लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने बुधवार को अचानक प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन का कार्यक्रम जारी कर दिया. इसके तहत पार्टी आगामी एक अक्टूबर को प्रदेश के सभी तहसील मुख्यालयों पर धरना देगी. बढ़ती महंगाई, किसानों की बदहाली और बेरोजगारी के संकट को लेकर पार्टी ने आंदोलन करने का फैसला किया है.
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सपा करेगी भाजपा के खिलाफ आंदोलन
सपा के प्रस्तावित आंदोलन की जानकारी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को बयान जारी कर दी है. उन्होंने बताया की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी ने आंदोलन का फैसला किया है. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से किसानों की बदहाली शुरू हो गई है. कर्ज माफी के नाम पर किसानों को धोखा दिया गया.
भाजपा राज में महंगाई चरम पर
अब तक किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला और न गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान हुआ. उन्होंने कहा कि भाजपा राज में महंगाई चरम पर है. डीजल-पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ाते जा रहे हैं. सरकार ने अब किसानों के लिए बिजली भी महंगी कर दी है. गांव में किसानों को अब 15 फीसदी अधिक बिजली बिल का भुगतान करना पड़ेगा. इससे न सिर्फ गरीबों का जीवन मुश्किल होगा बल्कि बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी से लोगों की कमर ही टूट जाएगी.
देश में बेरोजगारी की दर पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा
बयान में यह भी कहा गया है कि बेरोजगारी इन दिनों चरम पर है. नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद से बड़ी संख्या में उद्योग धंधे बंद हो गए. लाखों कर्मचारियों की छटनी हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही देश में बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा है. ऐसे में सपा ने जन भावनाओं को आवाज देने के लिए धरना देने का फैसला किया है. एक अक्टूबर को पार्टी के सभी कार्यकर्ता, विधायक और सांसद अपने-अपने क्षेत्र में तहसील मुख्यालयों पर मौजूद रहेंगे और धरना कार्यक्रम को सफल बनाएंगे.