लखनऊ: जिले में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में बलरामपुर अस्पताल में कई कोरोना संदिग्ध बीते दिनों भर्ती किए गए, जिसके बाद इन सभी के सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे गए हैं.
जांच के लिए भेजे गए कोरोना संदिग्धों के सैंपल
बलरामपुर अस्पताल में कोरोना के 5 संदिग्ध मरीजों के नमूने भेजे गए हैं, जिसमें एक 45 वर्षीय मरीज बंथरा क्षेत्र का रहने वाला है. इसके अलावा 4 मरीजों को अज्ञात मानकर भर्ती किया गया है. इसके बाद सभी को कोरोना संदिग्ध मानते हुए प्रशासन ने सभी के नमूने केजीएमयू जांच के लिए भेजे हैं. कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण अस्पताल की इमरजेंसी का संचालन पहले ही दो श्रेणी में किया जा रहा है. इसके साथ इमरजेंसी में आने वाले मरीजों मे अगर कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो उसको पुरानी इमरजेंसी के सामने बने वार्ड में भर्ती किया जाता है. जहां पर पीपीई किट समेत प्रोटोकॉल पूरा करने के बाद डॉक्टर और स्टाफ को भेजा जा रहा है. इसके अलावा सामान्य मरीज को सीधे इमरजेंसी में ही भर्ती किया जाता है.
बलरामपुर अस्पताल से पांच कोरोना संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे
बलरामपुर अस्पताल के पांच मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर प्रशासन ने इनके सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे हैं. वहीं कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से अस्पताल की इमरजेंसी का संचालन दो श्रेणी में किया जा रहा है.
लखनऊ: जिले में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में बलरामपुर अस्पताल में कई कोरोना संदिग्ध बीते दिनों भर्ती किए गए, जिसके बाद इन सभी के सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे गए हैं.
जांच के लिए भेजे गए कोरोना संदिग्धों के सैंपल
बलरामपुर अस्पताल में कोरोना के 5 संदिग्ध मरीजों के नमूने भेजे गए हैं, जिसमें एक 45 वर्षीय मरीज बंथरा क्षेत्र का रहने वाला है. इसके अलावा 4 मरीजों को अज्ञात मानकर भर्ती किया गया है. इसके बाद सभी को कोरोना संदिग्ध मानते हुए प्रशासन ने सभी के नमूने केजीएमयू जांच के लिए भेजे हैं. कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण अस्पताल की इमरजेंसी का संचालन पहले ही दो श्रेणी में किया जा रहा है. इसके साथ इमरजेंसी में आने वाले मरीजों मे अगर कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो उसको पुरानी इमरजेंसी के सामने बने वार्ड में भर्ती किया जाता है. जहां पर पीपीई किट समेत प्रोटोकॉल पूरा करने के बाद डॉक्टर और स्टाफ को भेजा जा रहा है. इसके अलावा सामान्य मरीज को सीधे इमरजेंसी में ही भर्ती किया जाता है.