीकृत है. उन्होंने कहा कि यह पोर्टल वैज्ञानिक समुदाय को एक अनूठा मंच प्रदान कर रहा है. जो विविध संसाधनों के आसान उपयोग की अनुमति देता है. विभिन्न विश्वविद्यालय, संगठन इस वेब पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कर सकते हैं और भारत में मौजूद विभिन्न सॉफ्टवेयर और संसाधनों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह पोर्टल एक विशेष क्षेत्र में उपलब्ध विशेषज्ञों का एक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय डेटा भी विकसित कर रहा है, और यह प्रयास भारत को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर और आगे बढ़ाएगा. व्याख्यान में भौतिक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.एनके पांडेय समेत यूजी, पीजी, शोध छात्रों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया.लखनऊ विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय में सोमवार को जी 20 पर चर्चा की गई. चर्चा का मुख्य आकर्षण भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी पर केन्द्रित था. लोकतंत्र और बहुपक्षवाद के लिए गहराई से प्रतिबद्ध राष्ट्र, भारत के लिए जी 20 प्रेसीडेंसी एक गर्व का क्षण होगा जो भारतीय संस्कृति को परिलक्षित करेगा जिसका सूत्र वाक्य ही 'वसुधैव कुटुम्बकम' है. मेधावी परिषद के छात्रों ने जी 20 शिखर सम्मेलन, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, भारतीय भाषाओं के महत्व, जीडीपी में भारत के योगदान जैसे विभिन्न विषयों पर अपनी राय व्यक्त करी. छात्रों ने महामारी और सतत आर्थिक विकास के बाद दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की मुख्य विशेषताओं पर चर्चा करी तथा स्थानीय कारीगरों और कौशल विकास पर विशेष जोर दिया. चर्चा में क्षेत्रीय संगठन सचिव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद घनश्याम शाही, अपर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अमृतांशु शुक्ला व प्रोफेसर राघवेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे.

विद्यार्थियों को बताए मौलिक अधिकार

ड्राफ्टिंग के सभी बिन्दु जरूरी

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय की संस्था विधिक सहायता केंद्र और जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से सीएमएस अलीगंज में विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया. केंद्र की सदस्य कोमल तिवारी ने छात्र छात्राओं को शोषण के विरुद्ध अधिकार एवं धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के बारे में बताया. अमन कुमार जायसवाल ने संस्कृति संबंधी अधिकार एवं अनुच्छेद 32 के जरिए सांवैधानिक निदान, रिया मिश्रा ने छात्रों को मूल कर्तव्य के बारे में बताया. शिविर के अंत में छात्रों के मौलिक अधिकार एवं मूल कर्तव्य से संबंधित प्रश्नों के जवाब वरिष्ठ सदस्य रोशनी ठाकुर ने दिए.लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित विधि संकाय की अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन, ड्राफ्टिंग एवं लिटरेरी सोसायटी की ओर से विधि छात्रों को ड्राफ्टिंग की कला सिखाने के लिए व्याख्यान हुआ. उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के अधिवक्ता समर्थ सक्सेना ने विद्यार्थियों को बताया कि विधि व्यवसायी हों या विधि छात्र प्लीडिंग, ड्राफ्टिंग सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. एक सफल अधिवक्ता होने के लिए ड्राफ्टिंग के सभी बिंदु पर ध्यान दे कर काम करना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन स्टूडेंट डीन इन्द्र दमन तिवारी ने किया. इस अवसर पर संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. बंशीधर सिंह, अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन, ड्राफ्टिंग एवं लिटरेरी सोसायटी के को-आर्डिनेटर डॉ. हरीश चन्द्र, प्रेसिडेंट तुषार पांडेय व अन्य मौजूद रहे.

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